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    Home » पेलिंग : किसी भी मौसम में घूमने का एक अलग आनंद
    Tourism

    पेलिंग : किसी भी मौसम में घूमने का एक अलग आनंद

    Janta YojanaBy Janta YojanaSeptember 3, 2025No Comments8 Mins Read
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    Pelling a Place to Visit in Any Season (Image Credit-Social Media)

    Pelling a Place to Visit in Any Season

    Pelling a Place to Visit in Any Season: भारत देश के सिक्किम राज्य के पश्चिम सिक्किम ज़िले में रंगीत नदी के किनारे एक छोटा पहाड़ी शहर है। समुद्र तल से करीब 2,150 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह एक सुंदर शहर है जो अपनी हरियाली, सुंदर बौद्ध मठों, झरनों और हिमालय पर्वत के आकर्षक विशाल कंचनजंगा के दृश्य के लिए मशहूर है।

    गर्मियों में ठंडी का आनंद लेने और शांत वातावरण में रहने के लिए यह बहुत उपयुक्त जगह है। यहां सैलानी आध्यात्मिक और साहसिक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं।

    यहां घूमने लायक कई जगह हैं, जिनमें प्रमुख है :

    पेमायांग्त्से मठ :

    17वीं सदी में बना यह मठ पश्चिम सिक्किम के सबसे प्रसिद्ध बौद्ध मठों में से एक है। यह मठ अपनी बेहतरीन वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। इस मठ के अंदर आप पद्मसंभव की मूर्तियां देखने के साथ हिमालय के शानदार और मठ के अंदर की भव्यता को निहार सकते हैं। यहां पर्यटक अपार शांति का अनुभव करने आते हैं।

    सांगाचोएलिंग मठ :

    इस मठ को सन् 1697 में तिब्बती बौद्ध धर्म के अनुयाई ग्यालवा ल्हात्सुम चेम्पो ने स्थापित किया था जिसमें कई भित्तिचित्र, मूर्तियां और लेख देखने को मिलेंगे। यह मठ सिक्किम आने वाले सैलानियों के लिए एक शांत और सुकून का एहसास दिलाता है।

    युकसोम :

    इस छोटे से शहर में आप धार्मिक, प्राकृतिक और कई साहसिक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। यहां कई झरनों जैसे कंचनजंगा, फामरोंग और रिम्बी झरना आदि के नज़ारों का लुत्फ़ उठा सकते हैं। यहां कई मठ भी हैं जहां आप बैठकर शांति का एहसास कर पाएंगे।

    यहां के झरनों के नज़ारे के साथ कई साहसिक खेलों का भी मज़ा ले सकते हैं।

    रबदेंत्से :

    सन् 1670 से 1814 तक यह शहर सिक्किम की दूसरी राजधानी थी। यहां के खंडहर पर्यटकों को यहां के इतिहास से अवगत कराते हैं। इस जगह से हिमालय के मशहूर कंचनजंगा शिखर का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है। कई रोमांचक खेलों और गतिविधियों का आनंद भी यहां आकर सैलानी उठा सकते हैं।

    ताशीदिंग मठ :

     इस मठ की गिनती पेलिंग के सबसे पुराने मठों में होती है। यह पवित्र मठ सिक्किम के राथोंग चू और रंगीत नदी के बीच स्थित है जो इसे आकर्षक और शांतिप्रद बनाता है। इस मठ तक सैलानी पैदल चलकर यहां के आसपास की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। यहां हर साल मनाए जाने वाले भूमचू उत्सव के लिए पर्यटकों की काफी भीड़ होती है। यह उत्सव तिब्बती चंद्र कैलेंडर के पहले महीने के 14वें और 15वें दिन मनाया जाता है, जो ज्यादातर फरवरी या मार्च महीने में आता है। इस उत्सव का मुख्य आकर्षण पवित्र जल से भरे बर्तन जिसे ‘बुमचू’ कहा जाता है जो पूरे साल मठ के अंदर रहता है को भक्तों के बीच खोलना है। इस उत्सव के दौरान इसे भक्तों को दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस जल के इस्तेमाल से कई बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। वहां के लोग इस जल को पीना अपना सौभाग्य मानते हैं। ऐसी मान्यता है कि अगर साल भर मठ के अंदर रखे हुए बर्तन का पानी भरा हुआ है, तो यह आने वाला साल सुख समृद्धि लाएगा।

