
Salman Khurshid RRR statement:
Salman Khurshid RRR statement:
Salman Khurshid RRR statement: देश में इस समय सिर्फ सीमाओं पर ही नहीं, बल्कि सियासत के गलियारों में भी जंग छिड़ी हुई है। एक ओर भारतीय सेना ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसी कार्रवाइयों से दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दे रही है, वहीं दूसरी ओर देश के भीतर बैठे कुछ नेता सेना के मनोबल पर सवाल उठाकर पाकिस्तान को परोक्ष समर्थन देने से बाज नहीं आ रहे। इस गहरे राजनीतिक द्वंद्व के बीच अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने ऐसा बयान दे दिया है, जिसने उनकी ही पार्टी की अंदरूनी कलह को उजागर कर दिया है। भाजपा को कांग्रेस पर हमला करने का नया मौका मिल गया है और इस बार निशाने पर हैं खुद ‘RRR’ — यानी राहुल गांधी, जयराम रमेश और रेवंत रेड्डी।
जब कांग्रेस के भीतर से उठी राष्ट्रवाद की आवाज़
सलमान खुर्शीद, जो कभी यूपीए सरकार के भरोसेमंद मंत्री रहे, अब अपनी ही पार्टी के रवैये पर सवाल खड़े कर रहे हैं। उन्होंने अपने ताज़ा बयान में परोक्ष रूप से कांग्रेस के कुछ नेताओं की पाकिस्तान-परस्त मानसिकता पर निशाना साधा और स्पष्ट किया कि ‘राष्ट्रहित से ऊपर कोई परिवार नहीं हो सकता।’ यह बयान ऐसे समय आया है जब ‘RRR’ गैंग — राहुल गांधी, जयराम रमेश और रेवंत रेड्डी — खुले मंचों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को विफल करार दे रहे हैं, जिससे कांग्रेस को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
भाजपा का तीखा हमला
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने खुर्शीद के बयान को लपकते हुए कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “मुझे डर है कि अब सलमान खुर्शीद को सुनकर कहीं पवन खेड़ा और उदित राज उन्हें ‘सुपर प्रवक्ता’ न घोषित कर दें।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि मनीष तिवारी और शशि थरूर की तरह अब खुर्शीद ने भी पार्टी के ‘RRR’ गैंग को आईना दिखा दिया है। पूनावाला यहीं नहीं रुके। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसके सांसद विदेशों में जाकर पाकिस्तान को बेनकाब करने के बजाय भारत की सेना को नीचा दिखाने में लगे हैं। उन्होंने कहा, “दुख की बात है कि ये लोग देश की सेना और संसद का अपमान कर रहे हैं, और उन्हें अपने देश से ज़्यादा भरोसा दूसरे मुल्कों पर है।”
क्या कांग्रेस की अंतरात्मा जाग रही है?
सलमान खुर्शीद का यह बयान उस गहरे असंतोष की ओर इशारा करता है, जो कांग्रेस के भीतर धीरे-धीरे पनप रहा है। जब-जब पार्टी के शीर्ष नेता पाकिस्तान के पक्ष में बोलते हैं या सेना की उपलब्धियों को नकारते हैं, तब-तब कांग्रेस के ही कुछ अनुभवी नेता असहज हो जाते हैं। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या कांग्रेस में राष्ट्रवाद की कोई जगह बची है? या फिर पार्टी पूरी तरह ‘RRR’ के इशारों पर चलने वाली एक अपारदर्शी संस्था बन गई है? सलमान खुर्शीद ने एक चिंगारी तो जरूर सुलगा दी है अब देखना यह है कि यह आग बनती है या धुआं रह जाती है।