Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • Rashtra Prerna Sthal: लखनऊ में राष्ट्र प्रेरणा स्थल, विचार, संस्कृति और राष्ट्रवाद की त्रिवेणी
    • Lucknow Rashtra Prerna Sthal: बेहद ख़ास है लखनऊ का राष्ट्र प्रेरणा स्थल,इतने करोड़ में तैयार
    • क्रिसमस पर लखनऊ के इन रेस्ट्रॉन्ट्स और होटल में मिलेगा ख़ास इंतज़ाम, इन डिशेस का लें यहाँ आनंद
    • Best Honeymoon Destinations: बेस्ट हनीमून डेस्टिनेशन, कम बजट में भी मिलेगा यूरोप वाला फील
    • New Year 2026: कम खर्च, डबल सेलिब्रेशन! न्यू ईयर पर सुबह-शाम का अलग रंग दिखाती हैं ये 5 जगहें
    • Hanuman Temple Lucknow: लखनऊ में स्थित बंजरगबली का ये मंदिर है बेहद ख़ास
    • मेवात दिवस: गांधी जी का वचन, भरोसे की वो तारीख, जिसने इतिहास की दिशा बदल दी
    • उत्तर प्रदेश के इस जिले में बनेगा 7 मंज़िला बस स्टैंड, 400 बसों की एक साथ होगी पार्किंग
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » बिहार मंत्रिमंडल विस्तार में झुक गए नीतीश?
    भारत

    बिहार मंत्रिमंडल विस्तार में झुक गए नीतीश?

    By February 26, 2025No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल विस्तार में दो साफ़ संकेत छोड़े हैं। पहला ये कि वो बीजेपी के वर्चस्व को पूरी तरह स्वीकार कर चुके हैं। दूसरा ये कि वो अति पिछड़ों के अपने गढ़ में भी बीजेपी को जगह देने के लिए तैयार हैं। एनडीए के तेरह महीनों के मंत्रिमंडल के तीसरे विस्तार में सभी सात मंत्री बीजेपी से लिए गए। इसके पहले तक नीतीश बीजेपी और जेडीयू के बीच संतुलन बना कर चल रहे थे। लेकिन अब मंत्रिमंडल के 36 सदस्यों में 21 बीजेपी के और नीतीश की पार्टी जेडीयू के 13 मंत्री हो गए हैं। जीतन राम मांझी की पार्टी हम का एक और एक निर्दलीय मंत्री है। इस विस्तार से पहले बीजेपी के 14 और जेडीयू के 13 मंत्री थे। 

    इस विस्तार में बीजेपी ने 5 मंत्री पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग से बनाया है जबकि सिर्फ 2 मंत्री सवर्ण वर्ग से हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार यात्रा के एक दिन बाद अचानक हुए इस विस्तार से साफ़ संकेत मिलता है कि बीजेपी ने अक्टूबर – नवंबर में होने वाले चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भागलपुर जाकर किसानों के खाते में दो हज़ार रुपये की 19वीं किस्त जारी करने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री की इस पहल को भी विधानसभा चुनाव से जोड़ कर देखा गया था। 

    पिछड़े मतदाताओं पर नज़र 

    नए बनाए गए मंत्रियों में एक कृष्ण कुमार महतो कुर्मी, विजय कुमार मंडल केवट, सुनील कुमार कोइरी, संजय सरावगी वैश्य और मोती लाल प्रसाद तेली (वैश्य) पिछड़े/ अति पिछड़े वर्ग से हैं। सिर्फ़ राजू कुमार सिंह राजपूत और जीवेश कुमार भूमिहार, सवर्ण हैं।  

    नीतीश कुमार की राजनीति शुरू से ही अति पिछड़ों और अति दलितों के समर्थन पर टिकी है। इसलिए अब तक वो इन दोनों वर्गों में अपने सहयोगी पार्टियों की पैठ रोकने की कोशिश करते रहे थे। कोइरी, कुर्मी और कुशवाहा नीतीश की अपनी जाति की उप शाखाएं हैं। बिहार में वैश्य भी पिछड़े वर्ग में आते हैं। हालांकि वो पारंपरिक रूप से बीजेपी के समर्थक माने जाते हैं।

