
Asia cup 2025 India vs Pakistan: पहलगाम अटैक की वजह से एकतरफ जहां पूरे भारत में इंडिया-पाकिस्तान मैच का विरोध किया जा रहा है। वहीं देश के विपक्ष राजनेता भी अपने मतों के जरिए कड़े संदेश देने से पीछे नहीं हट रहे। मैच रोकने को लेकर विभिन्न हलचलों के बीच महाराष्ट्र शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने एक बड़ा ऐलान कर दिया है। उद्धव ठाकरे ने बताया कि 14 सितंबर को एशिया कप में भारत पाकिस्तान मैच के दिन शिवसेना द्वारा महाराष्ट्र की गलियों में सिंदूर बचाव आंदोलन चलाया जाएगा।
उद्धव ठाकरे ने बताया कि इस आंदोलन में महाराष्ट्र की गलियों और सड़कों पर शिवसेना कार्यकर्ता और और जनता पोस्टर्स लेकर एक यात्रा निकालेगी। इस दौरान शिवसेना यूबीटी गुट की महिला कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सिंदूर भेजेंगी जिस पर सिंदूर की रक्षा करो मोदी जी लिखा होगा। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार 13 दिसंबर को मातोश्री पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार और बीसीसीआई पर अपने बयान के जरिए तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि एक तरफ पाकिस्तान हमारे सैनिकों और नागरिकों का खून बहा रहा है, वहीं दूसरी तरफ सरकार पाकिस्तान से क्रिकेट खेल रही है। उद्धव ने कहा कि यह पहलगाम के शहीदों के बलिदान का अपमान है। साथ ही ठाकरे ने यह भी घोषणा की कि उनकी पार्टी रविवार (14 सितम्बर) को मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में व्यापक आंदोलन करेगी। इसी आंदोलन को सिंदूर बचाव आंदोलन का नाम दिया गया है।
आंदोलन की प्रमुख बातें
इस आंदोलन के दौरान इन कुछ मुद्दों पर विशेष ध्यान रखा जाएगा।
1. नो क्रिकेट विद पाकिस्ताननेशन फर्स्ट’ के नारे के साथ शांतिपूर्ण लेकिन प्रभावशाली प्रदर्शन।
2. ‘हर घर से सिंदूर’ अभियान के तहत महिलाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सिंदूर भेजकर अपना विरोध दर्ज कराएंगी।
3. बीसीसीआई के खिलाफ प्रतीकात्मक दान अभियान संदेश- ‘देशभक्ति बिकाऊ नहीं है’ जैसे नारे।
4. रैली में पोस्टर, बैनर और देशभक्ति के नारे लगाकर जनजागरण किया जाएगा।
शिंदे गुट का तीखा बयान
इस बीच एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने उद्धव गुट पर हमला बोल दिया है। शिवसेना प्रवक्ता सांसद नरेश म्हस्के ने कहा कि उद्धव ठाकरे की पार्टी को भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच का विरोध करने के लिए कोई नैतिक अधिकार नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर के ऊपर पत्थर फेंकने वालों को ‘सिंदूर’ की चिंता नहीं करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि वास्तव में, जो लोग ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर संदेह व्यक्त करते हैं कहा, जो देश के सैनिकों द्वारा दिखाए गए शौर्य पर संदेह व्यक्त करते हैं, उन्हें सिंदूर के बारे में बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। अब जब चुनाव आ रहे हैं, तो क्या उन्हें ‘सम्मान’ शब्द याद आया? उन्होंने कि जो लोग चुनाव प्रचार में आईएसआई एजेंटों और बम विस्फोट के आरोपियों को लेकर चलते हैं, उन्हें सिंदूर जैसे पवित्र शब्द का भी उच्चारण नहीं करना चाहिए। इन बयानों से महाराष्ट्र में भारी राजनैतिक हलचल होने की संभावना जताई जा रही है। साथ ही शिवसेना के दोनों गुटों में बड़ा बवाल देखने को भी मिल सकता है।