
Delhi Municipal Corporation Election 2025:
Delhi Municipal Corporation Election 2025:
Delhi Municipal Corporation Election 2025: दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति का चुनाव आज, बीजेपी और AAP के बीच कड़ा मुकाबला। जानें उम्मीदवार, रणनीति और पिछली जीत का अंतर।दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति का चुनाव 12 जून यानि आज होने वाला है, जो नगर निगम के प्रशासनिक और राजनीतिक तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस चुनाव को लेकर दिल्ली की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां, भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP), अपनी पूरी ताकत से तैयारियां कर रही हैं। दोनों पार्टियां न केवल अपने उम्मीदवारों को मजबूत करने में लगी हैं, बल्कि सदस्यों के बीच किसी भी प्रकार के दल-बदल को रोकने के लिए भी सतर्कता बरत रही हैं।
स्थायी समिति का महत्व
स्थायी समिति नगर निगम की वह संस्था है जो नगर निगम के निर्णयों और योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू कराने में अहम भूमिका निभाती है। इसलिए इस समिति का चुनाव स्थानीय प्रशासन की दिशा तय करता है। इस बार के चुनाव में बीजेपी ने सत्या शर्मा को चेयरमैन पद का उम्मीदवार और सुंदर सिंह को डिप्टी चेयरमैन पद का उम्मीदवार घोषित किया है। सत्या शर्मा की राजनीतिक योग्यता और अनुभव को देखते हुए बीजेपी को उम्मीद है कि वे स्थायी समिति के चेयरमैन के रूप में प्रभावी नेतृत्व प्रदान करेंगे। वहीं, सुंदर सिंह की नियुक्ति से पार्टी को डिप्टी चेयरमैन के पद पर भी मजबूती मिलेगी।
आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार और उनकी रणनीति
वहीं दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने भी इस महत्वपूर्ण चुनाव में दमदार उम्मीदवार पेश किए हैं। पार्टी ने प्रवीण कुमार को चेयरमैन और मोहिनी जीनवाल को डिप्टी चेयरमैन पद का उम्मीदवार बनाया है। AAP का दावा है कि उनके उम्मीदवार स्थानीय जनता की समस्याओं को समझते हैं और विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने में सक्षम होंगे। प्रवीण कुमार और मोहिनी जीनवाल के नेतृत्व में पार्टी उम्मीद करती है कि वे स्थायी समिति में अपनी मजबूत पकड़ बनाएंगे।
चुनाव की तैयारियाँ और राजनीतिक महत्व
दोनों पार्टियां अपने सदस्यों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की असहमति या दल-बदल से बचा जा सके। चुनाव के नजदीक आते ही पार्टी संगठन सक्रिय हो गए हैं, और हर सदस्य को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कराया जा रहा है। इसके साथ ही, पार्टियों ने स्थानीय मुद्दों को लेकर भी अपनी रणनीति बनाई है, जिससे मतदाताओं का समर्थन हासिल किया जा सके।
पिछले चुनाव का परिणाम और उसकी तुलना
पिछले स्थायी समिति के चुनाव में बीजेपी ने बढ़त बनाई थी। उस बार बीजेपी ने कुल 12 सीटों में से 7 सीटें जीतीं जबकि आम आदमी पार्टी ने 5 सीटों पर कब्ज़ा जमाया था। यह अंतर 2 सीटों का था, जो बीजेपी की मजबूत पकड़ को दर्शाता है। इस जीत के पीछे बीजेपी की रणनीति, संगठनात्मक मजबूती और पार्टी के भीतर एकजुटता मुख्य कारण रहे थे। वहीं, आम आदमी पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर विपक्षी भूमिका निभाई, लेकिन वह बीजेपी की पकड़ को पूरी तरह से चुनौती नहीं दे सकी थी।
इस बार 12 जून को होने वाले चुनाव में दोनों पार्टियां पिछले चुनाव के नतीजों को ध्यान में रखकर अपनी तैयारियां और भी कड़ी कर रही हैं। बीजेपी अपनी बढ़त बनाए रखने की कोशिश कर रही है, जबकि आम आदमी पार्टी इस बार सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। चुनाव के नतीजे न केवल वर्तमान राजनीतिक संतुलन को प्रभावित करेंगे, बल्कि आगामी नगर निगम के प्रशासनिक फैसलों और विकास कार्यों की दिशा भी तय करेंगे।