    दो नए वैश्यों को मंत्री बनाने के लिए राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल से इस्तीफ़ा ले लिया गया। जायसवाल अब सिर्फ़ पार्टी के राज्य अध्यक्ष का काम करेंगे। नब्बे के दशक में नीतीश कुमार ने अति पिछड़ों और अति दलितों को लालू यादव से तोड़ कर अलग राजनीति की शुरुआत की थी। इनके बूते पर ही वो लगभग 20 वर्षों से मुख्यमंत्री बने हुए हैं। 

    नीतीश ने 2020 का विधानसभा चुनाव, लालू यादव के आरजेडी के साथ मिलकर जीता था। लेकिन 2024 में लोकसभा चुनावों के पहले उन्होंने आरजेडी के साथ चल रही अपनी ही सरकार को गिरा कर बीजेपी के साथ सरकार बना ली थी।

    हिंदी पट्टी में बिहार अकेला राज्य है जहाँ बीजेपी अकेले दम पर बहुमत लाने की स्थिति में नहीं है। इसका एक बड़ा कारण ये है कि बिहार की पिछड़ी और दलित जातियों में बीजेपी पैठ नहीं बना सकी है और मुख्य तौर पर सवर्ण जातियों के समर्थन पर निर्भर है। लालू यादव ने यादवों, चिराग पासवान ने समृद्ध दलित जातियों, जीतन राम मांझी ने अति दलितों और नीतीश कुमार ने अति पिछड़ों के साथ साथ अति दलितों में बीजेपी की पैठ को रोक रखा है। नीतीश की उम्र और राजनीतिक रूप से कमजोर होने के बाद बीजेपी अति पिछड़ों और अति दलितों के बीच पैठ बनाने की कोशिश कर रही है। मंत्रिमंडल विस्तार में इसका साफ़ संकेत मिलता है। 

    क्षेत्रीय संतुलन

    नए मंत्रियों में दो मिथिलांचल से हैं। पिछले चुनाव में ये इलाका एनडीए के गढ़ के रूप में उभरा था। इस क्षेत्र की 60 सीटों में से 40 अभी एनडीए के पास है। नए मंत्रियों के ज़रिए एनडीए यहां अपनी बढ़त बनाए रखने की कोशिश करेगी। एनडीए का दूसरा गढ़ भागलपुर अंचल है। ये एक बड़ा कारण है कि प्रधानमंत्री ने भागलपुर से किसानों को नगद भुगतान की किस्त जारी करने की घोषणा की। नए मंत्रियों में राजू कुमार सिंह इसी इलाके साहेबगंज से आते हैं। उन पर कई अपराधों के मामले दर्ज हैं जिनमें एक महिला की हत्या का आरोप भी है। वैसे, इनमें चार मंत्री सुनील कुमार, राजू कुमार सिंह, विजय कुमार मंडल और कृष्ण कुमार सिंह पहले जेडीयू में रह चुके हैं। सिर्फ़ जीवेश कुमार और संजय सरावगी को ही खाँटी बीजेपी वाला कहा जा सकता है।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleचुनाव से पहले बिहार में बड़ा गेम हो गया!
    Next Article नीच राशि में बुध का गोचर, इन राशियों को करेगा परेशान और इन पर रहेगा मेहरबान!

    Related Posts

    ट्रंप की तकरीर से NATO में दरार!

    June 25, 2025

    ईरान ने माना- उसके परमाणु ठिकानों को काफी नुकसान हुआ, आकलन हो रहा है

    June 25, 2025

    Satya Hindi News Bulletin। 25 जून, शाम तक की ख़बरें

    June 25, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

    June 22, 2025

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने माहेश्वरी प्रसाद इंटर कॉलेज के वार्षिक समारोह में किया शिरकत, गरीब बच्चों की शिक्षा पहल की खुले दिल से प्रशंसा की

    November 1, 2025

    Doon Defence Dreamers ने मचाया धमाल, NDA-II 2025 में 710+ छात्रों की ऐतिहासिक सफलता से बनाया नया रिकॉर्ड

    October 6, 2025

    बिहार नहीं, ये है देश का सबसे कम साक्षर राज्य – जानकर रह जाएंगे हैरान

    September 20, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.