69000 Teacher Recruitment Case :�उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद योगी सरकार की काफी किरकिरी हुई। यहीं नहीं, इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर आरक्षण घोटाले का आरोप लगाते हुए करारा प्रहार भी किया। वहीं, इस बीच सीएम योगी ने रविवार को बेसिक शिक्षा विभाग के साथ अहम बैठक की, जिसमें निर्णय लिया गया कि सरकार हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करेगी और सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी। बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को पुरानी सूची को रद्द करने और तीन माह के अंदर नई सूची जारी करने का आदेश जारी किया था।
�69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले को लेकर मुख्यमंत्री आवास पर रविवार को बैठक हुई। सीएम ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग ने न्यायालय के निर्णय के सभी तथ्यों से मुझे अवगत कराया। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के ऑब्जर्वेशन एवं उच्च न्यायालय, इलाहाबाद की लखनऊ बेंच के निर्णय के आलोक में कार्यवाही करने के लिए विभाग को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण की सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को प्राप्त होना ही चाहिए एवं किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। इस बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, मुख्य सचिव मनोज सिंह, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक सिंह, बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सुंदरम्, महानिदेशक कंचन वर्मा और एडवोकेट जनरल अजय कुमार मिश्रा शामिल हुए।�
सरकार को दिया तीन महीने का वक्त
बता दे कि हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती की पुरानी मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया और सरकार को आदेश दिया है कि तीन महीने के अंदर 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए नई मेरिट लिस्ट जारी की जाए। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यूपी सरकार 1994 की आरक्षण नियमावली की धारा 3(6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का पालन करते हुए नई चयन सूची तैयार करे।�
अखिलेश यादव ने की ये मांग
वहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने हाईकोर्ट के फैसले के बाद योगी सरकार पर जमकर हमला किया। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट करते हुए सरकार से पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्तियों के लिए नई सूची बनाने की मांग की। उन्होंने कहा था कि 69000 शिक्षक भर्ती भी आखिरकार घोटाला भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार साबित हुई।