पंजाब पुलिस ने मंगलवार को तरनतारन जिले से एक व्यक्ति गगनदीप सिंह उर्फ गगन को जासूसी के आरोप में गिरफ़्तार किया है। आरोप है कि गगन ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस यानी आईएसआई और पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी समर्थक गोपाल सिंह चावला के साथ संवेदनशील जानकारी साझा की। इसके साथ ही राजस्थान में एक अन्य जासूसी मामले में पाकिस्तानी दूतावास के कर्मचारी दानिश का कनेक्शन सामने आया है। हाल के हफ्तों में भारत में जासूसी से जुड़ी कई घटनाएं सामने आई हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय बन रही हैं।
ताज़ा मामला पंजाब के तरनतारन जिले का है। काउंटर-इंटेलिजेंस यूनिट और तरनतारन पुलिस ने संयुक्त अभियान के तहत गगनदीप सिंह को गिरफ्तार किया। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि गगनदीप पिछले पाँच साल से आईएसआई और खालिस्तानी समर्थक गोपाल सिंह चावला के संपर्क में था। आरोप है कि वह भारतीय सेना की गतिविधियों और सैन्य ठिकानों से संबंधित सैन्य टुकड़ियों की आवाजाही जैसी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी एजेंटों को भेज रहा था। पुलिस को गगनदीप के मोबाइल फोन से अहम सबूत मिले हैं, जिनमें आईएसआई के 20 अधिकारियों के साथ उसकी बातचीत के रिकॉर्ड शामिल हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गगनदीप को सैन्य ठिकानों की तस्वीरें और अन्य गोपनीय जानकारी भेजने के लिए मोटी रक़म का लालच दिया गया था। इस गिरफ्तारी को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि यह भारत में आईएसआई के जासूसी नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में अहम क़दम है।
राजस्थान में जासूसी और दानिश का कनेक्शन
राजस्थान पुलिस द्वारा जयपुर से गिरफ़्तार किए गए एक सरकारी कर्मचारी शकूर खान पर आरोप है कि वह संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों को भेज रहा था। जांच में यह खुलासा हुआ कि शकूर खान का संपर्क पाकिस्तानी दूतावास के कर्मचारी दानिश से था। दानिश पहले भी कई जासूसी मामलों में मास्टरमाइंड के रूप में सामने आ चुका है।
इन दोनों के मोबाइल फोनों से मिली जानकारी में सैन्य ठिकानों और अन्य संवेदनशील डेटा के बारे में विवरण शामिल थे। राजस्थान पुलिस ने शकूर खान को 28 मई को हिरासत में लिया था और कई दिनों की पूछताछ के बाद मंगलवार को उसकी गिरफ्तारी की गई।
अन्य हालिया जासूसी मामले
पिछले कुछ हफ्तों में भारत में जासूसी से जुड़े कई मामले सामने आए हैं, जो पाकिस्तान के आईएसआई नेटवर्क की सक्रियता को दिखाते हैं:
हरियाणा में यूट्यूबर की गिरफ्तारी: 18 मई को हरियाणा के हिसार से एक ट्रैवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। ज्योति पर आरोप था कि वह पाकिस्तानी दूतावास के कर्मचारी के संपर्क में थी और सैन्य ठिकानों की जानकारी साझा कर रही थी। उसके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
सिरसा में जासूसी का मामला: हरियाणा पुलिस ने सिरसा एयरबेस की तस्वीरें भेजने के लिए लाखों रुपये के लालच में आए मोहम्मद तारिफ़ को गिरफ्तार किया। तारिफ ने कथित तौर पर पाकिस्तानी एजेंटों के साथ संवेदनशील जानकारी साझा की थी।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव
इन जासूसी मामलों ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान का आईएसआई भारत में अपने जासूसी नेटवर्क को मजबूत करने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल कर रहा है, जिसमें सोशल मीडिया, आर्थिक प्रलोभन और स्थानीय लोगों को भर्ती करना शामिल है। पंजाब और राजस्थान जैसे सीमावर्ती राज्यों में ऐसी गतिविधियों का बढ़ना चिंता का विषय है।
पंजाब पुलिस और राजस्थान पुलिस ने इन मामलों में तेजी से कार्रवाई की है। भारत सरकार ने इन मामलों की गंभीरता को देखते हुए जांच को और तेज करने और आईएसआई के नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त करने का निर्देश दिया है।
पंजाब और राजस्थान में हाल की जासूसी गिरफ्तारियां भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक चेतावनी हैं। गगनदीप सिंह और शकूर खान जैसे व्यक्तियों की गिरफ्तारी और पाकिस्तानी दूतावास के कर्मचारी दानिश का बार-बार सामने आना, यह दिखाता है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ अपने जासूसी नेटवर्क को सक्रिय रूप से संचालित कर रहा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इन खतरों से निपटने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं, लेकिन इन घटनाओं ने सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी और खुफिया तंत्र को और मजबूत करने की ज़रूरत बताई है।