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    राशिफल

    30 साल बाद मीन राशि में प्रवेश करेंगे शनिदेव, इन राशियों का होगा बुरा समय शुरू!!

    By March 28, 2025No Comments11 Mins Read
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    30 साल बाद मीन राशि में प्रवेश करेंगे शनिदेव, इन राशियों का होगा बुरा समय शुरू!!

    शनि का मीन राशि में गोचर: ज्योतिष में शनि ग्रह को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इन्हें कर्मफल दाता कहा जाता है क्योंकि यह इंसान को उनके अच्छे और बुरे कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं। दूसरी तरफ, सनातन धर्म में शनि महाराज को सूर्य देव का पुत्र माना जाता है। न्यायाधीश का पद प्राप्त होने की वजह से शनि ग्रह की गिनती सबसे शक्तिशाली ग्रहों में होती है जो कि नवग्रहों में सबसे धीमी गति से चलते हैं। मंद चाल में चलने के कारण शनि ग्रह का गोचर ढाई साल में होता है इसलिए इनकी चाल, दशा और स्थिति में होने वाला परिवर्तन विशेष मायने रखता है। अब शनि का मीन राशि में गोचर होने जा रहा है जिसका प्रभाव मनुष्य जीवन को अत्यधिक प्रभावित करेगा। 

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    एस्ट्रोसेज एआई के इस लेख के माध्यम से आपको “शनि का मीन राशि में गोचर” से जुड़ी सारी जानकारी प्राप्त होगी जैसे कि तिथि और समय आदि। सिर्फ़ इतना ही नहीं, शनि गोचर के दिन होने वाली एक ज्योतिषीय घटना के बारे में आपको बताएंगे। साथ ही, शनि का राशि परिवर्तन किन राशियों के सौभाग्य में वृद्धि करेगा और किन राशियों के लिए दुर्भाग्य लेकर आ सकता है? किन राशियों पर साढ़े साती और ढैय्या की शुरुआत होगी? शनि गोचर के इस नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए आप कौन से उपाय अपना सकते हैं, आदि के बारे में हम विस्तार से बात करेंगे। इन सभी सवालों के जवाब पाने के लिए आपको इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना होगा। आइए सबसे पहले जान लेते हैं शनि गोचर की तिथि और समय। 

    शनि का मीन राशि में गोचर: तिथि एवं समय 

    शनि देव को एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करने में ढाई साल का समय लगता है। ऐसे में, अब यह लगभग ढाई साल बाद अपनी आधिपत्य वाली राशि कुंभ से निकलकर 29 मार्च 2025 की रात 10 बजकर 07 मिनट पर मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। इस प्रकार, शनि का यह गोचर बहुत ख़ास रहेगा क्योंकि इस अवधि में मीन राशि में एक साथ कई ग्रह मौजूद होंगे जिससे कई विशेष योगों का निर्माण होगा जिसका असर संसार के साथ-साथ राशि चक्र की 12 राशियों पर सकारात्मक और नकारात्मक रूप से दिखाई दे सकता है।

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    शनि गोचर और सूर्य ग्रहण एक साथ 

    ज्योतिष की दुनिया की दो सबसे बड़ी घटनाएं मार्च 2025 में एक दिन एक साथ होने जा रही हैं। हम बात कर रहे हैं सूर्य ग्रहण और शनि गोचर की, तो आपको बता दें कि साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण और ढाई साल बाद होने वाला शनि का मीन राशि में गोचर 29 मार्च 2025 को एक साथ होने जा रहा है। जहां सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025, शनिवार के दिन लगेगा और इसका आरंभ दोपहर 02 बजकर 21 मिनट होगा जबकि इसका अंत शाम 06 बजकर 14 मिनट पर हो जाएगा। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए सूतक भी मान्य नहीं होगा। वहीं, शनि देव भी इसी दिन मीन राशि में प्रवेश करेंगे।  साथ ही जानेगे, शनि गोचर से किन राशियों पर होगी साढ़े साती और ढैय्या शुरू? लेकिन उससे पहले जानते हैं साढ़े साती और ढैय्या के बारे में। 

    क्या होती है शनि साढ़े साती और ढैय्या?

