दिल्ली की हवा बेहद ख़राब हो गई है। यह इतनी ख़तरनाक हो गई है कि तकनीकी भाषा में इसे ‘गंभीर’ कहा जाता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई से मापे जाने वाली हवा की गुणवत्ता 400 के पार और 500 के क़रीब हो गई है। इसे ‘गंभीर प्लस’ स्तर के करीब पहुंचना कहा जा सकता है। कहा जा रहा है कि हाल के वर्षों में नवंबर में इस स्तर तक हवा जहरीली नहीं हुई थी। यही वजह है कि राजधानी में सख़्त प्रतिबंध लागू किए गए हैं जिसे ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी जीआरएपी का स्टेज-4 कहा जाता है।
इस तरह की सख़्ती में क्या-क्या प्रतिबंध लगाए गए हैं, यह जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई का पैमाना क्या है। 201 से 300 के बीच एक्यूआई को ‘ख़राब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत ख़राब’ और 401 और 500 के बीच होने पर उसे ‘गंभीर’ माना जाता है। इससे ज़्यादा होने पर इसे ‘गंभीर प्लस’ माना जाता है।
पीएम2.5 के पैमाने पर हवा की गुणवत्ता मापी जाती है। पीएम2.5 प्रदूषण के प्रमुख कारकों में से एक है। पीएम2.5 का एक्यूआई से सीधा संबंध है। एक्यूआई से हवा में मौजूद ‘पीएम 2.5’, ‘पीएम 10’, सल्फ़र डाई ऑक्साइड और अन्य प्रदूषण के कणों का पता चलता है। पीएम यानी पर्टिकुलेट मैटर वातावरण में मौजूद बहुत छोटे कण होते हैं जिन्हें आप साधारण आँखों से नहीं देख सकते। ‘पीएम10’ मोटे कण होते हैं। लेकिन स्वास्थ्य के लिए ये बेहद ख़तरनाक होते हैं। कई बार तो ये कण जानलेवा भी साबित होते हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, शाम 6 बजे एक्यूआई 494 था। इससे पहले रविवार को औसत प्रदूषण का स्तर 2022 के बाद से अक्टूबर से नवंबर के लिए सबसे खराब था। सोमवार को सुबह 11 बजे तक द्वारका और नजफगढ़ में सबसे अधिक प्रदूषण 500 के एक्यूआई दर्ज किया गया। सभी स्टेशनों ने वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ श्रेणी में बताया, जो 400 अंक को पार कर गया, और यह 500 के क़रीब पहुंच रहा था।
जीआरएपी-4 के तहत कैसी सख्ती
जीआरएपी के चरण-4 के तहत सरकार ने रक्षा, मेट्रो, रेलवे, हवाई अड्डों और स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े विशेष परियोजनाओं को छोड़कर सभी निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। आठ सूत्री कार्ययोजना में दिल्ली में डीजल से चलने वाले मध्यम और भारी वाहनों (बीएस-4 और उससे नीचे) के प्रवेश पर प्रतिबंध भी शामिल है। हालाँकि उन वाहनों को अनुमति दी गई है जो ज़रूरी सामान या आपातकालीन सेवाएं देते हैं।
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने यह भी घोषणा की है कि अगले आदेश तक कक्षा 10 और 12 को छोड़कर सभी स्कूली छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं होंगी।
राजधानी में जहरीली हवा को देखते हुए ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के सभी राज्यों से कहा है कि वे स्कूलों को बंद करने और कक्षाओं को ऑनलाइन करने पर तुरंत फैसला लें। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकारों को प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए नियमों का सख्ती से पालन करने का भी निर्देश दिया है। इसने यह भी कहा है कि ये प्रतिबंध तब भी लागू रहेंगे, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 की सीमा से नीचे आ जाता है।
इससे पहले दिन में हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से सख्त प्रदूषण रोधी उपायों के क्रियान्वयन में देरी पर भी सवाल किया और चेतावनी दी कि वह उसकी पूर्व अनुमति के बिना निवारक उपायों में कमी नहीं आने देगी।
हालाँकि, कोर्ट ने कहा कि जीआरएपी वाले क़दम पहले से ही उठाने चाहिए थे और रविवार को शाम 4 बजे एक्यूआई 441 होने के बावजूद उसे वायु गुणवत्ता में सुधार होने का इंतजार नहीं करना चाहिए था। इसने आगे कहा कि क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 से नीचे जाने पर भी चरण-4 उपाय जारी रहने चाहिए।
एनवायरोकैटालिस्ट्स के संस्थापक और प्रमुख पर्यावरण विश्लेषक सुनील दहिया ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘पिछले एक सप्ताह में देखा गया प्रदूषण का स्तर पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है। प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी का कारण बारहमासी प्रदूषण निकलने पर न के बराबर कार्रवाई तो है ही, इसके साथ-साथ पिछले सप्ताह में पराली जलाने में बढ़ोतरी और बिगड़ते मौसम विज्ञान को माना जा सकता है।
आईएमडी ने जारी किया येलो अलर्ट
प्रदूषण फैलाने वाले उत्सर्जन के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों के कारण साल के इस समय में प्रदूषण में वृद्धि होती रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी आईएमडी ने शाम से रात के समय मध्यम या हल्के कोहरे या धुंध की स्थिति का अनुमान लगाया है और येलो अलर्ट जारी किया है। मंगलवार को भी येलो अलर्ट है। 20 नवंबर से 24 नवंबर तक कोहरे की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।