असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के बीच फिर से तकरार बढ़ गई है। हिमंत सरमा ने गौरव गोगोई पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि गोगोई पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के निमंत्रण पर वहां गए थे और वहां प्रशिक्षण लिया था। सरमा के आरोपों को गौरव गोगोई ने निराधार, हास्यास्पद और बकवास करार दिया। इसके साथ ही उन्होंने सरमा की तुलना ‘500 रुपये के बीजेपी ट्रोल’ से की।
दोनों नेताओं के बीच यह विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने हरियाणा के उस यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का ज़िक्र किया जिसे कथित तौर पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा, ‘ज्योति मल्होत्रा और अन्य लोगों का अपराध इसके सामने कुछ भी नहीं है। अगर यह जासूसी नहीं है, तो फिर क्या है? फिर वह (गौरव गोगोई) वापस लौटे और राफेल डील का विरोध किया।’
असम सीएम ने एक सार्वजनिक बयान में दावा किया कि जोरहाट से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने 15 दिनों तक पाकिस्तान की यात्रा की थी। सरमा ने यह भी आरोप लगाया कि गोगोई ने वहां आईएसआई के साथ संबंध स्थापित किए और उनकी पत्नी एलिजाबेथ के भी इन तथाकथित गतिविधियों से संबंध हैं। सरमा ने कहा, ‘श्री गौरव गोगोई आईएसआई के निमंत्रण पर पाकिस्तान गए थे और लौटकर उन्होंने राफेल खरीद का विरोध किया था। अगर मेरा एक भी शब्द ग़लत साबित हो जाए तो मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा।’
इसके अलावा सरमा ने यह भी कहा कि फ़रवरी में गठित एक विशेष जाँच दल यानी एसआईटी इन कथित ‘आईएसआई संबंधों’ की जाँच कर रहा है और इसके निष्कर्ष 10 सितंबर को सार्वजनिक किए जाएंगे।
गोगोई का तीखा पलटवार
गौरव गोगोई ने सरमा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे ‘बी ग्रेड फ़िल्म की स्क्रिप्ट से भी बदतर’ बताया। उन्होंने कहा कि सरमा उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत से ही उन पर झूठे और निराधार आरोप लगा रहे हैं। गोगोई ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘आप एक मुख्यमंत्री हैं। आपके और 500 रुपये के बीजेपी ट्रोल में कुछ तो अंतर होना चाहिए। जो बातें सोशल मीडिया पर सस्ते ट्रोल फैलाते हैं, वही बातें आप कह रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘सरमा के 99% दावे झूठे, हास्यास्पद और बकवास हैं।’
गोगोई ने यह भी सवाल उठाया कि यदि सरमा के पास कोई ठोस सबूत हैं तो वे उन्हें सार्वजनिक क्यों नहीं कर रहे। उन्होंने कहा, ‘सरमा इसे सार्वजनिक नहीं करना चाहते और इसके पीछे एक कारण है। कारण यह है कि उनके सभी दावे झूठे हैं।’ गोगोई ने अपने बयान में जोर देकर कहा कि वह और उनकी पत्नी निर्दोष हैं और इन आरोपों का कोई आधार नहीं है।
सरमा और गोगोई के बीच लंबे समय से व्यक्तिगत और राजनीतिक तनातनी है। पहले कांग्रेस में रहे हिमंत बिस्वा सरमा 2015 में बीजेपी में शामिल हो गए थे। असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बेटे गौरव गोगोई फिलहाल जोरहाट से सांसद हैं और कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। दोनों नेताओं के बीच पहले भी कई बार तीखी बयानबाजी हो चुकी है।
इससे पहले सरमा ने गोगोई पर आरोप लगाया था कि उन्होंने राफेल डील का विरोध करके और संसद में कुछ सवाल उठाकर राष्ट्रीय हितों के ख़िलाफ़ काम किया है। गोगोई ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि सरमा का मक़सद केवल उनकी छवि को धूमिल करना और राजनीतिक लाभ लेना है।
कांग्रेस पार्टी ने भी इस मामले में गोगोई का समर्थन किया है और सरमा के बयानों की निंदा की है। पार्टी के प्रवक्ताओं ने इसे बीजेपी की विभाजनकारी रणनीति बताया है जिसका उद्देश्य असम में कांग्रेस के प्रभाव को कम करना है।
इस विवाद ने भारत-पाकिस्तान के बीच संवेदनशील मुद्दों को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। सरमा द्वारा गठित एसआईटी की जांच के निष्कर्ष सितंबर में सामने आने की संभावना है। जाँच के ये निष्कर्ष इस मामले में निर्णायक हो सकते हैं। हालाँकि गोगोई ने साफ़ कर दिया है कि वह इन आरोपों का क़ानूनी और राजनीतिक रूप से जवाब देंगे।
माना जा रहा है कि यह विवाद असम की राजनीति में और गहरा प्रभाव डाल सकता है। ऐसा इसलिए भी कि 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं और चुनाव में इस विवाद को भुनाए जाने के आसार हैं। यह भी संभावना है कि यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बने, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और राजनीतिक जवाबदेही जैसे मुद्दों को छूता है।
हिमंत बिस्वा सरमा और गौरव गोगोई के बीच यह ताज़ा विवाद न केवल व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित है, बल्कि यह भारत की क्षेत्रीय और राष्ट्रीय राजनीति में काफ़ी ज़्यादा असर डाल सकता है। जहाँ सरमा अपने दावों को साबित करने के लिए जाँच के निष्कर्षों का इंतज़ार कर रहे हैं, वहीं गोगोई ने इसे बीजेपी की ‘गंदी राजनीति’ बताकर खारिज कर दिया है।