यूक्रेन ने मंगलवार को दावा किया कि उसने पानी के भीतर 1100 किलोग्राम बम विस्फोट से क्रीमिया पुल पर वार किया है। उसने दावा किया है रूस द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए क्रीमिया को रूस से जोड़ने वाले अहम केर्च ब्रिज पर यह तीसरी हमला है।
यूक्रेन की सुरक्षा सेवा यानी एसबीयू ने इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी ली है। इसने कहा है कि विस्फोट के लिए 1100 किलोग्राम विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया। इसके परिणामस्वरूप पुल के पानी के नीचे के सहायक खंभों को गंभीर नुक़सान पहुंचा। यह हमला रूस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि यह 19 किलोमीटर लंबा पुल रूसी सेना के लिए क्रीमिया और दक्षिणी यूक्रेन में आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण मार्ग है। एसबीयू ने इस हमले का एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें पानी के नीचे एक शक्तिशाली विस्फोट दिखाई दे रहा है, जिसके साथ मलबा हवा में उड़ता हुआ नज़र आता है। सोशल मीडिया पर यूज़रों ने इस विस्फोट से जुड़े फुटेज को साझा किया है।
रॉयटर्स ने क्षेत्र की सैटेलाइट और फाइल इमेजरी से मेल खाने वाली पुल की संरचना से उस जगह की पुष्टि की। रॉयटर्स स्वतंत्र रूप से यह सत्यापित नहीं कर सका कि वीडियो कब फ़िल्माया गया था।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार एसबीयू ने अपने आधिकारिक टेलीग्राम चैनल पर एक बयान जारी कर कहा कि इस ऑपरेशन की योजना कई महीनों तक बनाई गई थी। बयान के अनुसार, ‘हमने इस अवैध ढांचे के सहायक खंभों पर विस्फोटक लगाए और मंगलवार सुबह 4:44 बजे पहला विस्फोटक सक्रिय किया गया।’ विस्फोटकों की ताक़त 1100 किलोग्राम टीएनटी के बराबर थी, जिसने समुद्र तल पर पुल के खंभों को गंभीर रूप से नुक़सान पहुँचाया।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार एसबीयू प्रमुख वासिल माल्युक ने इस ऑपरेशन की निगरानी की और इसे ‘तीसरी बार भाग्यशाली’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘हमने 2022 और 2023 में पहले भी इस पुल को दो बार निशाना बनाया था। आज हमने इस परंपरा को पानी के नीचे जारी रखा।’ बता दें कि अक्टूबर 2022 में एक ट्रक में विस्फोटकों का उपयोग करके पुल के सड़क को नुकसान पहुंचाया गया था। इस वजह से रेलवे के पास ईंधन टैंकों में आग लग गई थी। इस हमले में सड़क का एक हिस्सा समुद्र में गिर गया था। इसके बाद जुलाई 2023 में यूक्रेन ने समुद्री ड्रोनों का इस्तेमाल करके पुल के सहायक खंभों को निशाना बनाया था। इन हमलों के बाद रूस ने पुल की मरम्मत करने की कोशिश की, लेकिन यह ताज़ा हमला इसकी संरचना को और कमजोर करने वाला माना जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार माल्युक ने जोर देकर कहा कि क्रीमिया यूक्रेन का हिस्सा है और रूस की ओर से कोई भी अवैध ढांचा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह रूसी सेना के लिए हथियारों, ईंधन और अन्य आपूर्तियों को क्रीमिया और दक्षिणी यूक्रेन में पहुंचाने का एक अहम मार्ग रहा है। यूक्रेन ने इसे बार-बार ‘वैध सैन्य निशाना’ करार दिया है, क्योंकि यह रूस की सैन्य रणनीति का एक अहम हिस्सा है।
रूसी अधिकारियों ने मंगलवार को टेलीग्राम पर घोषणा की कि केर्च ब्रिज पर यातायात को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। रूस के रक्षा मंत्रालय से जुड़े एक टेलीग्राम चैनल रायबर ने दावा किया कि यूक्रेन ने संभवतः धीमी गति वाले पानी के नीचे ड्रोन का इस्तेमाल किया, लेकिन विस्फोट केवल थोड़ा सा नुक़सान पहुंचा सका। रूस ने अभी तक यूक्रेन के दावों पर आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। क्रीमिया विंड नामक एक प्रो-यूक्रेनी टेलीग्राम चैनल ने बताया कि हमले के बाद पुल को निरीक्षण के लिए बंद कर दिया गया था।
यह हमला यूक्रेन के हाल के बड़े सैन्य अभियानों की कड़ी में आया है। रविवार को यूक्रेन ने “स्पाइडर वेब” अभियान के तहत एक बड़े ड्रोन हमले में रूस के सामरिक हवाई अड्डों को निशाना बनाया था, जिसके परिणामस्वरूप रूस के लंबी दूरी के बमवर्षक विमानों को नुक़सान पहुंचा। यूक्रेन की सेना का कहना है कि ये हमले रूस की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करने और क्रीमिया पर नियंत्रण को चुनौती देने की रणनीति का हिस्सा हैं।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब यूक्रेन और रूस के बीच तुर्की में मध्यस्थता के तहत शांति वार्ता का दूसरा दौर चल रहा है। सोमवार को दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी शर्तें रखीं। यूक्रेन ने उस मांग को अस्वीकार कर दिया है जिसमें रूस ने मांग की थी कि वह अपने बड़े क्षेत्रों को सौंप दे और अपनी सेना को सीमित करे।
केर्च ब्रिज पर यह ताज़ा हमला यूक्रेन की सैन्य रणनीति और दृढ़ संकल्प को दिखाता है। एसबीयू ने इसे रूस के अवैध कब्जे के ख़िलाफ़ एक और क़दम क़रार दिया है। हालाँकि पुल पूरी तरह से तबाह नहीं हुआ है, लेकिन इसकी संरचना को पहुँचा नुक़सान रूस के लिए एक रणनीतिक झटका है।