
Muzaffarpur Rape Case
Muzaffarpur Rape Case
Muzaffarpur Rape Case: एक मासूम की चुप्पी, एक शहर की चीख और एक नेता की ललकार… बिहार में अपराध की चादर इतनी मोटी हो चुकी है कि अब उस पर किसी की भी चीख नहीं गूंजती। मुजफ्फरपुर में सामने आए कथित बलात्कार के मामले ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है, लेकिन इससे भी ज्यादा दिल दहला देने वाली बात ये है कि अब यह “अपवाद” नहीं, बल्कि “नियम” बन चुका है।
बेटियों की चीखों में दब चुकी है व्यवस्था की आत्मा
बिहार में कोई जिला ऐसा नहीं बचा, जहां से बलात्कार, छेड़खानी या यौन शोषण की खबरें ना आएं। ऐसे में अब सवाल यह नहीं रह गया कि “कब” और “कहां” बलात्कार हुआ, बल्कि अब तो डर इस बात का है कि “कब नहीं हुआ”? इसी गुस्से और व्यथा को सामने रखते हुए राजद नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को एक बड़ा धमाका किया। तेजस्वी ने कहा “बिहार में एक भी ऐसा जिला नहीं है जहां इस तरह की घटनाएं नहीं हो रही हैं। कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। बेगुनाहों को पुलिस पीट रही है, जेलों में सड़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को सिर्फ सत्ता की परवाह है, जनता की नहीं।”
मुजफ्फरपुर की दरिंदगी ने खोली सत्ताधीशों की संवेदनहीनता
तेजस्वी यादव का यह बयान मुजफ्फरपुर में हुए उस कथित बलात्कार कांड के बाद आया है जिसमें एक नाबालिग लड़की को अगवा कर उसके साथ बर्बरता की गई। घटना के विवरण इतने वीभत्स हैं कि पुलिस भी मीडिया के सामने चुप्पी साधे हुए है। परिजन रो-रोकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक अमला संवेदना की बजाय लीपापोती में व्यस्त है।
बिहार: अब जंगलराज नहीं, ‘बलात्कार राज’?
तेजस्वी ने नीतीश सरकार को पूरी तरह से विफल बताते हुए दावा किया कि आज का बिहार ‘जंगलराज’ भी पार कर चुका है। उन्होंने तंज कसा कि, “नीतीश कुमार का अब बिहार की जनता से कोई वास्ता नहीं है। उनके लिए सिर्फ कुर्सी मायने रखती है, जनता नहीं।” यह बयान ना सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर रहा है, बल्कि आम जनता के बीच डर और गुस्से की भावना को भी भड़का रहा है।
क्या नीतीश सरकार के पास है जवाब?
राज्य में बढ़ते अपराध और खासकर महिलाओं के खिलाफ होने वाले जघन्य अपराधों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी अब सवाल बनती जा रही है। सोशल मीडिया पर #BiharRapeCapital ट्रेंड कर रहा है, और लोग सरकार से जवाब मांग रहे हैं—कब तक बेटियों की चीखें दीवारों में गूंजती रहेंगी? कब तक सत्ता सिर्फ आंकड़ों का खेल खेलती रहेगी?
सवाल बड़ा है, जवाब अधूरा
तेजस्वी यादव ने जो आरोप लगाए हैं, वे केवल विपक्ष की राजनीति नहीं, बल्कि हर आम बिहारी की चिंता बन चुके हैं। अब बिहार को चुनाव नहीं, समाधान चाहिए। सवाल है क्या कोई सुनेगा? बिहार की बेटियां सवाल पूछ रही हैं… क्या कोई जवाब देगा?