
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर हुई बहस के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। चर्चा की शुरुआत करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन को बताया कि इस सैन्य अभियान में भारत ने पाकिस्तान के अंदर 100 से ज्यादा आतंकियों, उनके ट्रेनरों और हैंडलरों को मार गिराया है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को रोका नहीं गया है, बल्कि फिलहाल स्थगित किया गया है। यदि भविष्य में पाकिस्तान की ओर से कोई दुस्साहस होता है तो भारत दोबारा जवाबी कार्रवाई करने में पीछे नहीं हटेगा।
राजनाथ सिंह ने संसद को बताया कि जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना शुरू किया, तब पाकिस्तान पूरी तरह घबरा गया और उसने सीजफायर की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि थल सेना, वायुसेना और नौसेना की संयुक्त रणनीति ने दुश्मन देश को मनोवैज्ञानिक और सैन्य रूप से परास्त कर दिया। रक्षा मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि 10 मई को पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ से फोन पर संपर्क किया और सैन्य कार्रवाई को रोकने की अपील की।
राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री से पूछा, फिर आपने ऑपरेशन क्यों रोका?
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बीच में हस्तक्षेप करते हुए पूछा, जब पाकिस्तान झुक चुका था, फिर ऑपरेशन रोका क्यों गया? इसके जवाब में राजनाथ सिंह ने संयमित प्रतिक्रिया देते हुए कहा, मैं नेता प्रतिपक्ष के सवाल पूछने के अधिकार का सम्मान करता हूं, लेकिन उन्हें मेरा पूरा भाषण सुनना चाहिए। मैंने इसमें इस सवाल का उत्तर विस्तार से दिया है।
राहुल गांधी के बाद कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने भी सरकार पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, पूरा देश, विपक्ष भी, प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़ा था। फिर अचानक 10 मई को हमें बताया गया कि युद्धविराम हो गया है। ऐसा क्यों? गोगोई ने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने सार्वजनिक रूप से 26 बार कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को युद्धविराम पर मजबूर किया। कांग्रेस का कहना था कि जब पाकिस्तान घुटनों पर आ चुका था तो भारत को पीछे नहीं हटना चाहिए था।