Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • अब अरविंद केजरीवाल ने मांगा नोबेल पुरस्कार, LG की अड़ंगे लगाने के बावजूद दिल्ली का विकास करने पर की मांग
    • समाज सेवी डॉक्टर साहब से अब जननेता – एमके विष्णु प्रसाद – तमिलनाडु की सियासत में चमका नया सितारा
    • Russia Famous Forts Story: रूस के किलों की कहानी, किलों के पीछे छुपे रहस्य को जानते हैं
    • Lucknow news: 2027 में सरकार बनते ही… होगी हर घोटाले की जांच
    • बिहार में बदलेगा भविष्य! नीतीश कैबिनेट ने ‘युवा आयोग’ गठन और 35% ‘महिला आरक्षण’ पर लगाई मुहर
    • महाराष्ट्र में भड़क उठी भाषा की ज्वाला! ‘पटक-पटक कर मारेंगे’ पर गरजे उद्धव ठाकरे, बोले- कुछ नेता इंसान नहीं, लकड़बग्घे हैं…
    • Raj Thackeray News: राज ठाकरे को ‘खुला छोड़ना खतरनाक, इस नेता ने कर दी ऐसी कार्रवाई की मंग
    • Bihar Politics: ‘एक्टर हैं, उनकी कोई विचारधारा नहीं, ऊल-जुलूल बयान देने में माहिर…’ तेजस्वी ने चिराग पासवान पर कसा तंज
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » तमिलनाडु में वक्फ बिल के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पास; नीतीश-नायडू पर दबाव बढ़ेगा?
    भारत

    तमिलनाडु में वक्फ बिल के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पास; नीतीश-नायडू पर दबाव बढ़ेगा?

    By March 27, 2025No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    तमिलनाडु विधानसभा ने गुरुवार को केंद्र सरकार के वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के ख़िलाफ़ एक प्रस्ताव पारित किया है। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इस प्रस्ताव को पेश करते हुए इसे मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और संपत्ति के अधिकारों पर हमला करार दिया। इस कदम ने न केवल केंद्र की भाजपा नीत सरकार को चुनौती दी है, बल्कि एनडीए के सहयोगी दलों, खासकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर भी एक तरह से दबाव बना दिया है। क्या अब इन दोनों नेताओं पर अपने-अपने राज्यों में ऐसा ही कदम उठाने का दबाव बढ़ेगा

    तमिलनाडु विधानसभा का यह प्रस्ताव केंद्र सरकार से वक्फ विधेयक को पूरी तरह वापस लेने की मांग करता है। स्टालिन ने अपने संबोधन में कहा कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय की स्वायत्तता को कमजोर करता है और संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लंघन करता है। यह अनुच्छेद धार्मिक समूहों को अपने मामलों के प्रबंधन का अधिकार देता है। 

    स्टालिन का यह क़दम न केवल तमिलनाडु की डीएमके सरकार की अल्पसंख्यक समर्थक छवि को मज़बूत करता है, बल्कि गैर-भाजपा शासित राज्यों के लिए एक मिसाल भी कायम करता है। सवाल यह है कि क्या यह अन्य राज्यों को भी इसी तरह का क़दम उठाने के लिए प्रेरित करेगा, खासकर उन राज्यों को जहां विपक्षी दल और बीजेपी के सहयोगी सत्ता में हैं।

    एनडीए में बीजेपी के प्रमुख सहयोगी नीतीश कुमार का जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी इस समय केंद्र सरकार के लिए अहम हैं, क्योंकि बीजेपी के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत नहीं है। बिहार और आंध्र प्रदेश दोनों ही राज्यों में मुस्लिम आबादी ठीक-ठाक है। बिहार में क़रीब 17% और आंध्र प्रदेश में लगभग 9.5%। ये दोनों दल काफ़ी हद तक मुस्लिम वोटबैंक पर लंबे समय से निर्भर रहे हैं, और उनकी पार्टियों की धर्मनिरपेक्ष छवि उनकी राजनीतिक सफलता का एक बड़ा कारण रही है।

    तमिलनाडु के इस क़दम के बाद अब मुस्लिम संगठन और विपक्षी दल नीतीश और नायडू पर दबाव बढ़ा सकते हैं कि वे भी वक्फ विधेयक के ख़िलाफ़ खुलकर सामने आएं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड यानी एआईएमपीएलबी पहले ही इन दोनों नेताओं से इस विधेयक का विरोध करने की अपील कर चुका है। 