    साढ़े साती, शनि ग्रह की साढ़े सात साल तक चलने वाली ऐसी दशा होती है जो व्यक्ति के जीवन में एक बार अवश्य आती है। यह साढ़े सात वर्ष की अवधि ढाई-ढाई साल के तीन चरणों में आती हैं। पहला चरण व्यक्ति को आलसी बनाता है और दूसरा चरण आपसे ख़ूब मेहनत करवाता है। वहीं, इसका तीसरा और अंतिम चरण पिछले दो चरणों की तुलना में कम नुकसानदेह माना गया है। 

    दूसरी तरफ, शनि की ढैय्या ढाई साल की अवधि होती है और इस दौरान जब कुंडली में शनि देव चौथे भाव या आठवें भाव में मौजूद होते है, तब व्यक्ति ढैय्या के प्रभाव में आ जाता है। इस दौरान किसी व्यक्ति को मानसिक समस्याओं और धन से जुड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। 

    अब बात करते हैं उन राशियों पर जिनके ऊपर शनि साढ़े साती और ढैय्या शुरू हो रही है।  

    किन राशियों पर शुरू होगी शनि साढ़े साती और ढैय्या?

    जैसे कि हम जानते हैं कि शनि महाराज साल 2023 से अपनी आधिपत्य वाली कुंभ राशि में विराजमान थे और अब यह 29 मार्च 2025 को मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि शनि देव जिस राशि में उपस्थित होते हैं, उस राशि पर, उससे पहले वाली राशि और बाद की राशि पर शनि साढ़े साती शुरू हो जाती है। 

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    ऐसे में, शनि का मीन राशि में गोचर होने से कुंभ राशि पर अंतिम और मीन राशि पर साढ़े साती का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा जबकि मंगल ग्रह की मेष राशि पर शनि साढ़े साती का आरंभ हो जाएगा। वर्तमान समय में शनि कुंभ राशि में होने से मकर राशि, कुंभ राशि और मीन राशि वालों के ऊपर साढ़ेसाती चल रही है। वहीं, अब मकर राशि वालों को साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी।  

    अगर बात करें शनि ढैय्या की तो, शनि का मीन राशि में गोचर होने से सिंह राशि और वृश्चिक राशि पर शनि ढैय्या की शुरुआत हो जाएगी। 

    ज्योतिष की नज़रों में शनि देव 

    • नौ ग्रहों में शनि ग्रह को अत्यंत महत्वपूर्ण दर्जा प्राप्त है जो कि किसी व्यक्ति की आयु, रोग, दुख, तकनीकी, विज्ञान, पीड़ा आदि के कारक माने गए हैं।
    • राशि चक्र में शनि को मकर और कुंभ शनि का स्वामी माना गया है जबकि तुला इनकी उच्च राशि है और मेष राशि में शनि नीच अवस्था में होते हैं। 
    • शनि महाराज के एक राशि में ढाई साल तक रहने की अवधि को ज्योतिष की भाषा में शनि की ढैया के नाम से जाना जाता है।
    • जिन लोगों की कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति मजबूत होती है, उन्हें जीवन में हर तरह का सुख प्राप्त होता है। 
    • मज़बूत शनि वाले जातक कर्मठ और कर्मशील होते हैं। साथ ही, यह न्याय प्रिय भी होते हैं। 
    • इसके विपरीत, ऐसे जातक जिनकी कुंडली में शनि महाराज दुर्बल या पीड़ित अवस्था में होते है, तो ऐसे जातकों की जीवन में कई तरह की समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। 
    • शनि के कमज़ोर होने पर इन लोगों को अपने जीवन में दुर्घटना और जेल जाने जैसी परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ सकता हैं। 
    • इस तरह की स्थिति से बचने और शनि देव के दुष्प्रभावों को शांत करने के लिए ज्योतिष में कई तरह के सरल उपाय बताए गए हैं जिन्हें अपनाकर आप शनि के प्रभावों को कम कर सकते हैं। चलिए जान लेते हैं इन उपायों के बारे में।

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    शनि ग्रह की कृपा के लिए कौन सा रत्न धारण करें?

    ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह का संबंध किसी न किसी रत्न से माना जाता है। इसी क्रम में, अगर आप शनि देव की कृपा पाना चाहते हैं या फिर शनि ग्रह को शांत करना चाहते हैं, तो आप नीलम रत्‍न पहन सकते हैं, विशेष रूप से मकर राशि और कुंभ राशि के जातकों के लिए नीलम रत्‍न को धारण करना शुभ रहेगा। 

    कुंडली में शनि शांति के लिए इन चीज़ों का करें दान 

    हिंदू धर्म में दान को कल्याणकारी माना जाता है जो व्यक्ति को हर तरह की समस्या से बाहर निकलने की क्षमता रखता है। ऐसे में, अगर आप कुंडली में कुपित शनि को शांत करना चाहते हैं, तो शनिवार के दिन शनि के होरा और शनि के नक्षत्र में शनि ग्रह से जुड़ी चीज़ों का दान करना अत्यंत फलदायी साबित होता है। 

    शनि देव पुष्‍य नक्षत्र, अनुराधा और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी है। आप दोपहर या संध्या काल में शनि से जुड़ी वस्तुएं जैसे कि साबुत उड़द की दाल, लोहा, काले रंग के वस्‍त्र, तिल के बीज और तेल आदि का दान कर सकते हैं।

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    शनि ग्रह को प्रसन्न करने के सरल एवं अचूक उपाय

    वैदिक ज्योतिष में शनि को क्रूर और पापी ग्रह के रूप में जाना जाता है, इसलिए इनके नाम से भी लोग भयभीत हो जाते हैं। आपको बता दें कि शनि आपके कोई शत्रु नहीं हैं और आपके कर्म अच्छे होने पर आपको इनसे भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। व्यक्ति के जीवन में शनि एक शिक्षक की भूमिका निभाते हैं जो व्यक्ति को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। लेकिन, अगर आप गलत राह पर चलते हैं, तो शनि देव आपको दंडित भी करते हैं। जिन जातकों को जीवन में शनि के अशुभ प्रभावों का सामना करना पड़ रहा है, वह नीचे दिए ज्योतिषीय उपायों को अपनाकर कुंडली में शनि देव को मज़बूत कर सकते हैं।

    • शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करें। 
    • शनि ग्रह को प्रसन्न करने के लिए राधा-कृष्ण की उपासना शुभ रहती है। 
    • आप अपने कर्मचारियों और सेवकों को प्रसन्न रखें और उनके साथ दुर्व्यवहार करने से बचें। 
    • जातक मांस और मदिरा का सेवन न करें। 
    • संभव हो, तो रात को दूध न पिएं।
    • कुंडली में शनि देव दुर्बल अवस्था में होने पर काले रंग के कपड़े धारण करने से बचें। 
    • हनुमान जी की पूजा नियमित रूप से करने पर शनि ग्रह की कृपा प्राप्त होती है। 
    • शनि देव के कुप्रभाव से बचने के लिए नीलम रत्न पहन सकते हैं। लेकिन, किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद ही आप नीलम धारण करें। 
    • करियर एवं व्यापार में सफलता पाने के लिए शनि यंत्र की स्थापना करें। 
    • आप शनि महाराज की जड़ी धतूरे की जड़ भी पहन सकते हैं। 
    • शनिवार के दिन रबर या लोहा की चीजे खरीदने से बचें। 

    कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

    शनि का मीन राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

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    शनि गोचर 2025 मीन राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से प्रभावशाली रहेगा क्योंकि… (विस्तार से पढ़ें)

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    इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

    अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

    1. शनि का मीन राशि में गोचर कब होगा?

    शनि देव 29 मार्च 2025 को मीन राशि में गोचर कर जाएंगे। 

    2. शनि किस राशि के स्वामी हैं?

    राशि चक्र में शनि ग्रह को मकर और कुंभ राशि का स्वामी माना जाता है। 

    3. मीन राशि का स्वामी कौन हैं?

    गुरु ग्रह को मीन राशि पर स्वामित्व प्राप्त हैं। 

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