Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • Satya Hindi News Bulletin। 22 जून, शाम तक की ख़बरें
    • ईरानी संसद ने दी होर्मुज मार्ग को बंद करने की मंजूरी; जानें अब क्या होगा
    • कई देश ईरान को परमाणु हथियार देने के लिए तैयार: पुतिन के शीर्ष सहयोगी मेदवेदेव
    • ईरान पर हमले का नाम Operation Midnight Hammer था, यूएस ने दी जानकारी
    • मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?
    • पाक का दोमुँहापन: ईरान पर अमेरिकी हमलों की निंदा, ट्रंप को नोबेल पुरस्कार का समर्थन!
    • ईरान पर अमेरिकी हमलों पर दो खेमों बँटी दुनिया; जानिए, किस देश ने क्या कहा
    • राजनीतिः परिवारवाद और जमाई राज
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » देहरादून में 11 मदरसों सीलिंग क्यों; क्या कार्रवाई अवैध है?
    भारत

    देहरादून में 11 मदरसों सीलिंग क्यों; क्या कार्रवाई अवैध है?

    By March 6, 2025No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    उत्तराखंड सरकार मदरसों के ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों कर रही है दरअसल, पुष्कर सिंह धामी सरकार ने देहरादून में 11 मदरसों को सील कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि ये मदरसे राज्य मदरसा बोर्ड या शिक्षा विभाग के साथ पंजीकृत नहीं थे। इस कार्रवाई के खिलाफ मुस्लिम संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है और इसे अवैध बताया है। यह मामला तब और गर्म हो गया जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन संस्थानों की फंडिंग के स्रोत और गठन की जांच की बात कही।

    देहरादून में मदरसों की जाँच के लिए आदेश जनवरी में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले दिया गया था। देहरादून में जिला प्रशासन ने 28 फरवरी को कार्रवाई का आदेश निकाला। इसी के तहत कार्रवाई की गई।

    द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार जिला मजिस्ट्रेट साविन बंसल ने बताया कि देहरादून ज़िले में कुल 57 मदरसे बिना पंजीकरण के चल रहे थे। इनमें से सदर देहरादून तहसील में 16, विकासनगर में 34, डोईवाला में 6 और कलसी में 1 मदरसा पंजीकृत नहीं था। कुछ मदरसे पंजीकृत भी थे। विकासनगर में 27 और डोईवाला में 1 मदरसा पंजीकृत था।

    विकासनगर तहसील के उप-जिला मजिस्ट्रेट विनोद कुमार ने कहा कि पिछले नवंबर में उनकी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ था कि कई मदरसे बिना पंजीकरण के चल रहे हैं। इसके बाद शिक्षा, अल्पसंख्यक कल्याण, राजस्व विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने जांच की। 28 फरवरी को डीएम के आदेश के बाद छापेमारी हुई और उल्लंघन पाए जाने पर 9 मदरसों को सील कर दिया गया। इनके अलावा डोईवाला और सदर में दो अन्य मदरसों पर कार्रवाई की गई है।

    मुस्लिम संगठन का विरोध

    मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी ने इस कार्रवाई को अवैध करार दिया है। उनका कहना है कि मदरसा चलाने के लिए किसी मान्यता की ज़रूरत नहीं है और बिना नोटिस या स्पष्टीकरण के सीलिंग ग़लत है। संगठन ने कलेक्ट्रेट और मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के बाहर प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह अवैध कार्रवाई नहीं रुकी तो सचिवालय के बाहर बड़ा प्रदर्शन होगा। उनका यह भी दावा है कि एक मस्जिद को भी अवैध रूप से सील किया गया।

    यह अभियान उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर शुरू किया गया, जहां मदरसों की जांच पहले से चल रही है। उत्तराखंड के 13 जिलों में डीएम द्वारा राज्यव्यापी जांच की गई, लेकिन अभी तक इसके नतीजे सार्वजनिक नहीं हुए हैं।

    मान्यता प्राप्त मदरसे राज्य मदरसा बोर्ड के तहत आते हैं, जबकि गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे दारुल उलूम नदवतुल उलमा और दारुल उलूम देवबंद जैसे बड़े सेमिनरी के पाठ्यक्रम चलाते हैं।

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि ग़ैर-पंजीकृत मदरसों की फंडिंग और उनके गठन की जाँच होगी। उनका कहना है कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि ये संस्थान नियमों के दायरे में हों। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमूम कासमी ने इसे मुख्यधारा में शामिल करने की प्रक्रिया बताया। उन्होंने कहा कि 28 फरवरी से अब तक 88 आवेदनों में से 51 मदरसों को मान्यता दी जा चुकी है। उनका लक्ष्य है कि इन मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू हो, ताकि बच्चे आधुनिक शिक्षा भी ले सकें। उन्होंने कहा है कि संस्कृत को वैकल्पिक भाषा के रूप में शुरू करने का प्रस्ताव भी है, क्योंकि यह राज्य की दूसरी भाषा है।

    यह मामला प्रशासनिक सख्ती और धार्मिक स्वतंत्रता के बीच टकराव का प्रतीक बन गया है। सरकार का तर्क है कि पंजीकरण से पारदर्शिता आएगी और बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी। दूसरी ओर, मुस्लिम संगठन इसे अपने अधिकारों पर हमला मानते हैं। सवाल यह है कि क्या यह कार्रवाई वास्तव में शिक्षा सुधार के लिए है या इसके पीछे राजनीतिक मंशा है स्थानीय चुनावों से पहले शुरू हुई जांच और मुख्यमंत्री का फंडिंग पर बयान इस संदेह को बढ़ाते हैं।

    देहरादून में 11 मदरसों को सील करना एक संवेदनशील मुद्दा है, जिसके सामाजिक और राजनीतिक परिणाम हो सकते हैं। क्या सरकार पारदर्शी तरीक़े से काम नहीं कर सकती और प्रभावित पक्षों से बातचीत नहीं कर सकती यह देखना बाकी है कि क्या यह अभियान पूरे राज्य में जारी रहेगा और इसका असर अल्पसंख्यक समुदाय के साथ संबंधों पर क्या पड़ेगा।

    (इस रिपोर्ट का संपादन अमित कुमार सिंह ने किया है।)

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleदिल्ली दंगाः पुलिस ने क्यों कहा- कपिल मिश्रा को ‘फंसाया’ जा रहा है, क्या सबूत नहीं?
    Next Article यूएस अब अवैध प्रवासियों को सैन्य विमान से क्यों नहीं भेजेगा?

    Related Posts

    Satya Hindi News Bulletin। 22 जून, शाम तक की ख़बरें

    June 22, 2025

    ईरानी संसद ने दी होर्मुज मार्ग को बंद करने की मंजूरी; जानें अब क्या होगा

    June 22, 2025

    कई देश ईरान को परमाणु हथियार देने के लिए तैयार: पुतिन के शीर्ष सहयोगी मेदवेदेव

    June 22, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

    June 22, 2025

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

    May 28, 2025

    पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

    May 14, 2025

    बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर निकली भर्ती, 3 मई से शुरू होंगे आवेदन

    May 3, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.