Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह के पिता आनंद सिंह का निधन, टाइगर ऑफ UP से थे मशहूर, परिवार में छाया मातम
    • Lucknow news: …तो इस लिए बीजेपी नहीं चुन पा रही प्रदेश अध्यक्ष
    • Bajrang Manohar Sonawane Wikipedia: संघर्ष, सेवा और सफलता का प्रतीक, बीड से लोकतंत्र की आवाज़-बजरंग मनोहर सोनवाने
    • Bihar Elections 2025: PM मोदी के ‘हनुमान’ चिराग ने BJP की पीठ में घोंपा छुरा, सभी सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने का किया ऐलान
    • Bhakt Pundalik Story: माँ-बाप की सेवा ने भगवान को रुकने पर मजबूर कर दिया, जानिए पुंडलिक की कहानी
    • बिहार चुनाव से पहले बवाल! महुआ मोइत्रा ने वोटर लिस्ट विवाद पर खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
    • ‘अगर मुझे कुछ हुआ तो अखिलेश यादव होंगे जिम्मेदार..’, BJP नेता ने सपाइयों के खिलाफ दर्ज कराई FIR, सियासत में मचा संग्राम
    • Spiti Valley Kaise Ghume: स्पीति घाटी- हिमालय के इस ठंडे रेगिस्तान में छुपे हैं, बेपनाह सुकून के ख़जाने
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » हाईकोर्टों के सिर्फ 12% जजों ने ही अपनी संपत्ति घोषित की, मी लार्ड, बाकी कब करेंगे 
    भारत

    हाईकोर्टों के सिर्फ 12% जजों ने ही अपनी संपत्ति घोषित की, मी लार्ड, बाकी कब करेंगे 

    Janta YojanaBy Janta YojanaApril 7, 2025No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    भारत के 25 हाईकोर्टों में वर्तमान में कार्यरत 769 न्यायाधीशों में से सिर्फ 95, यानी मात्र 12.35%, ने अपनी संपत्ति और देनदारियों को सार्वजनिक रूप से घोषित किया है। इस आंकड़े ने न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही के मुद्दों पर एक गंभीर बहस को जन्म दे दिया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के सभी 33 जजों ने अपनी संपत्ति को सार्वजनिक करने का निर्णय लिया है, जो एक पॉजिटिव कदम है। लेकिन हाईकोर्टों में यह स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

    एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ हाईकोर्टों ने संपत्ति घोषणा के मामले में बेहतर प्रदर्शन किया है। जिनमें केरल और हिमाचल प्रदेश प्रमुख है।

    • केरल हाईकोर्ट: 44 में से 41 जजों (93.18%) ने अपनी संपत्ति घोषित की है। देश में यह एक बेहतरीन मिसाल है।
    • हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट: 12 में से 11 जजों (91.66%) ने अपनी संपत्ति का खुलासा किया है।

      हालांकि, यह स्थिति सभी हाईकोर्टों में एकसमान नहीं है। दिल्ली हाईकोर्ट के संग्रह में 64 पूर्व जजों की संपत्ति घोषणाएं सूचीबद्ध हैं, जिनमें से कई रिटायर हो चुके हैं, ट्रांसफर हो गए हैं, या सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत हुए हैं। इनमें से कुछ घोषणाएं फरवरी 2010 तक की हैं, जो दर्शाता है कि वर्तमान में कार्यरत जजों की तुलना में पूर्व जजों की जानकारी अधिक उपलब्ध है।

      सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। 1 अप्रैल, 2025 को हुई एक पूर्ण अदालत बैठक में, सभी 33 सुप्रीम कोर्ट जजों, जिसमें भारत के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना भी शामिल हैं, ने अपनी संपत्ति को सार्वजनिक करने का फैसला किया। यह जानकारी अब सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। यह निर्णय उस प्रथा से एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है, जिसमें संपत्ति घोषणा पूरी तरह से जजों के विवेक पर निर्भर थी।

      अगस्त 2023 में, संसद की एक स्थायी समिति ने “न्यायिक प्रक्रियाएं और उनके सुधार” शीर्षक से एक रिपोर्ट पेश की थी। इस रिपोर्ट में सरकार से हाईकोर्टों और सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों के लिए वार्षिक संपत्ति घोषणा को अनिवार्य करने के लिए विधायी बदलाव करने का आह्वान किया गया था। समिति का मानना था कि इससे न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। हालांकि, अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

