भोग-विलास, सौंदर्य, प्रेम एवं विवाह के कारक ग्रह शुक्र 28 जनवरी 2025 को अपनी उच्च राशि में आ चुके हैं। यह 31 मई 2025 तक इसी अवस्था में अर्थात मीन राशि में ही रहने वाले हैं। शुक्र का उच्च का होना सामान्य तौर पर उन क्षेत्रों के लिए अच्छी स्थिति कही जाएगी जिन्हें यह नियंत्रित करते है। लेकिन, मीन राशि में बुध की उपस्थिति कहीं रंग में भंग डालने का काम तो नहीं करेगी? एस्ट्रोसेज एआई का यह लेख आपको शुक्र और बुध की मीन राशि में स्थिति से बनने वाले योग के बारे में बताएंगे। साथ ही, मीन राशि में बुध और शुक्र कैसे करेंगे आपकी राशि को प्रभावित? आइए जानते हैं।

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मीन राशि में बुध और शुक्र
जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि शुक्र मीन राशि में प्रवेश कर गए हैं। अब 27 फरवरी 2025 को बुध ग्रह मीन राशि में गोचर कर जाएंगे और इस राशि में 7 मई 2025 तक बने रहेंगे। 27 फरवरी 2025 से 7 मई 2025 तक बुध और शुक्र की युति रहने वाली है। अब मीन राशि में बुध का गोचर बुध की अवस्था को नीच बनाने वाला होगा क्योंकि बुध ग्रह के लिए मीन राशि नीच अवस्था मानी गई है। एक तरफ, जहां शुक्र उच्च अवस्था में रहेंगे, तो वहीं बुध नीच अवस्था में रहेंगे।
नीचभंग राजयोग का निर्माण
ज्योतिष में ग्रहों की विशेष स्थिति को नीचभंग के नाम से जाना जाता है। कई बार “नीचभंग” राजयोग की स्थिति भी निर्मित होती है। वहीं, कई बार किसी ग्रह विशेष की नीचता से उत्पन्न हो रही नकारात्मकता को शांत करने में भी “नीचभंग” मददगार बनता है। बुध और शुक्र की युति को कई ज्योतिषी “लक्ष्मी नारायण राजयोग” के नाम से जानते हैं। यह योग बहुत ही शुभ होता है जो धन, समृद्धि, भौतिक और सुख-संपदा देने वाला होता है क्योंकि बुध को व्यापार का कारक ग्रह माना गया है। वहीं, शुक्र को लग्जरी और कॉस्मेटिक आइटम इत्यादि का कारक माना गया है।
ऐसी स्थिति में सौंदर्य, फिल्म, उद्योग, मनोरंजन व मीडिया आदि से संबंधित काम करने वाले लोगों को शुक्र एवं बुध की इस युति के चलते काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। बौद्धिक कार्य करने वाले लोगों को भी अनुकूल परिणाम मिलने की संभावनाएं बनेंगी, लेकिन हर राशि वालों को अनुकूल परिणाम मिलेंगे ऐसा जरूरी नहीं है। हालांकि, ऐसा भी नहीं है कि बुध की नीच अवस्था सभी लोगों को कमजोर परिणाम ही देगी। स्वामित्व और स्थिति के अनुसार लोगों को इस युति से अलग-अलग परिणाम मिल सकते हैं। शुक्र की उच्च और बुध की नीच अवस्था होने से यानी कि नीच भंग निर्मित होने से आपकी राशि पर कैसा प्रभाव पड़ेगा? आइए जानते हैं।
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बुध-शुक्र की युति का सभी 12 राशियों पर प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी हैं। वहीं, शुक्र ग्रह दूसरे तथा सप्तम भाव के स्वामी हैं। वर्तमान में दोनोंं ग्रह आपके द्वादश भाव में युति कर “नीचभंग” या फिर लक्ष्मी नारायण योग निर्मित कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, इस अवधि में आपको काफ़ी भागदौड़ अथवा यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। नौकरी में दबाव थोड़ा अधिक रह सकता है। हालांकि, आर्थिक और पारिवारिक मामलों में यह युति अच्छे परिणाम दे सकती है। व्यापार से जुड़े हुए लोगों को भी कुछ कठिनाइयों के बाद लाभ मिल सकते हैं।
