ऐसे में जब घर पर सोनम की शादी की चर्चा होती तो वह शादी के लिए तुरंत मना कर देती थी। इसकी एक वजह यह भी थी कि वह अपने प्रेमी राज कुशवाहा से शादी करना चाहती थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक़ राजा के बड़े भाई विपिन रघुवंशी ने बताया कि सोनम ने अपनी मां संगीता को राज कुशवाहा के साथ अपने प्रेम संबंध के बारे में बताया था। सोनम ने साफ़ कहा था कि वह राजा से शादी नहीं करना चाहती। लेकिन उसकी मां ने इस रिश्ते का विरोध किया और उसे सामाजिक दबाव में राजा से शादी करने के लिए राजी किया। विपिन ने पुलिस को बताया, “सोनम ने अपनी मां से कहा था, ‘ठीक है, मैं शादी कर लूंगी, लेकिन जो होगा, उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं होऊंगी। तुम देखना मैं उस व्यक्ति के साथ क्या करती हूं। तुम सबको परिणाम भुगतने पड़ेंगे।” किसी को नहीं पता था कि सोनम इतना बड़ा कदम उठाकर राजा की हत्या कर देगी।
राजा रघुवंशी हत्याकांड में नए खुलासे हुए हैं। शादी से पहले सोनम ने अपनी मां को धमकी भी दी थी कि अगर उसकी शादी राजा से जबरदस्ती करवाई गई तो इस शादी का अंजाम बहुत बुरा होगा। लेकिन फिर भी उसके घर वाले नहीं माने और दोनों की शादी करा दी। तो क्या सोनम उस खुली हवा में साँस लेना चाहती थी जहाँ उसके सामने परिवार द्वारा लगाई गई पाबंदियाँ न हों? क्या परिवार ने सोनम पर कुछ ज़्यादा ही पाबंदियाँ लगा दी थीं?
कम से कम ताज़ा रिपोर्टों में इन सवालों के जवाब मिलते दिखते हैं। सोनम इंदौर के कुशवाहा नगर की तंग गलियों में पली-बढ़ी। उसके पिता देवी सिंह रघुवंशी ने 25 साल में गुना से इंदौर आकर प्लाइवुड का बिज़नेस खड़ा किया। सोनम ने कॉलेज से ग्रैजुएट होने के बाद अपने पिता के बिज़नेस में एचआर डिपार्टमेंट में काम करना शुरू किया। लेकिन सोनम का सपना था अपने पैरों पर खड़े होना, चाहे इसके लिए उसे अपने परिवार द्वारा तय की सामाजिक नैतिकता की सीमाओं को तोड़ना क्यों न पड़े।
सोनम के पिता का कहना है कि “हमने कभी अपनी बेटी को घर से बाहर जाने और अजनबियों से बात करने की इजाजत नहीं दी, उसकी ज़िंदगी का दायरा बस घर से हमारे पारिवारिक कारोबार की जगह तक ही सीमित था।” परिवार ने उसे अपने दायरे से बाहर काम करने से रोका, इसलिए वह प्लाइवुड कारखाने के परिसर तक ही बंद होकर रह गई। एमपी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक़ परिवार की आर्थिक स्थिति सालों में काफी बेहतर हुई और उनके भाई गोविंद के नेतृत्व में व्यवसाय गुजरात तक फैला। लेकिन इस समृद्धि के साथ सोनम की निजी स्वतंत्रता पर और सख्ती बढ़ गई।
रिपोर्टों के अनुसार उसने एक बार एमबीए करने की इच्छा जताई थी, लेकिन सोनम के घरवालों ने इसके लिए साफ़ मना कर दिया और कहा कि वह बस परिवार के व्यवसाय तक ही स्वयं को सीमित रखे तो यह बात यहीं ख़त्म हो गई। मीडिया रिपोर्टों में यह दावा किया गया कि इसी दौरान सोनम की मुलाकात राज से हुई, जो पहले उसके पिता के कारखाने में बिलिंग का काम देखता था और उसी मोहल्ले में रहता था।
वहीं दूसरी ओर सोनम के कज़िन भाई गोविंद ने बुधवार को राजा के घर पहुँच कर दावा किया कि राज हमारा कर्मचारी था लेकिन उसका और सोनम का कोई लव अफेयर नहीं था। बल्कि सोनम तो राज को भाई मानती थी और राखी बांधती थी। गोविंद ने यह भी कहा कि अगर सोनम ने कत्ल किया है तो वो खुद उसकी फांसी की पैरवी करेगा।
इस बीच, पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ कि सोनम ने आरोपियों को बीस लाख रुपये की सुपारी दी थी, जिसमें से पंद्रह हजार रुपये नकद पहले दिए गए थे।
हत्यारे बेंगलुरु में सोनम और राजा से मिले और वहां से मेघालय के लिए एक साथ उड़ान भरी। 23 मई को सोनम और राजा नोंग्रीआट गांव के एक होमस्टे से चेक-आउट करने के बाद लापता हो गए। 2 जून को राजा का शव मेघालय के वेई सॉडॉन्ग फॉल्स के पास एक गहरी खाई में मिला, जिसके सिर पर दो गहरे घाव थे। पुलिस ने इसे हत्या करार दिया। इस समय तक सोनम लापता थी।
इंदौर क्राइम ब्रांच के अनुसार, चारों पुरुष आरोपियों ने हत्या की बात कबूल कर ली है। उन्होंने बताया कि सोनम घटनास्थल पर मौजूद थी और उसने राजा की हत्या को देखा। विशाल, आकाश और आनंद ने इंदौर से ट्रेन बदलकर मेघालय पहुंचने की बात स्वीकारी। राज कुशवाहा ने इंदौर में रहकर आरोपियों को चालीस हजार–पचास हजार रुपये की आर्थिक मदद दी। पुलिस को घटनास्थल से एक खून से सना मचेट, सोनम का रेनकोट और अन्य सबूत मिले।