केंद्र सरकार ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर की सुरक्षा बढ़ा दी है। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मंत्री के काफिले में एक अतिरिक्त बुलटप्रूफ वाहन भी शामिल किया गया है। जयशंकर, जो इस समय केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की ‘Z’ श्रेणी की सशस्त्र सुरक्षा में हैं, अब देशभर में यात्रा करते समय एक हाई सिक्योरिटी कार के साथ चलेंगे।
सूत्रों ने बताया कि यह निर्णय 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर पैदा तनाव के मद्देनज़र किए गए नए खतरे के मूल्यांकन के बाद लिया गया है। इस हमले के बाद दोनों देशों के बीच एक छोटा लेकिन जबरदस्त संघर्ष हुआ।
इस खतरे के आकलन में राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों के लिए जोखिम का लेवल बढ़ने की बात कही गई है। यह कदम अक्टूबर 2024 में सुरक्षा श्रेणी ‘Y’ से बढ़ाकर ‘Z’ किए जाने के बाद लिया गया दूसरा बड़ा कदम है। फिलहाल जयशंकर की सुरक्षा में एक दर्जन से अधिक सशस्त्र CRPF कमांडो शामिल हैं।
जयशंकर उन 210 से अधिक प्रमुख हस्तियों में शामिल हैं जिन्हें CRPF सुरक्षा प्रदान कर रही है। इनमें गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा, तथा आध्यात्मिक नेता दलाई लामा शामिल हैं।
69 वर्षीय जयशंकर, पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन “सिंदूर” के बाद भारत की कूटनीतिक नीति का प्रमुख चेहरा रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर के तहत, भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक हमलों के जरिए जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकियों को ढेर कर दिया।
भारत के इन सर्जिकल स्ट्राइक्स के बाद पाकिस्तान ने सीमा पार गोलाबारी और भारत के सैन्य अड्डों पर ड्रोन हमलों की कोशिश की, जिसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के रडार स्टेशनों, हवाई अड्डों और संचार केंद्रों पर जवाबी हमले किए। हालांकि, दोनों देशों के बीच 10 मई को आपसी सहमति के बाद संघर्ष विराम पर सहमति बनी और शत्रुता पर विराम लगा।