मिथुन जिसे एक जुड़वा राशि माना जाता है इसमें जल्द ही मंगल ग्रह का गोचर होने वाला है। मिथुन राशि बुध की राशि मानी जाती है जो एक विनम्र और कूटनीतिक ग्रह होता है वहीं मंगल ग्रह की बात करें तो यह एक क्रूर और ऊर्जावान ग्रह माना गया है।
बुध के घर में होने से मंगल और अधिक ऊर्जावान बनेगा। मंगल के इस गोचर का आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इस गोचर का क्या समय रहने वाला है, इस गोचर के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं, इन सभी सवालों का जवाब अपने इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम आपको प्रदान करने जा रहे हैं। सबसे पहले बात करें इस गोचर के समय की तो,
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मंगल का मिथुन राशि में गोचर: क्या रहेगा समय?
मंगल का मिथुन राशि में गोचर 26 अगस्त 2024 को 15:40 पर होने वाला है। इस परिवर्तन के दौरान मंगल प्राकृतिक राशि से बुध द्वारा शासित राशि में गोचर करने जा रहा है।
मंगल का मिथुन राशि में गोच- एक झलक
मंगल के मिथुन राशि में गोचर से चिकित्सा, फिजियोथैरेपी, मानव शरीर, व्यायाम, योग आदि से संबंधित पाठ्यक्रमों की मांग में वृद्धि नजर आ सकती है। इसके अलावा रक्षा अध्ययन में भी वृद्धि नजर आएगी। हालांकि इसके विपरीत नकारात्मक पक्ष पर बात करें तो इस दौरान कूटनीतिक वार्ता में कोई प्रगति हासिल नहीं होगी।
घरेलू झगड़े और बच्चों के प्रति अपराध बढ़ सकते हैं। सोशल मीडिया पर तकरार आम रहेगी, मीडिया में फर्जी योजनाओं की बाढ़ आ सकती है, अपराधों पर मीडिया रिपोर्ट बढ़ेगी जिससे दर्शकों का ध्यान आसपास हो रहे अपराधों पर ज्यादा रहने वाला है। यह कुछ सामान्य प्रभाव है जो मंगल के मिथुन राशि में गोचर के दौरान नजर आ सकते हैं। अगर आप अपनी राशि पर इसका व्यक्तिगत प्रभाव जानना चाहते हैं तो विद्वान ज्योतिषियों से अभी इससे संबन्धित प्रश्न पूछ सकते हैं।
मिथुन राशि में मंगल गोचर के प्रभाव
मंगल के मिथुन राशि में गोचर के बारे में बात करें तो इससे विविधता और बौद्धिक बातचीत की इच्छा बढ़ सकती है जिससे बहस, विचारों के आदान-प्रदान और विविध विषयों की खोज के लिए यह एक उत्कृष्ट समय साबित होगा। ज्योतिष में जहां एक तरफ मंगल हमारे प्रेरणा, दृढ़ संकल्प और हम खुद को कैसे मुखर करते हैं इसे नियंत्रित करता है वहीं यह हमारी महत्वाकांक्षाओं, शारीरिक ऊर्जा और हम अपनी इच्छाओं को कैसे आगे बढ़ते हैं इसे प्रभावित भी करता है।
जब मंगल मिथुन राशि में गोचर करेगा तो यह गुण ज्यादा बहुमुखी और जिज्ञासु हो सकते हैं। व्यक्ति इस दौरान अपने विचारों पर कार्य करने और उन चर्चाओं में शामिल होने के लिए ज्यादा इच्छुक बनेंगे जो आपकी मानसिकता को चुनौती दे सकते हैं और आपके दृष्टिकोण को व्यापक बना सकते हैं जिससे आप प्रेरित और बौद्धिक रूप से प्रेरित महसूस करेंगे। मिथुन राशि में मंगल का गोचर शब्दों और विचारों की शक्ति को भी उजागर करने के लिए जाना जाता है फिर चाहे बातचीत हो नेटवर्किंग हो या फिर अपना दृष्टिकोण साझा करना हो।
आप अपनी जानकारी को किस तरह से प्रसारित और संसाधित करते हैं यह गोचर इस बात पर ज्यादा जोर डालेगा। हालांकि नकारात्मक पक्ष यह रहने वाला है कि मिथुन राशि एक द्विस्वभाव की राशि है जो संकेत दे रही है कि यह गोचर कुछ चुनौतियां भी लेकर आ सकता है। उदाहरण के लिए मानसिक उत्तेजना की निरंतर आवश्यकता, आसानी से बेचैनी और ऊर्जा में बिखराव नजर आ सकता है। हालांकि अगर सही प्राथमिकता ली जाए और फोकस के साथ जीवन में आगे बढ़ा जाए तो इन चुनौतियों को तार्किक और उत्पादक ढंग से व्यक्ति सामना करने में कामयाब हो सकते हैं।
सभी 12 राशियों पर मंगल के इस गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा यह जानने से पहले चलिए एक नजर डाल लेते हैं ज्योतिष में मंगल ग्रह के बारे में।
ज्योतिष में मंगल ग्रह