    कंचनजंगा जलप्रपात :

    बर्फ से ढके हिमालय पर्वत के बीच स्थित यह झरना यहां आने वाले सैलानियों को एक अलग सुकून का एहसास देता है। यहां से हिमालय पर्वत श्रेणियों का दृश्य और झरने की मधुर आवाज़ पर्यटकों को एक अभूतपूर्व स्थिति से अवगत कराती है। इस जगह से खूबसूरत दृश्य का फोटो लेकर हमेशा के लिए यादगार बना सकते हैं।

    दारप घाटी :

    यह खूबसूरत घाटी सिक्किम के दारप चेरी गांव में स्थित है, जो खेचोपलरी और युक्सम के रास्ते में पड़ता है। यह पश्चिमी सिक्किम के पेलिंग शहर से करीब 8 किमी दूर स्थित है। दारप शब्द का स्थानीय अर्थ समतल भूमि होता है और यहां ज्यादातर लिंबू समुदाय के लोग रहते हैं। शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके से दूर हिमालय की चोटियों से घिरा यह जगह पर्यटकों को एक अद्भुत दृश्य का नज़ारा पेश करता है। इस जगह आप यहां के पारंपरिक व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं। यहां आप ट्रेकिंग का मज़ा लेने के साथ नदी किनारे शांति के पल भी बीता सकते हैं।

    राम्बी झरना:

    पेलिंग के करीब दारप घाटी में खेचोपलरी और युक्सम के रास्ते पर स्थित यह खूबसूरत झरना पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। चारों तरफ हरियाली से छाए इस जगह पर फोटोग्राफी का एक अलग आनंद आता है । यहां परिवार या दोस्तों के साथ एकांत पल का एहसास भी कर सकते हैं।

    चांगे झरना :

    पेलिंग का चांगे झरना भी पर्यटकों के बीच बहुत मशहूर है। करीब 300 मीटर की ऊंचाई से गिरता हुआ इस झरने का सफ़ेद पानी हरे भरे जंगलों से गुजरता है जो पर्यटकों को अलग अलग दृश्य प्रस्तुत करता है। यह जगह सैलानियों को वहां झरने के करीब बैठने या चट्टानों पर चढ़ते हुए एक रोमांचक अनुभूति कराता है।

    सिंगशोर ब्रिज :

    करीब 100 मीटर से अधिक ऊंचा और 240 मीटर लंबा यह ब्रिज, सिक्किम का सबसे ऊंचा और एशिया का दूसरा सबसे ऊंचा पुल कहा जाता है। यह पुल दो हरे पहाड़ों को जोड़ता है जिसके नीचे एक गहरी घाटी फैली हुई है। इस पुल पर किसी वाहन की अनुमति नहीं है। यह ब्रिज या पुल पेलिंग के पर्यटक स्थलों में काफी चर्चित है।

    मानव निर्मित यह पुल इंजीनियरिंग की एक मिशाल है। ब्रिज के बीच में खड़े होकर लोग तेज हवाओं के बीच एक अलग रोमांच का अनुभव करते हैं। पुल के नीचे कलकल करता नदी का पानी एक मधुर संगीत का एहसास देता है।

    खेचोपलरी झील :

    इस झील को यहां के लोग खा-चोट-पलरी के नाम से जानते हैं। पेलिंग के करीब स्थित इस खूबसूरत झील के किनारे कई अद्भुत पक्षियों को देख सकते हैं। इस इलाके में बांस के जंगलों का एक अलग आकर्षण देखने को मिलता है। इस झील से हिन्दू और बौद्ध धर्म के कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हैं। इस जगह को इन कथाओं में गुरु पद्मसंभव, भगवान शिव और देवी तारा से संबंधित दर्शाया गया है।

    कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान :

    यह स्थल यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल है और पेलिंग के पर्यटक स्थलों में से एक है। यहां से हिमालय की चोटियों पर सफेद बर्फ की चादरों और बड़े पैमाने पर फैले वनभूमि को देखने का एक अलग अंदाज है। इन नज़ारों के साथ साथ सैलानी जीव जंतुओं को देखने का आनंद उठा सकते हैं। इस जगह का और अधिक आनंद लेने के लिए ट्रेकिंग का सहारा ले सकते हैं।

