
Floating Village India (PHOTO: SOCIAL MEDIA)
Floating Village India
Floating Village India: जब भी घूमने की बात आती है तो… सबसे पहले आपको पहाड़ों की याद आती होगी। क्योंकि पहाड़ों में सुकून, ख़ुशी… मन की शांति सब कुछ मिलती है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे भारत जैसे देश में एक ऐसा गांव है… जो कि तैरता है। आप बिलकुल सही सोच रहे हैं। ये बात पूरी तरह से सच है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां पर सिर्फ घर ही बने हुए नहीं हैं, बल्कि यहां स्कूल, बाजार जैसी सभी मूलभूत आवश्यक चीजें मौजूद हैं। लेकिन सभी इसी तरह से पानी के ऊपर ही तैरती रहती हैं। यहां के घरों की लोकेशन पानी और हवा के बहने की दिशा के कारण बदलती रहती है और जब आप जमीन पर भी खड़े होंगे तो ये आपको धरती हिलने जैसे महसूस होगी।
यहां पर जाना आपके लिए सच में एक यूनीक और लाइफटाइम और लाइफटाइम एक्सपीरियंस हो सकता है। यहां पर घरों के अंदर भी धीरे-धीरे हिलते हुए महसूस होते हैं। यदि आप घूमने-फिरने के शौकीन हैं और एडवेंचर ट्रिप आपको पसंद हैं तो यहां पर आपको ज़रूर जाना चाहिए।
‘फ्लोटिंग विलेज’ आपके लिए हो सकता है ‘Magical Experience’
‘फ्लोटिंग विलेज’ में घूमने जाना आपके लिए सच में धरती पर एक ‘Magical Experience’ हो सकता है, क्योंकि यहां पर जो घर बने हैं वो न तो पानी में तैरती हुई बोट है और न ही ये ठोस जमीन पर बने हुए हैं। यहां पर बहुत कुछ खास है जो इन गाओं को बाकी शहरों से बिल्कुल अलग बनाता है। आखिर ये गांव कहां है, आप कैसे पहुंच सकते हैं और ये गांव आखिर तैरता क्यों है। यहां के लोगों का जीवन यापन कैसे होता है।
कहां पर है ये फ्लोटिंग विलेज?
फ्लोटिंग विलेज जिसको ‘चंपू खंगपोक’ के नाम से भी जाना जाता है, ये नॉर्थ इंडिया के मणिपुर में स्थित है। यहां पर एक लोकटक झील पर बना हुआ है। इस लेक पर बने द्वीप जिन्हें ‘फुमदी’ कहते हैं, पर लोग कई परिवार रहते हैं और ये एक पूरा का पूरा विलेज बसा हुआ है। यहां बसने वाले सभी लोगों का पूरा जीवन पानी पर ही निर्भर है यानी हर तरफ बस पानी ही पानी होता है और लोग उसी के बीच घरें बनाकर रहते हैं। यहां की प्राकृतिक सुंदरता भी देखने लायक है।
कैसे करते हैं यहां पर लोग अपना जीवनयापन?
फ्लोटिंग द्वीप पर सभी चीजें तैरती ही रहती हैं, इसलिए लोग अपने जीवनयापन के लिए भी प्राकृतिक चीजों पर ही डिपेंड रहते हैं। जैसे मछली पालन करना। यहां के लोगों के घर बांस से बने होते हैं जो सरलता से तैर सकते हैं। इसके अलावा बिजली और बाकी आवश्यकताओं के लिए सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है। आने-जाने के लिए लोग नाव का प्रयोग करते हैं। रोज़मर्रा के जीवन की बात करें तो खाने के लिए झील का पानी ही प्रयोग में लाया जाता है, जिसे फिटकरी और प्राकृतिक चीजों से स्पष्ट किया जाता है। लोग मछली पालन करने के साथ ही मुख्य भोजन के रूप में इसका सेवन करते हैं। यहां पर बायो ‘डाइजेस्टर टॉयलेट’ का इस्तेमाल किया जाता है।
आखिर… तैरता क्यों रहता है गांव?
‘फ्लोटिंग विलेज’ में कुल 500 घर हैं और 2,000 लोग यहां रहते हैं। रामसर कन्वेंशन ने अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि के रूप में भी ‘चंपू खंगपोक गांव को वर्गीकृत किया गया है। दरअसल यहां की जमीन को आद्रभूमि है यानी ऐसा भूभाग जहां पानी मिट्टी को पूरी तरह से ढक देता है और इसकी सतह के पास बहता है। लोकटक झील के तैरते हुए द्वीप को ‘फुम्डिस’ कहते हैं जो जलीय पौधों, मिट्टी के जमाव और कार्बनिक पदार्थों के जमा होने से बनते हैं। वक़्त के साथ ये सभी पदार्थ एक दूसरे से मिलकर एक घनी मोटी चटाई जैसी परत बनाते हैं। जो देखने में तो जमीन जैसी दिखती है, लेकिन हिलती रहती है। यहां पर कई तरह के खास तरह के पौधे, वनस्पतियां उगती हैं जो गीली मिट्टी में रहने के लिए अनुकूल रहती हैं।
कैसे पहुंचे ‘फ्लोटिंग विलेज’?
इस गांव में घूमने जाने के लिए आप अपने यहां से ट्रेन, फ्लाइट या रोड ट्रिप के माध्यम से मणिपुर पहुंच सकते हैं। इस गांव में पहुंचने के लिए आपको इम्फाल पहुंचना होगा और फिर यहां से आप टैक्सी या फिर बस लेकर लोकटक झील के पास मोइरांग या फिर थांगा तक जा सकते हैं। इसके बाद आप नाव के सहयोग से तैरते हुए गांव पहुंच सकते हैं।