मंगल ग्रह का अन्य ग्रहों के साथ कैसा संबंध होता है इसके बारे में बात करें तो सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति के साथ मंगल के मित्रता पूर्ण रिश्ते होते हैं। वहीं शुक्र और शनि के साथ इसके संबंध तटस्थ होते हैं। इसके अलावा बुध, राहु और केतु से यह शत्रुता का भाव रखता है। इसके अलावा मेष और वृश्चिक राशि का आधिपत्य मंगल को प्राप्त है। मंगल ग्रह को सभी ग्रहों में सबसे आक्रामक ग्रह का दर्जा दिया गया है। यह स्वभाव से एक पुल्लिंग ग्रह है और इसमें उग्र तत्व शामिल हैं। इसे एक चमकीले लाल रंग से दर्शाया जाता है। सप्ताह में मंगलवार का दिन मंगल ग्रह से संबंधित माना जाता है। जितने भी बहुमूल्य रत्न होते हैं इनमें से सबसे सुंदर लाल मूंगा मंगल ग्रह से संबंधित होता है। विशेष तौर पर मूंगा रत्न उन जातकों के लिए मंगल के हानिकारक प्रभाव को दूर कर सकता है जिनके जीवन पर मंगल का दुष्प्रभाव पड़ रहा हो। हालांकि फिर भी कोई भी रत्न धारण करने से पहले हम हमेशा यह सलाह देते हैं कि विद्वान ज्योतिषियों से इसके बारे में परामर्श अवश्य कर लें और उसके बाद ही कोई रत्न धारण करें। इसके अलावा अंत में वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को साहस, जोश, जुनून और ऊर्जा का कारक माना गया है।
चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं मंगल का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा और इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं।
मंगल का मिथुन राशि में गोचर- राशि अनुसार भविष्यवाणी
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए मंगल पहले और अष्टम भाव का स्वामी है और आपके तीसरे घर में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए मंगल सप्तम और बारहवें घर का स्वामी है और आपके दूसरे घर में गोचर…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल छठे और ग्यारहवें घर का स्वामी है और आपके पहले घर में …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल पंचम और दशम भाव का स्वामी है और आपके बारहवें घर में गोचर …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल चतुर्थ और नवम भाव का स्वामी है और आपके ग्यारहवें घर में गोचर…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और अष्टम भाव का स्वामी है और दशम भाव में गोचर …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और सप्तम भाव का स्वामी है और नवम भाव में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मंगल पहले और छठे घर का स्वामी है और अष्टम भाव में गोचर …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए मंगल पंचम और बारहवें भाव का स्वामी है और सप्तम भाव में गोचर करने…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए मंगल चतुर्थ और ग्यारहवें घर का स्वामी है और छठे घर में गोचर …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरेऔर दसवें घर का स्वामी है और पंचम भाव में गोचर…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और नवम भाव का स्वामी है और चतुर्थ घर में गोचर …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
मंगल का मिथुन राशि में गोचर 26 अगस्त 2024 को 15:40 पर होने वाला है।
ज्योतिष में मंगल को व्यक्ति के पराक्रम, साहस, शक्ति, ऊर्जा का कारक माना जाता है।
मंगल बुध के साथ शत्रुता का भाव रखता है।
बुध, राहु और केतु से बुध शत्रुता का भाव रखता है।
जब मंगल मिथुन राशि में गोचर करेगा तो व्यक्ति ज़्यादा बहुमुखी और जिज्ञासु बनेंगे। व्यक्ति इस दौरान अपने विचारों पर कार्य करने और उन चर्चाओं में शामिल होने के लिए ज्यादा इच्छुक बनेंगे जो आपकी मानसिकता को चुनौती दे सकते हैं और आपके दृष्टिकोण को व्यापक बना सकते हैं।
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