ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों ने हाइफा को खासतौर पर निशाना बनाया, खासतौर पर 14-15-16 जून को। खबरों में बताया गया है कि हाइफा शहर में कई बिल्डिंगें ध्वस्त हुईं। लेकिन सबसे बड़ा नुकसान बज़ान तेल रिफाइनरी में हुआ। बज़ान तेल रिफाइनरी की पाइपलाइनें और ट्रांसमिशन लाइनें पूरी तरह ध्वस्त हो गईं। बज़ान रिफाइनरी ऑपरेटर ने तेल अवीव स्टॉक एक्सचेंज को यह सूचना दी है और अपना ऑपरेशन रोक दिया है।
रिफाइनरी में आग के कारण हाइफा पोर्ट और क्रायोट क्षेत्रों में 5 लाख से अधिक लोगों को निकाला जा सकता है। अभी तक रिफाइनरी की आग बुझी नहीं है। जबकि घटना का आज तीसरा दिन है।
ईरान ने हाइफा हमले में हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जिनके वॉरहेड्स ने इसराइल के आइरन डोम को भी भेद दिया। हालांकि, इसराइली रक्षा बलों (IDF) ने इनकार किया कि ईरान ने हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया, यह कहते हुए कि मिसाइलों में 1,100 पाउंड के वॉरहेड्स थे और इंटरसेप्शन दर 2024 के पिछले हमलों जैसी थी।
हाइफा में हवाई हमले के सायरन लगातार तीसरे दिन सोमवार को भी बजते रहे। इससे निवासियों को सुरंगों और सुरक्षित कमरों में शरण लेनी पड़ी। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने सुरंगों में छिपने के फोटो डाले हैं।
हाइफा में हताहतों की संख्या अलग-अलग है। इसराइली स्रोतों ने कम से कम चार मौतें और 174 घायल होने की सूचना दी।
किसी आधिकारिक रिपोर्ट में हाइफा से बड़े पैमाने पर लोगों के पलायन की खबर नहीं दी गई। लेकिन आग के कारण बड़े पैमाने पर अगले कुछ दिनों में लोगों के शहर छोड़कर जाने की खबरें आ सकती हैं।
ईरान ने हाइफा पर हमला क्यों किया
ऊर्जा और आर्थिक केंद्र: हाइफा में इसराइल की मुख्य तेल रिफाइनरी बज़ान और एक प्रमुख पोर्ट है, जो देश की लगभग 30% आयात गतिविधियों को संभालता है । रिफाइनरी की तबाही इसराइल के लिए बड़ा नुकसान है।
प्रतीकात्मक और राजनयिक संदेश: हमले से ईरान ने यह संदेश दिया कि वह इसराइल के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को निशाना बना सकता है और उसके सप्लाई चेन को बाधित कर सकता है।
हाइब्रिड और व्यापक युद्ध रणनीति: मिसाइल+ड्रोन हमले तथा ऊर्जा संरचना को टारगेट करना, बताता है कि ईरान समग्र आर्थिक और सैन्य दबाव बनाना चाहता है। वो अब सिर्फ सैनिक टारगेट तक सीमित नहीं रहेगा ।
हाइफा कब्जे वाला क्षेत्र क्यों कहलाता है?
यह फिलिस्तीन का सबसे पुराना जिला है। लेकिन अब यहां पर इसराइल का कब्जा है। जर्मनी से यहूदियों को सबसे पहले हाइफा में ही लाया गया। हाइफा पूर्वी भूमध्य सागर में एक प्राकृतिक बंदरगाह है और इस समय इसराइल का सैनिक व वाणिज्यिक केंद्र है। जो देश के उत्तर कोरिडोर से जुड़ा है। हाइफा में मजबूत इंटेलिजेंस बेस, नौसैनिक अड्डा और रक्षा सुविधाएं हैं। हाइफा इसराइल के आयात और निर्यात की रीढ़ है। इसे नुकसान पहुँचना पूरे इसराइल की अर्थव्यवस्था और सप्लाई चेन को प्रभावित करना है।
हाइफा को टारगेट करना इसराइल का रणनीतिक कदम था। इस हमले से यह स्पष्ट हुआ कि ईरान अब पारंपरिक लक्ष्यों से आगे बढ़कर, इसराइल की आर्थिक और ऊर्जा ढांचों को भी चुनौती दे रहा है। इसकी उम्मीद इसराइल, अमेरिका और यूरोपीय देशों को नहीं थी।
इस बीच होम फ्रंट कमांड के अधिकारी उडी एल्बाज़ ने मीडिया को बताया कि ईरानी मिसाइल ने पेटा टिकवा इलाके में 20 मंजिला इमारत को निशाना बनाया, जिससे इसकी चौथी और पाँचवीं मंजिल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हमने जिन अतिरिक्त इमारतों की तलाशी ली, उनमें से ज़्यादातर लोग जो सुरक्षित जगह पर थे, उन्हें कोई चोट नहीं आई।”