भारत में आगामी जनगणना 2027 में डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल के साथ एक नया इतिहास लिखने जा रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, जनगणना 2027 के अंत तक अंतिम जनसंख्या डेटा उपलब्ध हो सकता है। यह पहले की तुलना में काफी तेजी से होगा। यह पहली बार होगा जब जनगणना डेटा को पूरी तरह डिजिटल रूप से एकत्र किया जाएगा, जिसमें मोबाइल ऐप्स का इस्तेमाल 16 भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी और 14 क्षेत्रीय भाषाओं) में किया जाएगा।
जनगणना 2027 दो चरणों में आयोजित की जाएगी। पहला चरण 2026 में हाउस-लिस्टिंग होगा, जिसमें घरों की जानकारी एकत्र की जाएगी। दूसरा चरण फरवरी 2027 में जनसंख्या गणना होगा, जिसमें व्यक्तिगत विवरण दर्ज किए जाएंगे। सरकार ने 1 मार्च, 2027 को जनगणना के लिए संदर्भ तिथि घोषित की है। कोविड महामारी के कारण यह जनगणना, जो मूल रूप से 2020 में शुरू होने वाली थी, स्थगित हो गई थी।
जनगणना कर्मियों को अब भारी-भरकम कागजी फॉर्म ले जाने की जरूरत नहीं होगी। मोबाइल ऐप्स के माध्यम से डेटा तुरंत दर्ज किया जाएगा, जिसमें पहले से कोडेड प्रतिक्रियाएं और ड्रॉपडाउन मेन्यू विकल्प उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, इंटेलिजेंट कैरेक्टर रिकग्निशन (ICR) तकनीक का उपयोग असंरचित डेटा को व्यवस्थित करने में किया जाएगा, जिससे डेटा प्रोसेसिंग में समय और संसाधनों की बचत होगी। नागरिकों को स्व-गणना (सेल्फ-एन्यूमरेशन) का विकल्प भी दिया जाएगा, जिससे वे स्वयं अपने डेटा को ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे।
जनगणना के सुचारू संचालन, प्रबंधन और निगरानी के लिए रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) के कार्यालय ने एक जनगणना प्रबंधन और निगरानी प्रणाली (CMMS) पोर्टल विकसित किया है। यह पोर्टल डिजिटल जनगणना की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और कुशल बनाएगा।
पिछली जनगणना 2011 में अंतिम जनसंख्या डेटा को राष्ट्रीय, राज्य, जिला और तालुक स्तर पर प्रकाशित करने में लगभग दो साल लग गए थे। लेकिन डिजिटल तकनीक और मोबाइल ऐप्स के उपयोग से इस बार डेटा प्रोसेसिंग में केवल नौ महीने लगने का अनुमान है। यह तेजी नीति निर्माण और संसाधन आवंटन में मदद करेगी।
जनगणना 2027 न केवल जनसंख्या डेटा देगी, बल्कि यह 2029 के आम चुनाव के लिए लोकसभा सीटों के पुनर्वितरण और निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के लिए भी आधार बनेगी। इसके अलावा, 1931 के बाद पहली बार जाति आधारित डेटा भी एकत्र किया जाएगा, जो सामाजिक और आर्थिक नीतियों के लिए महत्वपूर्ण होगा।
डिजिटल जनगणना 2027 भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो तकनीक के उपयोग से डेटा संग्रह और प्रोसेसिंग को अधिक तेज, सटीक और कुशल बनाएगा। यह न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि देश की विकास योजनाओं और कल्याणकारी योजनाओं को और प्रभावी बनाने में भी योगदान देगा।