    कालुक :

    पेलिंग के निकट बसा कालुक एक छोटा सा शहर है जहां ज्यादातर नेपाली, भूटिया और मारवाड़ी लोग रहते हैं। भीड़भाड़ वाले शहर से दूर इस जगह पर्यटक मनमोहक दृश्यों को देखने और सुकून से कुछ दिन आराम से बिताने का प्लान कर सकते हैं। यहां होने वाले कई गतिविधियों में भाग ले सकते हैं। इसके साथ यहां स्थित वार्सी रोडोडेंड्रोन अभयारण्य और रिंचे पोंग मठ घूम सकते हैं।

    रावंगला:

    पेलिंग और गंगटोक के बीच रावंगला एक छोटा सा मनमोहक दृश्यों वाला शहर है। पहाड़ी दृश्यों, मनमोहक आर्किड के फूल इस जगह को पर्यटकों के बीच खास बनाते हैं। इस जगह की सुंदरता अप्रैल से जुलाई के महीने में देखते ही बनती है, चारों तरफ हरियाली और रंग बिरंगे फूल सैलानियों को खूब आकर्षित करते हैं।

    कैसे पहुंचे ? 

    पेलिंग तक हवाई मार्ग से पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग स्थित बागडोगरा हवाई अड्डा है। यहां से पेलिंग लगभग 160 किलोमीटर दूर है। यह हवाई अड्डा देश के प्रमुख शहरों मुंबई, दिल्ली और कोलकाता सहित कई अन्य महत्वपूर्ण भारतीय शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहां से पेलिंग तक निजी या शेयर टैक्सी लेकर जा सकते हैं।

    इसके अतिरिक्त पेलिंग सिक्किम की राजधानी गंगटोक स्थित हवाई अड्डा से भी पहुंच सकते हैं। यहां से पेलिंग करीब 131 किलोमीटर दूर है। यहां से टैक्सी द्वारा पेलिंग पहुंच सकते हैं।

    रेलमार्ग से पेलिंग पहुंचने के लिए पश्चिम बंगाल का सिलीगुड़ी स्थित न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। यहां से पेलिंग लगभग 136 किलोमीटर दूर है। यह रेलवे स्टेशन कोलकाता, मुंबई और दिल्ली सहित भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

    पेलिंग सिक्किम के सभी प्रमुख शहरों और कस्बों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इसके अलावा दार्जिलिंग, सिलीगुड़ी और गंगटोक से भी पेलिंग आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां का रास्ता पहाड़ी होने के कारण बस जैसे सार्वजनिक परिवहन के बजाय निजी टैक्सी या शेयर टैक्सी से जाना बेहतर है।

    कोलकाता से पेलिंग सड़क मार्ग द्वारा करीब 690 किमी दूर है।

    पेलिंग घूमने का सबसे अच्छा समय :

    इस शहर में तीन अलग मौसम हैं – सर्दी, गर्मी और मानसून। यहां घूमने का सबसे अच्छा समय आपके इस शहर मे क्या करने पर निर्भर करता है।

    गर्मियों के मौसम में यानि मार्च से मई तक पर्यटक ट्रैकिंग और राफ्टिंग जैसी साहसिक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं, वहीं जून से सितंबर मानसून के दौरान आप यहां भीड़भाड़ से दूर एक जगह रहकर शांतिपूर्ण अनुभव कर सकते हैं। हालांकि इस दौरान कभी-कभी भूस्खलन और सड़क अवरोधों जैसे परेशानियों के लिए तैयार रहना पड़ता है। अक्टूबर से फरवरी तक सर्दियों के दौरान सैलानी यहां खूबसूरत बर्फ से ढके पहाड़ों और बर्फबारी का आनंद ले सकते हैं।

    कभी कभी भारी बर्फबारी से बंद सड़कों का संकट झेलना पड़ सकता है। लेकिन इस जगह घूमकर आप अपने जिंदगी में एक यादगार पल संजो कर यहां से जा सकते हैं।

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