भारत-पाक तनाव के बीच तुर्की और अज़रबैजान के खुले पाकिस्तान समर्थन और हथियार सहायता के बाद भारत में तुर्की कंपनियों के खिलाफ विरोध की लहर तेज़ हो गई है। इसका सीधा असर भारत में सक्रिय तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर पड़ा है, जिसकी सुरक्षा मंजूरी (Security Clearance) को भारत सरकार ने तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है।
7800 कर्मचारी बेरोज़गारी की कगार पर
सरकारी आदेश के अनुसार, यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में की गई है। सेलेबी भारत में मुंबई, दिल्ली, कोचीन, कन्नूर, बैंगलोर, हैदराबाद, गोवा, अहमदाबाद और चेन्नई सहित नौ हवाई अड्डों पर सेवाएं दे रही थी। इसके तहत 7800 से अधिक कर्मचारी सीधे और हज़ारों अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं, जिनका भविष्य अब अनिश्चित हो गया है।
हालांकि सेलेबी एविएशन इंडिया ने एक बयान जारी कर कहा कि वो तुर्की के किसी भी राजनीतिक दल या वहां की सरकार से जुड़ी है। कंपनी ने कहा, “हम किसी भी तरह से तुर्की संगठन नहीं हैं और कॉर्पोरेट प्रशासन, पारदर्शिता और तटस्थता की वैश्विक रूप से स्वीकृत प्रथाओं का पूरी तरह से पालन करते हैं, किसी भी विदेशी सरकार या व्यक्तियों के साथ कोई राजनीतिक संबद्धता या संबंध नहीं रखते हैं।” उसने कहा कि तुर्की के मौजूदा राष्ट्रपति के परिवार से भी इस कंपनी का कोई संंबंध नहीं है।
सेलेबी ने भारत में 2008 में मुंबई से काम शुरू किया था और 2023 के G20 शिखर सम्मेलन में दिल्ली एयरपोर्ट की ग्राउंड हैंडलिंग करने वाली एकमात्र एजेंसी रही थी। 16 वर्षों की इस उपस्थिति के बाद, यह पहली बार है कि किसी अंतरराष्ट्रीय GHA को इस प्रकार भारत से निष्कासित किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया में अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान दोनों को “महान देश” बताते हुए तटस्थ रुख अपनाया है। भारत को मित्र राष्ट्र मानने के बावजूद अमेरिका ने इस विवाद में कोई स्पष्ट पक्ष नहीं लिया है। लेकिन लोगों का गुस्सा अमेरिका के रवैए पर नहीं है, जो लगातार कह रहा है कि भारत-पाकिस्तान युद्धविराम उसने कराया है।
सेलेबी प्रकरण भारत में सुरक्षा और राष्ट्रीय भावना के साथ आर्थिक स्थायित्व और रोजगार संरक्षण की टकराहट को उजागर करता है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि सरकार और विमानन उद्योग इस संभावित संकट से कैसे निपटते हैं।
इस कार्रवाई से ठीक पहले शिवसेना शिंदे गुट ने मुंबई एयरपोर्ट पर प्रदर्शन किया, जिसमें सेलेबी को ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसी (GHA) के रूप में हटाने की मांग की गई। इसके बाद ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) ने कंपनी की मंजूरी रद्द करने का आदेश जारी किया।
विरोध प्रदर्शनों और ‘राष्ट्रभक्ति’ के आह्वान के बीच यह सवाल गहराता जा रहा है कि 7800 कर्मचारियों का क्या होगा। न तो सरकार ने अभी कोई पुनर्वास योजना जारी की है और न ही देशभक्त प्रदर्शनकारी इस मानवीय संकट पर विचार कर रहे हैं।
सेलेबी की सेवाएं अचानक रोकने से भारत के उड्डयन क्षेत्र में ग्राउंड हैंडलिंग सेवाओं में रुकावट की आशंका है। एयरलाइनों को जल्दबाज़ी में वैकल्पिक एजेंसियां नियुक्त करनी पड़ेंगी, जिन्हें नए कर्मचारियों की भर्ती और प्रशिक्षण में समय लगेगा। इससे यात्रियों की सुविधा पर भी असर पड़ सकता है।