मणिपुर के कांगपोकपी जिले में हुए बम विस्फोट में सैकुल के पूर्व विधायक यमथोंग हाओकिप की पत्नी की रविवार को मौत हो गई। यह विस्फोट उनके घर में हुआ। हाओकिप की पत्नी चारुबाला विस्फोट में घायल हो गईं थीं जिन्हें सैकुल के एक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, लेकिन बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार विस्फोट के समय हाओकिप भी अपने घर में थे, लेकिन इस घटना में उन्हें कोई चोट नहीं आई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
यह घटना तब घटी है जब मणिपुर में हिंसा जारी है। एक दिन पहले ही कुकी विद्रोहियों और सशस्त्र ग्रामीणों के बीच हुई गोलीबारी में तीन लोग मारे गए हैं। म्यांमार की सीमा से लगे मणिपुर के टेंग्नौपाल जिले में यह गोलीबारी हुई। आंतरिक मामले को लेकर यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट यानी यूकेएलएफ) के विद्रोहियों और हथियारबंद ग्रामीणों के बीच गोलीबारी हुई। यूकेएलएफ यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट यानी यूपीएफ के छत्र निकाय के अंतर्गत आता है। इसने केंद्र और राज्य सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
पिछले साल मई में हिंसा शुरू होने के बाद से क़रीब ढाई सौ लोग मारे गए हैं। तीन मई को हिंसा के एक साल पूरे होने पर ख़बर आई थी कि एक वर्ष के दौरान हिंसा में मारे गए 226 लोगों में 20 महिलाएं और 8 बच्चे भी शामिल थे। क़रीब 1500 घायल हुए हैं। वहीं 60 हजार लोग इस हिंसा के कारण राज्य के भीतर ही विस्थापित हुए। इसके साथ ही 13,247 आवास, दुकान, समेत अन्य संरचनाएं नष्ट हो गई हैं।
इसी बीच अब मणिपुर में पूर्व विधायक के घर बम विस्फोट की ख़बर आई है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 59 वर्षीय चारुबाला हाओकिप मैतेई समुदाय से थीं और कुकी-ज़ोमी बहुल कांगपोकपी जिले के एकौ मुलम में रहती थीं।
64 वर्षीय यमथोंग हाओकिप ने 2012 और 2017 में कांग्रेस के टिकट पर सैकुल सीट जीती थी। 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले वह भाजपा में शामिल हो गए।
कांगपोकपी जिले के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना शनिवार दोपहर करीब 3 बजे हुई, लेकिन रविवार सुबह इसकी सूचना मिली। उन्होंने बताया कि घर में कचरे के बीच स्थानीय रूप से निर्मित आईईडी रखा गया था। उन्होंने कहा, ‘जब मृतक ने कचरे को जलाया, तो उसमें विस्फोट हो गया। बाकी सभी लोग ठीक हैं। कोई अन्य मौत या चोट नहीं आई है।’
अंग्रेजी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस अधिकारी ने कहा कि संदेह है कि यह हमला पारिवारिक कलह का नतीजा था। उन्होंने कहा, ‘पूर्व विधायक ने अपने एक चाचा के पोते के बगल में कुछ ज़मीन खरीदी थी और इस पर विवाद हुआ था। हमें संदेह है कि यह उसी से जुड़ा हुआ है। हम मामले की जांच कर रहे हैं।’