    बिहार में एआईएमपीएलबी ने हाल ही में पटना में धरना प्रदर्शन किया, जिसमें नीतीश कुमार की चुप्पी पर सवाल उठाए गए। इसी तरह आंध्र प्रदेश में भी मुस्लिम समुदाय के बीच इस विधेयक को लेकर नाराजगी बढ़ रही है।

    नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के लिए यह स्थिति जटिल है। एक ओर, वे एनडीए के हिस्से हैं और केंद्र में भाजपा के साथ सत्ता साझा कर रहे हैं। दूसरी ओर, उनके राज्यों में मुस्लिम वोटबैंक उनकी राजनीतिक ताक़त का अहम हिस्सा है। बिहार में नीतीश का सेक्युलर चेहरा पहले ही सवालों के घेरे में आ चुका है, खासकर जब मुस्लिम संगठनों ने उनकी इफ्तार पार्टी का बहिष्कार किया था। वहीं, नायडू ने हाल के दिनों में मुस्लिम समुदाय को लेकर सकारात्मक बयान दिए हैं, जैसे कि उनकी ‘हिंदू और मुस्लिम दो आंखें’ वाली टिप्पणी, लेकिन टीडीपी ने अभी तक इस विधेयक पर खुलकर कोई रुख नहीं अपनाया है।

    अगर ये दोनों नेता तमिलनाडु की तरह वक्फ बिल के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित करते हैं, तो यह एनडीए में दरार पैदा कर सकता है। लेकिन अगर वे चुप रहते हैं या केंद्र का समर्थन करते हैं, तो उनके अपने वोटबैंक में नाराजगी बढ़ सकती है, जो आगामी बिहार विधानसभा चुनाव और आंध्र प्रदेश में उनकी स्थिति को प्रभावित कर सकता है।

    विपक्षी दल, खासकर कांग्रेस, आरजेडी और एआईएमआईएम, इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। तमिलनाडु का प्रस्ताव उनके लिए एक नैतिक जीत है, और वे इसे नीतीश और नायडू पर दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पहले ही चेतावनी दी है कि अगर यह विधेयक पास हुआ, तो इतिहास इन नेताओं को मुस्लिम विरोधी के रूप में याद रखेगा। मुस्लिम समुदाय भी उम्मीद कर रहा है कि ये नेता उनकी भावनाओं का सम्मान करेंगे और इस विधेयक को रोकने में मदद करेंगे।

    वक्फ विधेयक अभी संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी के पास विचाराधीन है, और संसद में इसकी मंजूरी एनडीए के सहयोगियों के रुख पर काफी हद तक निर्भर करेगी। तमिलनाडु का यह कदम नीतीश और नायडू के लिए एक परीक्षा की तरह है। अगर वे अपने राज्यों में ऐसा ही प्रस्ताव लाते हैं तो यह केंद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। लेकिन अगर वे ऐसा नहीं करते, तो उनकी सेक्युलर छवि और मुस्लिम वोटबैंक पर सवाल उठ सकते हैं।

    तमिलनाडु विधानसभा का प्रस्ताव वक्फ विधेयक के ख़िलाफ़ एक मज़बूत राजनीतिक बयान है, जो एनडीए के भीतर और बाहर बहस को तेज करेगा। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू पर दबाव निश्चित रूप से बढ़ेगा, क्योंकि वे केंद्र के साथ गठबंधन और अपने राज्य के वोटबैंक के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करेंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे तमिलनाडु की राह पर चलते हैं या भाजपा के साथ अपनी वफादारी को प्राथमिकता देते हैं। 

    (इस रिपोर्ट का संपादन अमित कुमार सिंह ने किया है)

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleधनखड़ ने शाह के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव खारिज क्यों किया?
    Next Article Kerala Spice Plantations: केरल के मसाला बागान, बेहतरीन समर डेस्टिनेशन और रोमांचक गतिविधियों का खजाना

    Related Posts

    ट्रंप की तकरीर से NATO में दरार!

    June 25, 2025

    ईरान ने माना- उसके परमाणु ठिकानों को काफी नुकसान हुआ, आकलन हो रहा है

    June 25, 2025

    Satya Hindi News Bulletin। 25 जून, शाम तक की ख़बरें

    June 25, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

    June 22, 2025

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    MECL में निकली भर्ती, उम्मीवार ऐसे करें आवेदन, जानें क्या है योग्यता

    June 13, 2025

    ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

    May 28, 2025

    पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

    May 14, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.