पाकिस्तान में हलचल है। पाकिस्तान में बेहद मज़बूत मानी जाने वाली सेना और आईएसआई से जुड़े रहे पूर्व शीर्ष अफ़सर के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जा रही है। पाकिस्तानी सेना ने आईएसआई के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) फैज हमीद को अपनी हिरासत में ले लिया है। उनका नाम एक आवास योजना घोटाले में आया है और इसी सिलसिले में उनके ख़िलाफ़ कोर्ट मार्शल की कार्रवाई शुरू की गई है। पाकिस्तानी सेना से जुड़े पूर्व अफ़सर के ख़िलाफ़ इस तरह की कार्रवाई अप्रत्याशित है। यह पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार हुआ है, जब किसी पूर्व जासूस के खिलाफ कोर्ट मार्शल की कार्रवाई की गई है।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख पर इस कार्रवाई को लेकर सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस यानी आईएसपीआर ने एक बयान में कहा है, ‘पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद (सेवानिवृत्त) के खिलाफ टॉप सिटी केस में की गई शिकायतों की सचाई का पता लगाया जा रहा है। इसके लिए पाकिस्तानी सेना द्वारा एक विस्तृत कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की गई।’
पाकिस्तान के अंग्रेज़ी अख़बार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार आईएसपीआर के बयान में आगे कहा गया है, ‘परिणामस्वरूप, पाकिस्तान सेना अधिनियम के प्रावधानों के तहत लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद (सेवानिवृत्त) के खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है।’
बयान में कहा गया है, ‘इसके अलावा सेवानिवृत्ति के बाद पाकिस्तान सेना अधिनियम के उल्लंघन के कई मामले भी सामने आए हैं। फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद (सेवानिवृत्त) को सैन्य हिरासत में ले लिया गया है।’
पाकिस्तान में एक निजी आवास योजना, टॉप सिटी ने हमीद के खिलाफ आरोप लगाए थे। इसमें दावा किया गया था कि उन्होंने इसके मालिक मोइज़ खान के कार्यालयों और आवास पर छापेमारी की थी। डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने हमीद के खिलाफ सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों की जांच के लिए अप्रैल में एक जांच समिति बनाई थी।
समिति का गठन पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले साल नवंबर में दिए गए एक आदेश के बाद किया गया था, जिसमें कहा गया था कि हमीद के खिलाफ बेहद गंभीर प्रकृति के आरोपों को अनदेखा नहीं किया जा सकता है क्योंकि अगर वे सच साबित हुए तो वे देश के संस्थानों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाएंगे।
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने हाउसिंग सोसाइटी के मालिक को पूर्व जासूस प्रमुख और उनके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने के लिए रक्षा मंत्रालय सहित संबंधित विभागों से संपर्क करने को कहा था।
इस साल मार्च में रावलपिंडी की एक अदालत ने मामले में पूर्व आईएसआई प्रमुख के भाई नजफ हमीद को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था।
डॉन ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि जनरल हमीद ने समय से पहले सेवानिवृत्ति लेने का विकल्प चुना था और नवंबर 2022 में अपना इस्तीफा हाई कमान को भेज दिया था। उन्हें जून 2019 में आईएसआई प्रमुख बनाया गया था। 2021 की अंतिम तिमाही में लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को आईएसआई के नए प्रमुख के रूप में नियुक्त करने को लेकर सेना और इमरान ख़ान की पीटीआई सरकार के बीच कथित गतिरोध में वह चर्चा का विषय थे।
सेना ने 6 अक्टूबर, 2021 को घोषणा की थी कि जनरल हमीद को पेशावर कोर कमांडर नियुक्त किया गया है, जबकि उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम को नियुक्त किया गया। लेकिन प्रधान मंत्री कार्यालय ने तीन सप्ताह बाद तक लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम की नियुक्ति की आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की थी, जिससे सरकार और सेना के संबंधों में तनाव की अटकलें लगाई जाने लगी थीं।