नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार गुरुवार को शपथ लेगी। उनके साथ एक दर्जन से अधिक सदस्यों के शपथ लेने की संभावना है। बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने बुधवार को एक बयान में यह कहा है।
सेना प्रमुख ने कहा कि यूनुस के नेतृत्व वाली सलाहकार परिषद में 15 सदस्य हो सकते हैं। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को 84 वर्षीय यूनुस को भारत समर्थक पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को हिंसक तरीके से हटाए जाने के बाद अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया। जनरल वकर ने कहा कि यूनुस लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से बांग्लादेश का नेतृत्व करेंगे। जनरल ने राष्ट्र के नाम एक टेलीविज़न संबोधन में कहा, ‘वह ऐसा करने के लिए बहुत उत्सुक हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन है कि वह हमें एक सुंदर लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से ले जाने में सक्षम होंगे और हम इससे लाभान्वित होंगे।’
इधर, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया ने अपनी रिहाई के तुरंत बाद एक बयान में एक लोकतांत्रिक बांग्लादेश बनाने का आह्वान किया, जहां सभी धर्मों का सम्मान किया जाए।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के नामित प्रमुख नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने सभी से शांत रहने और सभी प्रकार की हिंसा से दूर रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि देश में शेख हसीना सरकार के हटने के बाद सुरक्षा प्रतिष्ठान में बड़ा फेरबदल हुआ है। 84 वर्षीय अर्थशास्त्री ने कहा, ‘हमें अपनी नई जीत का सबसे अच्छा उपयोग करना चाहिए। हमें अपनी ग़लतियों के कारण इसे हाथ से नहीं जाने देना चाहिए।’ वे गुरुवार को पेरिस से वापस आकर कार्यभार संभालेंगे। रॉयटर्स के साथ एक विशेष साक्षात्कार में यूनुस ने मौजूदा राजनीतिक बदलाव का लाभ उठाने के महत्व पर जोर दिया।
राष्ट्रपति के प्रेस सचिव के बयान के अनुसार, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को मंगलवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया।
विवादास्पद नौकरी कोटा प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ हुए घातक विरोध-प्रदर्शन के बाद हसीना को भागना पड़ा और इसके बाद बांग्लादेशी सेना में शीर्ष पदों पर भी बड़ा फेरबदल हुआ।
बैठक में भाग लेने वाले स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन के नेताओं में से एक नाहिद इस्लाम के अनुसार यूनुस को मुख्य सलाहकार का पद दिया जाएगा।
यूनुस कोर्ट से बरी
रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश की एक अदालत ने आज यूनुस को अपील पर श्रम दोषसिद्धि से बरी कर दिया। यूनुस इस साल की शुरुआत में श्रम आरोप के लिए छह महीने की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद विदेश चले गए थे, लेकिन अपील लंबित रहने तक उन्हें तुरंत जमानत मिल गई थी। यूनुस को जनवरी में 6 महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद वह जमानत पर बाहर थे। उन्हें ग्रामीण टेलीकॉम नामक कंपनी के कर्मचारियों के लिए कल्याण कोष बनाने में विफल रहने के कारण यह सजा दी गई थी। यह कंपनी उनकी ही बनाई हुई थी।
बता दें कि इस्तीफे की मांग को लेकर ढाका की सड़कों पर लाखों लोगों के उमड़ने के बाद शेख हसीना ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया। सोमवार की घटनाएं एक महीने से अधिक समय से चल रहे अशांति का परिणाम थीं। यह अशांति सरकारी नौकरियों में कोटा की योजना के खिलाफ विरोध के रूप में शुरू हुई थी। लेकिन बाद में यह हसीना विरोधी आंदोलन में बदल गई।
जनवरी के चुनावों में धांधली और व्यापक मानवाधिकार हनन के आरोप में हसीना ने विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया। इस दमनात्मक कार्रवाई में सैकड़ों लोग मारे गए, लेकिन कुछ दिन पहले सेना ने हसीना के खिलाफ रुख अपना लिया और उन्हें हेलीकॉप्टर से पड़ोसी देश भारत भागने पर मजबूर होना पड़ा।