Bihar: आयोग का मानना है कि जिस तरीके से हंगामा किया गया, वह कोई बड़ी साजिश थी. BPSC ने बापू परीक्षा परिसर मामले में उपद्रवियों पर हत्या का मामला चलाने की सिफारिश की है। बिहार लोक सेवा आयोग ने आज 16 दिसंबर को एक बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा से संबंधित सभी बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी।
कोचिंग संचालक की भूमिका संदिग्ध
परीक्षा के दौरान राजधानी पटना में जिस तरह से उपद्रव हुआ था, उस पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। बीपीएससी आयोग का मानना है कि जिस तरीके से हंगामा-प्रदर्शन किया गया, वह कोई बड़ी साजिश थी। उस प्रदर्शन में जो भी अभ्यर्थी शामिल थे, उनके खिलाफ आयोग आज कोई बड़ा फैसला ले सकता है। आयोग ने बापू परीक्षा परिसर मामले में उपद्रवियों पर हत्या का मामला चलाने की सिफारिश की है। जिला अधिकारी ने आयोग को भेजी रिपोर्ट में कोचिंग संचालक की भूमिका को भी संदिग्ध बताया है।
अतिरिक्त समय दिया गया
सीसीटीवी फुटेज और कई अहम साक्ष्य भी भेजे गए हैं। दो टीम बनाकर दो मुकदमे दर्ज कराए गए हैं. बापू एग्जाम सेंटर का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिससे परीक्षा के दौरान गड़बड़ी का सारा सच सामने आ गया है। सीसीटीवी फुटेज में देखने को मिल रहा है कि कुछ शरारती लोगो द्वारा व्यवधान के बावजूद परीक्षा सुचारू ढंग से संपन्न हुई। आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में थोड़े व्यवधान की वजह से कुछ परीक्षार्थियों को देर से प्रश्नपत्र प्राप्त हुए थे, जिन्हें नियमानुसार अतिरिक्त समय दिया गया था।
कोचिंग संस्थाओं की भूमिका की जांच
बापू परीक्षा परिसर में 13 दिसंबर को हुई बीपीएससी पीटी परीक्षा के दौरान हुए उपद्रव पर केंद्र अधीक्षक और मजिस्ट्रेट की विस्तृत रिपोर्ट जिला प्रशासन को मिल गई है। रिपोर्ट के बाद डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बीपीएससी को भेज दिया। इस रिपोर्ट में हंगामा के जिम्मेदार अभ्यर्थी और उपद्रवियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने और पूरे प्रकरण में कोचिंग संस्थाओं की भूमिका की जांच करने की सिफारिश की। परीक्षा केंद्र पर तैनात सीनियर मजिस्ट्रेट ब्रजकिशोर लाल ने डीएम को सौंपी अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि प्रश्न पत्र समय से दोपहर 10:55 में जोनल दंडाधिकारी द्वारा उपलब्ध करा दिया गया था।
क्रमबद्ध रूप से प्रश्न पत्र वितरित
प्रत्येक हॉल में 73 अभ्यर्थियों के बैठने की व्यवस्था थी, हर स्टील बॉक्स में 192 प्रश्न पत्र थे. जिन्हें 16 शील्ड TES बैगों में रखा गया था, प्रत्येक TES बैग में 12 प्रश्न पत्र थे। अतः एक स्टील बॉक्स में रखे गए TES बैग को दूसरे परीक्षा हॉल में शेयर करना जरूरी था, ताकि प्रश्न पत्रों को क्रमवार तरीके से परीक्षा के नियम के अनुसार अभ्यर्थियों के बीच बांटा जा सके। TES बैग को एक हॉल से दूसरे हॉल में ले जाने तथा क्रमबद्ध रूप से प्रश्न पत्र वितरित करते हुए ऊपर तक पहुंचने में देर हुई।
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