वक्फ बिल को लेकर एकजुट हुआ एनडीए, जदयू और शिंदे गुट ने किया समर्थन: Photo- Social Media
Waqf Amendment Bill: संसद में गुरुवार को पेश किए गए वक्फ बोर्ड बिल पर एनडीए एकजुट नजर आ रहा है। लोकसभा में इस बिल पर चर्चा के दौरान जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह में इस बिल का खुलकर समर्थन किया और इसे मुस्लिम विरोधी बताए जाने पर सवाल उठाए। शिवसेना के शिंदे गुट की ओर से श्रीकांत शिंदे ने इस बिल का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इस बिल को लाने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि वक्फ की जमीनों को लेकर देश भर में 85 हजार मुकदमे चल रहे हैं।
उन्होंने विपक्ष पर वोट बैंक की राजनीति के लिए बिल का विरोध करने का बड़ा आरोप भी लगाया। जानकारों का कहना है कि इस बिल पर भाजपा को टीडीपी की ओर से भी समर्थन का भरोसा मिला है। हालांकि कई नाजुक मौकों पर संसद में मोदी सरकार का साथ देने वाली पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने इस बिल का विरोध किया है।
बिल्कुल मुस्लिम विरोधी बताने पर पूछा सवाल
केंद्रीय मंत्री और जदयू सांसद ललन सिंह ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि विपक्ष के कई सांसदों की बातों को सुनकर ऐसा लग रहा है जैसे वक्फ बोर्ड कानून में प्रस्तावित संशोधन मुस्लिम विरोधी है। उन्होंने विपक्षी सांसदों से सवाल किया कि कैसे इस बिल को मुस्लिम विरोधी बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां मंदिर और गुरुद्वारे का उदाहरण दिया जा रहा है।
मंदिर और गुरुद्वारे धार्मिक स्थल है मगर वक्त बोर्ड एक संस्था है। सरकार धार्मिक मामलों में भले ही दखल न दे मगर यदि किसी संस्था में करप्शन हो तो सरकार को दखल देने से कैसे रोका जा सकता है।
सिक्खों की हत्या का जिक्र करके कांग्रेस को घेरा
उन्होंने कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल का नाम लेते हुए कहा कि आप अल्पसंख्यकों की बात करते हैं मगर आपको इस बात का जवाब देना चाहिए कि सिखों की हत्याएं किसके दौर में की गई थीं। आपके दौर में हजारों सिखों को खोज-खोज कर मार डाला गया और हम लोग इसके गवाह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोगों को भी इस बिल का समर्थन करना चाहिए क्योंकि इस बिल के जरिए वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता लाई जाएगी। अगर कोई भी संस्था निरंकुश होगी तो सरकार को पारदर्शिता लाने के लिए कानून बनाने का हक है।
शिंदे ने कहा-वोट बैंक के लिए बिल का विरोध
शिवसेना के शिंदे गुट के सांसद और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने भी इस बिल का खुलकर समर्थन किया। शिंदे ने कहा कि इस बिल को लाने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि वक्फ की जमीन को लेकर पूरे देश में 85 हजार मुकदमे चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि 165 से ज्यादा केस हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से एक समुदाय को खुश करके अपना वोट बैंक बनाने के लिए इस बिल का विरोध किया जा रहा है।
शिंदे ने कहा कि विपक्ष के लोगों को इस बात का जवाब देना चाहिए कि क्या उन्हें वक्फ की जमीन पर स्कूल कॉलेज और अस्पताल नहीं चाहिए? जब महाराष्ट्र में इन लोगों की सरकार थी तो इन लोगों ने मंदिरों पर प्रशासक बिठाया था। तब इन लोगों को सेकुलरिज्म की याद नहीं आई। जब देश को एक कानून के जरिए चलाने की बात हो रही है तो इसमें दिक्कत की क्या बात है।
उन्होंने कहा कि इस बिल में सरकार की ओर से मुस्लिम महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व देने की बात कही गई है। हम चाहते हैं कि वक्फ की जमीनों पर स्कूल-कॉलेज और अस्पताल बनें ताकि सभी लोगों को इसका फायदा मिल सके।
टीडीपी की ओर से भी समर्थन का भरोसा
वक्फ बोर्ड बिल को लेकर एनडीए पूरी तरह एकजुट नजर आ रहा है। संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने पूरी मजबूती के साथ बिल के समर्थन में अपना पक्ष रखा। जानकारों का कहना है की टीडीपी की ओर से भी भाजपा को समर्थन का पूरा भरोसा दिया गया है। ऐसे में विपक्ष की ओर से किए जा रहे जोरदार विरोध के बावजूद इस बिल के मुद्दे पर मोदी सरकार पूरी मजबूती के साथ संसद में डटी हुई है।
वाईएसआर कांग्रेस बिल के खिलाफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले कार्यकाल के दौरान वाईएसआर कांग्रेस ने कई नाजुक मौकों पर सरकार का साथ दिया था। अब आंध्र प्रदेश की बदली हुई राजनीति के मद्देनजर यह पार्टी मोदी सरकार के खिलाफ खड़ी हो गई है।
पार्टी के एक सांसद ने कहा कि हम विपक्षी सांसदों की ओर से उठाए गए मुद्दों पर अपनी सहमति जताते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से उठाई जा रही चिंताओं से हम सहमत हैं। इससे साफ है कि पार्टी का रुख इस मुद्दे पर एनडीए मोदी सरकार के खिलाफ होगा।