हैदराबाद के ऐतिहासिक चारमीनार के पास गुलज़ार हाउस में रविवार तड़के एक भीषण आग लगने से कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई। इनमें छह बच्चे भी शामिल हैं। इस दुखद हादसे में सात अन्य लोग घायल हुए हैं, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। प्रारंभिक जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट होने का संदेह जताया जा रहा है, हालांकि इसकी पुष्टि के लिए विस्तृत जांच जारी है।
यह भीषण आग रविवार सुबह करीब 4:30 बजे गुलज़ार हाउस की एक बहुमंजिला इमारत में लगी, जो चारमीनार के नजदीक एक व्यस्त व्यावसायिक क्षेत्र में स्थित है। इमारत में एक ज्वैलरी शॉप और कई अन्य दुकानें थीं, साथ ही ऊपरी मंजिलों पर आवासीय फ्लैट भी थे। आग इतनी तेजी से फैली कि कई लोग इमारत से बाहर नहीं निकल पाए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग की लपटें और घना धुआं पूरे क्षेत्र में फैल गया, जिससे बचाव कार्य में मुश्किलें आईं।
तेलंगाना अग्निशमन आपदा प्रतिक्रिया और नागरिक सुरक्षा विभाग के अनुसार, आग की सूचना मिलते ही दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और बचाव कार्य शुरू किया गया। क़रीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक 17 लोगों की जान जा चुकी थी। मृतकों में चार महिलाएं और छह बच्चे शामिल हैं। इनमें एक सात साल की बच्ची भी थी।
तेलंगाना अग्निशमन विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल यानी एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में लगी रहीं। स्थानीय लोगों ने भी बचाव में सहयोग किया, जिसमें एक व्यक्ति ने बताया कि उसने कई लोगों को इमारत से सुरक्षित निकालने में मदद की। बचाव कार्य अभी भी जारी है, क्योंकि आशंका है कि कुछ लोग अब भी इमारत में फंसे हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और ट्वीट कर कहा, ‘हैदराबाद के चारमीनार के पास आग की घटना अत्यंत दुखद है। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं।’ उन्होंने पीएम राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की और राहत कार्यों में हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और घायलों के इलाज के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।’
अधिकारियों ने प्रारंभिक जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट होने का संदेह जताया है। गुलज़ार हाउस की इमारत में पुरानी विद्युत वायरिंग और भीड़भाड़ वाले व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के कारण आग के तेजी से फैलने की आशंका जताई जा रही है।
हैदराबाद में हाल के वर्षों में कई आग की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें पुरानी इमारतों में अपर्याप्त अग्नि सुरक्षा उपायों को प्रमुख कारण माना गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि गुलज़ार हाउस जैसी भीड़भाड़ वाली व्यावसायिक इमारतों में नियमित अग्नि सुरक्षा ऑडिट और आधुनिक उपकरणों की ज़रूरत है।
तेलंगाना सरकार ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता दी जाएगी और घायलों के इलाज के लिए विशेष चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही, शहर में अन्य पुरानी इमारतों में अग्नि सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने की योजना बनाई जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
यह हादसा हैदराबाद के लिए एक गंभीर चेतावनी है जो ऐतिहासिक और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की ज़रूरत को दिखाता है।