      भारत में अन्य सार्वजनिक सेवकों के विपरीत, जजों पर अपनी संपत्ति को सार्वजनिक करने की कोई कानूनी बाध्यता नहीं है। 1997 में तत्कालीन सीजेआई जे.एस. वर्मा की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें कहा गया था कि हर जज को अपनी संपत्ति, अपने जीवनसाथी की संपत्ति, और आश्रितों की संपत्ति की घोषणा चीफ जस्टिस को करनी चाहिए। हालांकि, यह सार्वजनिक घोषणा के लिए नहीं था।

      2009 में, सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय लिया कि जजों की संपत्ति उनकी सहमति से वेबसाइट पर प्रकाशित की जा सकती है, लेकिन यह पूरी तरह स्वैच्छिक होगा। इसके बाद कुछ हाईकोर्टों ने भी इस प्रथा को अपनाया, लेकिन यह व्यापक रूप से लागू नहीं हुआ।

      दिल्ली हाईकोर्ट में वर्तमान में 39 जज कार्यरत हैं, लेकिन केवल 7 ने ही अपनी संपत्ति घोषित की है। हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के मामले ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है। उनके आवास पर नकदी की बोरियां मिलने की खबरों के बाद पारदर्शिता और भ्रष्टाचार के आरोपों पर बहस तेज हो गई है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनका ट्रांसफर अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में कर दिया है। जहां उन्होंने पद संभाल लिया है लेकिन अदालत ने उन्हें कोई काम या सुनवाई के लिए केस नहीं सौंपे हैं।

      हाईकोर्टों में सिर्फ 12.35% जजों द्वारा संपत्ति घोषणा करना यह दर्शाता है कि न्यायपालिका में पारदर्शिता अभी भी एक चुनौती है। सुप्रीम कोर्ट का हालिया निर्णय इस दिशा में एक पॉजिटिव कदम है, लेकिन हाईकोर्टों में इसे लागू करने के लिए मजबूत नीतियों और कानूनों की जरूरत है। संसदीय समिति की सिफारिशों को लागू करना और संपत्ति घोषणा को अनिवार्य बनाना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। यह न केवल जनता का विश्वास बढ़ाएगा, बल्कि न्यायिक प्रणाली की निष्पक्षता को भी मजबूत करेगा।

      सरकार चाहे तो इसके लिए तीन कदम फौरन उठा सकती है। सरकार को संसदीय समिति की सिफारिशों पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। सभी हाईकोर्टों में एक समान नीति लागू की जानी चाहिए। संपत्ति घोषणा को स्वैच्छिक के बजाय अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। जब कुछ हाईकोर्टों के जजों ने अपनी संपत्ति घोषित कर दी है तो बाकी क्यों नहीं कर रहे हैं। उन्हें इसके लिए निर्देश देने का काम सुप्रीम कोर्ट करे।

      Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
      Previous Articleपाकिस्तान सरकार के खिलाफ बलूचिस्तान नेशनल पार्टी का 10वें दिन भी प्रदर्शन जारी
      Next Article चाइनीज इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों ने अमेरिका की टैरिफ के लिए निकाला इंडियन रूट का रास्ता
      Janta Yojana

      Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

      Related Posts

      ट्रंप की तकरीर से NATO में दरार!

      June 25, 2025

      ईरान ने माना- उसके परमाणु ठिकानों को काफी नुकसान हुआ, आकलन हो रहा है

      June 25, 2025

      Satya Hindi News Bulletin। 25 जून, शाम तक की ख़बरें

      June 25, 2025
      Leave A Reply Cancel Reply

      ग्रामीण भारत

      गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

      December 26, 2024

      बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

      November 19, 2024

      क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

      August 2, 2024

      स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

      July 20, 2024

      शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

      June 25, 2024
      • Facebook
      • Twitter
      • Instagram
      • Pinterest
      ग्राउंड रिपोर्ट

      मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

      June 22, 2025

      केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

      June 12, 2025

      जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

      June 2, 2025

      धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

      May 31, 2025

      मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

      May 25, 2025
      About
      About

      Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

      We're social, connect with us:

      Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
      अंतराष्ट्रीय

      पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

      May 20, 2025

      गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

      May 19, 2025

      गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

      May 18, 2025
      एजुकेशन

      MECL में निकली भर्ती, उम्मीवार ऐसे करें आवेदन, जानें क्या है योग्यता

      June 13, 2025

      ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

      May 28, 2025

      पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

      May 14, 2025
      Copyright © 2017. Janta Yojana
      • Home
      • Privacy Policy
      • About Us
      • Disclaimer
      • Feedback & Complaint
      • Terms & Conditions

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.