प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जून को जम्मू-कश्मीर का दौरा करने जा रहे हैं। पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनका यह पहला दौरा होगा। इस दौरे से पहले कांग्रेस ने गुरुवार को पीएम मोदी पर निशाना साधा और पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में न लाने पर सवाल उठाए हैं।इस दौरान वह कटरा में माता वैष्णो देवी मंदिर के आधार शिविर से 46,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इनमें विश्व की सबसे ऊंची रेलवे आर्च ब्रिज, चेनाब ब्रिज, और भारत की पहली केबल-आधारित रेल ब्रिज, अंजी ब्रिज, शामिल हैं। साथ ही, वे कटरा और श्रीनगर के बीच वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे।
कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने X पर एक पोस्ट में कहा, “प्रधानमंत्री कल जम्मू-कश्मीर जा रहे हैं। उन्हें अवश्य पता होगा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमलों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार आतंकी अभी तक पकड़े नहीं गए हैं। और कुछ ऐसी रिपोर्टें भी सामने आई हैं—जिनका अभी तक खंडन नहीं हुआ है—कि यही आतंकी दिसंबर 2023 में पुंछ और अक्टूबर 2024 में गगनगीर और गुलमर्ग में हुए आतंकी हमलों में भी शामिल थे।”
पहलगाम आतंकी हमला, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, 22 अप्रैल 2025 को बाइसारन घास के मैदान में हुआ था। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था, और भारत ने इसके जवाब में 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पिछले महीने समाचार रिपोर्टों का हवाला देते हुए दावा किया था कि पहलगाम हमले के आतंकी पहले के तीन अन्य आतंकी हमलों में भी शामिल थे, और सरकार से इस पर स्पष्टीकरण मांगा था।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद नेता विपक्ष राहुल गांधी वहां पहुंचे थे। इसके बाद जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया तो पाकिस्तान की ओर से पुंछ, राजौरी में गोलीबारी की। इसमें 15 लोग मारे गए। काफी घर तबाह हो गए। ऑपरेशन सिंदूर के जश्न में पुंछ, राजौरी में मारे गए लोगों की सुध केंद्र सरकार ने नहीं ली। इसके बाद नेता विपक्ष पुंछ पहुंचे। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह और वहां की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती भी उसके बाद वहां गए। इन दौरों के बाद पीएम मोदी पर विपक्ष का भारी दबाव था कि वो जम्मू कश्मीर की यात्रा करें। पीएम मोदी का अब शुक्रवार को जम्मू कश्मीर दौरा हो रहा है लेकिन वो सरकारी कार्यक्रम में वहां जा रहे हैं।
कटरा में पीएम मोदी का दौरा 272 किलोमीटर लंबे उद्धमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा है, जिसकी लागत लगभग 43,780 करोड़ रुपये है। इस परियोजना में 36 सुरंगें और 943 पुल शामिल हैं, जो कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के लिए हर मौसम में निर्बाध रेल संपर्क स्थापित करेगी। चेनाब ब्रिज, जो 359 मीटर की ऊंचाई पर चिनाब नदी के ऊपर बना है, एक इंजीनियरिंग चमत्कार है, जो भूकंपीय और हवा की स्थिति का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
प्रधानमंत्री कटरा में श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस की आधारशिला भी रखेंगे, जो रियासी जिले का पहला मेडिकल कॉलेज होगा। यह परियोजना क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देगी। इसके अलावा, सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया जाएगा, जो कश्मीर में कनेक्टिविटी और सामाजिक-आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देगा।
हालांकि, कांग्रेस ने इस दौरे को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। जयराम रमेश ने कहा कि पहलगाम हमले के आतंकियों को पकड़ने में विफलता सरकार की सुरक्षा नीतियों पर सवाल उठाती है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कुछ रिपोर्टों के अनुसार, ये आतंकी पहले के हमलों में भी शामिल थे, जिसका सरकार ने खंडन नहीं किया।
पहलगाम हमले के बाद, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक सर्वदलीय बैठक में हमले की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें इसे “कश्मीरियत और भारत के विचार पर हमला” बताया गया। इस हमले में एक स्थानीय गाइड, सैयद आदिल हुसैन शाह, की भी जान गई थी, जिन्होंने पर्यटकों को बचाने की कोशिश में अपनी जान गंवाई।
कटरा में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है, और रेलवे मार्ग का ताजा सुरक्षा ऑडिट भी किया गया है। लेकिन कांग्रेस का यह सवाल कि क्या सरकार पहलगाम हमले के दोषियों को पकड़ने में गंभीर है, इस दौरे पर सवाल उठा रहा है। यह दौरा न केवल विकास परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का भी परीक्षण होगा।