उपाय: नियमित रूप से माथे पर केसर का तिलक लगाना शुभ रहेगा।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह आपकी कुंडली में प्रथम/लग्न भाव होने के साथ-साथ राशि के स्वामी भी हैं। साथ ही, शुक्र आपके छठे भाव के भी स्वामी हैं और वहीं, बुध ग्रह आपके दूसरे तथा पंचम भाव के स्वामी हैं। वर्तमान में दोनों ग्रह आपके लाभ भाव में युति कर “नीचभंग” या लक्ष्मी नारायण योग निर्मित कर रहे हैं। सामान्य तौर पर यह स्थिति विभिन्न प्रकार के लाभ करवाने वाली कही जाएगी। स्वास्थ्य और नौकरी से संबंधित मामलों के लिए यह स्थिति बहुत अच्छी रहेगी। हालांकि, आर्थिक और पारिवारिक मामलों में छोटी-मोटी कठिनाइयां रह सकती है, लेकिन कठिनाइयों के बाद अच्छे परिणाम मिलने की संभावनाएं प्रतीत हो रही हैं। शिक्षा और प्रेम के लिए भी यह अनुकूल स्थिति कही जाएगी।
उपाय: गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना शुभ रहेगा।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके छठे भाव के भी स्वामी हैं। वहीं, शुक्र ग्रह आपके पंचम तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं। इन भावों के स्वामित्व वाले ग्रहों का मिलन आपके कर्म स्थान अर्थात करियर भाव में हो रहा है। वैसे तो, सामान्य तौर पर बुध ग्रह के गोचर को दशम भाव में अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है, लेकिन नीच का होने के कारण स्वास्थ्य के प्रति आपको थोड़ी अधिक जागरूकता दिखाने की आवश्यकता रहेगी।
वहीं, घर-गृहस्थी और भूमि भवन से संबंधित मामलों में भी सावधानीपूर्वक काम लेने की आवश्यकता रहेगी। ऐसा करने की स्थिति में परिणाम सामान्य तौर पर अनुकूल रहेंगे। शुक्र ग्रह की बात करें, शुक्र ग्रह का गोचर दशम भाव में अच्छा नहीं माना जाता है, लेकिन उच्च अवस्था में होने के कारण आपको अच्छे परिणाम भी मिलने चाहिए। ऐसे में, विदेश से जुड़े मामलों में थोड़ी कठिनाई के बाद काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। संतान, शिक्षा और प्रेम जीवन में भी सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावनाएं हैं, लेकिन इन मामलों में किसी भी प्रकार के लापरवाही न बरतें।
उपाय: स्वयं को शुद्ध व सात्विक बनाए रखें। साथ ही, मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करना शुभ रहेगा।
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कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह आपकी कुंडली में लाभ तथा चतुर्थ भाव के स्वामी हैं जो अब आपके भाग्य भाव में रहेंगे। सामान्य तौर पर यह अनुकूल स्थिति कही जाएगी। वहीं, बुध ग्रह आपके तीसरे तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं और यह नीच अवस्था में आपके भाग्य भाव में होंगे। इसे अच्छी स्थिति नहीं कहा जाएगा। लेकिन, नीच भंग राजयोग और लक्ष्मी नारायण राजयोग बनने के कारण सामान्य तौर पर आपको अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। धर्म-कर्म की तरफ मन अधिक लग सकता है। यात्राएं भले ही कुछ कठिनाई भरी रहें, लेकिन यात्राओं से अच्छा लाभ मिल सकता है। भाई-बंधु और पड़ोसियों के साथ बेहतर तालमेल रखने की स्थिति में और उनके सहयोग से कुछ महत्वपूर्ण कार्य संपन्न हो सकते हैं। घर-गृहस्थी से संबंधित मामलों में अच्छी अनुकूलता देखने को मिल सकती है। लाभ के रास्ते भी मजबूत हो सकते हैं।
