भारतीय अधिकारियों ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों से संबंधित नवीनतम सबूतों से अवगत कराने की योजना बनाई है। ये ठिकाने भारतीय रक्षा बलों द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सटीक हमलों में नष्ट किए गए थे, जो पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में किए गए थे।
पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर 24 सटीक हमले किए गए। इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे आतंकी संगठनों के प्रशिक्षण केंद्र, हथियार भंडार और कमांड सेंटर नष्ट किए गए।
भारतीय अधिकारियों का कहना है कि वे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तानी राज्य तंत्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठनों को दि जा रहे संरक्षण के सबूतों को उजागर करेंगे। FATF ने पाकिस्तान को जून 2018 में अपनी ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल किया था, जब उसमें आतंकवाद विरोधी वित्तपोषण (CFT) और मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी (AML) उपायों में कई कमियां पाई गई थीं। पाकिस्तान को 27 में से 26 कार्य योजनाओं को पूरा करने के बाद अक्टूबर 2022 में ग्रे लिस्ट से हटाया गया था, लेकिन उसे एशिया पैसिफिक ग्रुप (APG) के साथ मिलकर अपने सिस्टम को और मजबूत करने के लिए कहा गया था।
हालांकि, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकी संगठनों के वरिष्ठ कमांडरों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई दिखाने में विफलता दिखाई, जिसके कारण 21 अक्टूबर 2021 को उसे फिर से ग्रे लिस्ट में बनाए रखा गया। भारत अब एशिया पैसिफिक ग्रुप को एक आधिकारिक डोजियर सौंपने की तैयारी कर रहा है, जिसमें पिछले दो वर्षों में पाकिस्तान समर्थित आतंकी गतिविधियों, विशेष रूप से पहलगाम हमले के ठोस सबूत शामिल होंगे।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र की 1267 सेंक्शंस कमेटी को भी पहलगाम हमले के सबूत सौंपे हैं, जिसमें द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) को लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा के रूप में नामित किया गया है। भारत का लक्ष्य TRF को वैश्विक आतंकी संगठन के रूप में प्रतिबंधित करवाना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की आतंकवाद के खिलाफ ‘नई सामान्य’ नीति करार दिया है। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों, यहां तक कि पाकिस्तानी राज्य, के बीच कोई अंतर नहीं करेगा।
भारत की यह कार्रवाई वैश्विक समुदाय को यह संदेश देती है कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी शून्य-सहिष्णुता नीति पर दृढ़ है। आने वाले दिनों में, भारत FATF और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को उजागर करने के लिए और सक्रियता से कदम उठाएगा।