सऊदी अरब ने भारत सहित 14 देशों के नागरिकों के लिए वर्क वीजा (Temporary Work Visa – TWV) पर अस्थायी रोक लगा दी है। यह निर्णय 30 जून 2025 तक लागू रहेगा। इस कदम की खास वजह हज सीजन के दौरान भीड़ प्रबंधन और वीजा दुरुपयोग को रोकना बताया गया है।
सऊदी अरब ने यह रोक भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नाइजीरिया, मिस्र, अल्जीरिया, सूडान, इथियोपिया, ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, इराक, जॉर्डन, यमन और मोरक्को जैसे देशों पर लगाई है। इसके अलावा, ई-वीजा, फैमिली विजिट वीजा और टूरिस्ट वीजा जैसे अन्य अल्पकालिक वीजा भी प्रभावित हुए हैं। हालांकि, राजनयिक, निवास और हज-वीआईपी वीजा इस रोक से मुक्त हैं।
सऊदी अरब ने यह निर्णय हज 2025 के दौरान सुरक्षा और प्रशासनिक चिंताओं को ध्यान में रखते हुए लिया था। हालांकि हज खत्म हो चुका है लेकिन लाखों लोग अभी भी मक्का-मदीना और आसपास अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा पर जा रहे हैं। हज, जो इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है, हर साल लाखों तीर्थयात्रियों को मक्का की ओर आकर्षित करता है। इस दौरान अनधिकृत प्रवेश और वीजा दुरुपयोग को रोकने के लिए सऊदी प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। इसके तहत ड्रोन का उपयोग कर निगरानी, भीड़ प्रबंधन और अग्निशमन जैसे कार्यों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
इस निलंबन से उन हजारों श्रमिकों पर असर पड़ने की संभावना है, जो सऊदी अरब में वर्क वीजा के तहत काम करने की योजना बना रहे थे। खास तौर पर मौसमी और अर्ध-कुशल श्रम पर निर्भर उद्योगों को अपनी रणनीतियों में बदलाव करना पड़ सकता है। जिन श्रमिकों के पास वैध वीजा है, लेकिन वे अभी सऊदी अरब नहीं पहुंचे हैं, उन्हें प्रवेश में देरी या प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है।
यह कदम सऊदी अरब की ‘सऊदाइजेशन’ नीति के अनुरूप भी है, जिसका उद्देश्य स्थानीय नागरिकों के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है। इस नीति के तहत विदेशी श्रमिकों की संख्या को नियंत्रित करने और स्थानीय श्रमिकों को प्राथमिकता देने पर जोर दिया जा रहा है।
सऊदी अरब जाने की योजना बना रहे श्रमिकों को सलाह दी गई है कि वे अपनी यात्रा से पहले एयरलाइंस या निकटतम सऊदी दूतावास से वीजा और प्रवेश की पात्रता की पुष्टि करें। भर्ती एजेंसियों को भी लंबे समय के लिए तैयार रहने और अपने ग्राहकों को देरी की सूचना देने की सलाह दी गई है।
यह अस्थायी रोक भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य प्रभावित देशों के श्रमिकों के लिए अल्पकालिक चुनौतियां पैदा कर दी हैं। सऊदी अरब के विभिन्न शहरों में भारत-पाकिस्तान-बांग्लादेश से सबसे ज्यादा लोग काम के सिलसिले में वहां जाते हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या अकुशल श्रमिकों और कुशल श्रमिकों की होती है।