भारत ने पाकिस्तान के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें उसने ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सैन्य हमलों में 31 नागरिकों की मौत का दावा किया था। विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हमारे लिए इन हमलों में मारे गए लोग आतंकवादी थे। पाकिस्तान में आतंकवादियों के लिए राजकीय अंतिम संस्कार करना शायद उनकी प्रथा हो, लेकिन भारत के लिए यह समझ से परे है।’
यह बयान तब आया जब पाकिस्तान में मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना और पुलिस के जवानों की मौजूदगी के वीडियो सामने आए। इसे भारत ने आतंकवाद के प्रति पाकिस्तान के खुले समर्थन का सबूत बताया।
7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए। इसमें 80 से अधिक आतंकवादी मारे गए। इन हमलों का उद्देश्य 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देना था। आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे। हमलों के बाद पाकिस्तान के मुरीदके में एक आतंकी ठिकाने पर मारे गए तीन आतंकवादियों- कारी अब्दुल मलिक, खालिद और मुदस्सिर के अंतिम संस्कार में लश्कर-ए-तायबा के कमांडर हाफिज अब्दुल रऊफ ने नमाज-ए-जनाजा पढ़ाई। इस अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना, पुलिस, नागरिक अधिकारियों, और प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के सदस्यों की मौजूदगी देखी गई।
पाकिस्तान ने दावा किया कि इन हमलों में 26 नागरिक मारे गए और 46 घायल हुए। हालाँकि, भारत ने इन दावों को झूठा करार देते हुए कहा कि हमले केवल आतंकी ठिकानों पर केंद्रित थे और कोई सैन्य सुविधा निशाना नहीं बनी। विदेश सचिव मिश्री ने कहा, ‘पाकिस्तान का यह दावा अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहानुभूति बटोरने की कोशिश है। हमने सटीक टार्गेट चुने और नागरिक नुक़सान को न्यूनतम रखा।’
भारत ने इसे पाकिस्तान सरकार और सेना के आतंकवाद के प्रति खुले समर्थन का सबूत बताया। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, ‘यह स्पष्ट करता है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को न केवल पनाह देता है, बल्कि उनके साथ साझेदारी में काम करता है।’
‘पहलगाम हमले से तनाव भड़का’
भारत ने कहा है कि पहलगाम आतंकी हमले से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव भड़का। सरकार का कहना है कि यह हमला पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों द्वारा सुनियोजित था, जिसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जवाबी कार्रवाई की। एक बयान में कहा गया, ‘पहलगाम हमला न केवल एक आतंकी घटना थी, बल्कि यह भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला था। इसके बाद भारत ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ अपनी ज़ीरो टॉलरेंस नीति को साफ़ करते हुए सटीक और नियंत्रित सैन्य कार्रवाई की।’ विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि जाँच में पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के संचार नेटवर्क का खुलासा हुआ जो इस हमले से जुड़े थे।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत किए गए हमलों को लेकर रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, ‘हमने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तायबा और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े कमांडर और प्रशिक्षण शिविर शामिल थे।’ हमलों में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्यों और उनके चार सहयोगियों के मारे जाने की भी ख़बर है।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, और अन्य देशों के समकक्षों से बात कर भारत के रुख को साफ़ किया। भारतीय दूतावास ने वाशिंगटन में बयान जारी कर कहा कि पहलगाम हमले में पाकिस्तान आधारित आतंकवादियों की संलिप्तता के विश्वसनीय सबूत हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इन हमलों को ‘युद्ध की कार्रवाई’ करार देते हुए जवाबी कार्रवाई की धमकी दी। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान अपने नागरिकों के खून का बदला लेगा।’
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर भारी गोलीबारी शुरू कर दी, इसमें पुंछ, मेंढर, और कुपवाड़ा जैसे क्षेत्रों में मोर्टार और तोपों का इस्तेमाल किया गया। भारत ने इसका जवाब देते हुए कहा कि इस गोलीबारी में 16 निर्दोष नागरिकों की जान गई, जिनमें तीन महिलाएं और पांच बच्चे शामिल हैं। भारतीय सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद पाकिस्तानी गोलीबारी रुक गई।