कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को लोकसभा में अपने पहले भाषण में मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने अपने भाई राहुल गांधी की तरह अडानी घूसकांड को लेकर सरकार पर निशाना साधा। प्रियंका ने केंद्र सरकार पर संविधान को कमजोर करने और देश के 142 करोड़ नागरिकों के बजाय चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया। प्रियंका ने कारोबारी गौतम अडानी का नाम लिए बिना सरकार और अरबपति के साथ कथित संबंधों को लेकर भाजपा पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा “हमारा संविधान एक ‘सुरक्षा कवच’ है; यह लोगों की सुरक्षा करता है. दुख की बात है कि सत्तारूढ़ दल ने उस ढाल को तोड़ने के लिए सभी प्रयास किए हैं।”
प्रियंका गांधी जब भाषण दे रही थीं तो नेता विपक्ष राहुल गांधी सदन में मौजूद थे और बहुत गौर से अपनी बहन का भाषण सुन रहे थे। इस दौरान बाकी कांग्रेसी सांसद भी मेजें थपथपाकर प्रियंका का हौसला बढ़ाते रहे।
प्रियंका ने संसद में संभल हिंसा में मारे गए एक परिवार की कहानी सुनाकर संसद को इमोशनल कर दिया। प्रियंका ने कहा, ”संभल के गमजदा कुछ लोग हमसे मिलने आए। उनमें दो बच्चे भी थे- अदनान और उज़ैर। उनमें से एक बच्चा मेरे बेटे की उम्र का था और दूसरा छोटा था। बच्चों के पिता दर्जी थे। दर्जी का एक ही सपना था – वह अपने बच्चों को पढ़ाएगा, एक बेटा डॉक्टर बनेगा। …पुलिस ने उनके पिता की गोली मारकर हत्या कर दी। 17 वर्षीय अदनान ने मुझसे कहा कि वह बड़ा होकर डॉक्टर बनेगा और अपने पिता के सपने को साकार करेगा। यह सपना और आशा उसके दिल में भारत के संविधान द्वारा पैदा की गई थी …। लेकिन कुछ लोगों ने इस आशा को छीन लिया।”
प्रियंका ने मोदी सरकार पर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया। प्रियंका ने अपने पहले भाषण में जाति जनगणना का मुद्दा उठाते हुए केंद्र पर निशाना साधा। वायनाड सांसद ने कहा, “जाति जनगणना समय की मांग है और इससे हमें नीतियां बनाने में मदद मिलेगी। लेकिन सरकार जाति जनगणना कराना ही नहीं चाहती है।”
इससे पहले केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में संविधान पर बहस शुरू की और विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि दस्तावेज़ में एक ही पार्टी ने योगदान दिया है। सिंह ने यह भी कहा कि सबसे पुरानी पार्टी यानी कांग्रेस ने संविधान के बुनियादी सिद्धांतों को नष्ट करने की कोशिश की।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी पार्टी के साथी सदस्यों पर कटाक्ष करते हुए, राजनाथ सिंह ने कहा- “मैं देख रहा हूं कि कई विपक्षी नेता अपनी जेब में संविधान की प्रति लेकर घूम रहे हैं। ये बात उन्होंने बचपन से सीखी है। उन्होंने अपने परिवार में पीढ़ियों से संविधान को जेब में रखे हुए देखा है। लेकिन बीजेपी संविधान को सर माथे पर रखती है।” कांग्रेस की आलोचना करते हुए, राजनाथ ने कहा- “जब भी कांग्रेस को संविधान और सत्ता के बीच चयन करने का अवसर मिला, उसने हमेशा सत्ता का पक्ष लिया है।”
राजनाथ सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एचआर खन्ना की आत्मकथा का हवाला दिया। उन्होंने कहा, ”आज कुछ लोग संविधान की रक्षा की बात कर रहे हैं। लेकिन हमें यह याद रखने की जरूरत है कि किसने संविधान का सम्मान किया और किसने इसका अपमान किया।
मैं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एचआर खन्ना की आत्मकथा नाईट रोज़ेज नॉर थॉर्न्स का संदर्भ लूंगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी छोटी बहन से कहा था कि उन्होंने एक ऐसा फैसला तैयार कर लिया है जिससे उन्हें चीफ जस्टिस का पद गंवाना पड़ेगा। यह 1976 में हुआ था। एडीएम जबलपुर बनाम शिवकांत शुक्ला मामले में उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ असहमति वाला फैसला दिया था। वह सरकार को किसी के जीवन का अधिकार सौंपने और अदालत जाने के लिए तैयार नहीं थे। उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ी।”