उपाय: गाय को हरा चारा खिलाना शुभ रहेगा।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में धन तथा लाभ भाव के स्वामी हैं। भले ही, यह नीचे अवस्था में होंगे, लेकिन आठवें भाव में होने के कारण बुध अच्छे परिणाम देने का प्रयास करेंगे। ऊपर से नीचभंग और लक्ष्मी नारायण योग के प्रभाव के चलते भी बुध ग्रह की अनुकूलता बेहतर परिणाम दे सकती है। वहीं, शुक्र ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा दशम भाव के स्वामी हैं। वर्तमान में दोनों ग्रह आपके अष्टम भाव में युति कर “नीचभंग” योग निर्मित कर रहे हैं। अष्टम भाव में शुक्र-बुध की युति आपको अप्रत्याशित रूप से लाभान्वित कर सकती है। कुछ रुके हुए काम अचानक से बन सकते हैं, जिनसे आपको अच्छा फायदा भी मिल सकता है। यात्राएं फायदेमंद रह सकती हैं।
प्रियजनों के साथ घूमना-फिरना और मनोरंजन करना भी संभव हो सकता है। हालांकि, सामाजिक मर्यादा का ख्याल रखना जरूरी रहेगा। शुक्र-बुध की यह युति आपको अच्छा लाभ करवा सकती है और अच्छी बचत करने में भी सहायक हो सकती है। आर्थिक मामलों की बात हो या फिर पारिवारिक मामलों की बात, इन मामलों में आपको तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम मिलने की संभावनाएं हैं। पुरानी समस्याओं से निजात भी मिल सकती है।
उपाय: कन्याओं का पूजन करके उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में लग्न भाव और राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके कर्म भाव के भी स्वामी हैं। वहीं, शुक्र ग्रह आपके धन भाव तथा भाग्य भाव के स्वामी हैं। वर्तमान में दोनों ग्रह आपके सप्तम भाव में युति कर “नीचभंग” योग निर्मित कर रहे हैं। वैसे तो, बुध और शुक्र दोनोंं ग्रहों को ही सप्तम भाव में गोचर करते हुए अच्छा नहीं माना गया है लेकिन, नीचभंग तथा लक्ष्मी नारायण योग होने के कारण सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की स्थिति में कुछ अच्छे परिणाम भी मिल सकते हैं।
विशेषकर व्यापार-व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों को सतर्कता बरतने पर शुभ फल मिल सकते हैं। साथ ही, कार्यक्षेत्र में तरक्की हो सकती है। आर्थिक मामलों के लिए भी समय शुभ रहेगा, लेकिन पिता आदि से संबंधित मामलों में सावधान रहना होगा। भले ही, यह युति अनुकूल परिणाम देने का संकेत कर रही है, लेकिन इस युति पर राहु-केतु और शनि जैसे ग्रहों का प्रभाव भी रहेगा। अतः स्वास्थ्य आदि का पूरा ख्याल रखना जरूरी होगा।
उपाय: लाल गाय की सेवा करना शुभ रहेगा।
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तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में भाग्य भाव तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं। वहीं, शुक्र ग्रह आपके लग्न और राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके अष्टम भाव के भी स्वामी हैं। वर्तमान में दोनों ग्रह आपके छठे भाव में युति कर “नीचभंग” योग निर्मित कर रहे हैं। वैसे तो, शुक्र ग्रह के गोचर को छठे भाव में सामान्य स्थिति में अच्छा नहीं माना जाता है, लेकिन उच्च अवस्था में होने के कारण शुक्र कोई बड़ा नकारात्मक परिणाम भी नहीं देंगे।
वहीं, बुध ग्रह के छठे भाव में गोचर को अच्छा माना गया है, लेकिन नीच अवस्था में होने के कारण कुछ एक मामलों में कठिनाइयां भी रह सकती हैं। हालांकि, नीचभंग और लक्ष्मी नारायण योग निर्मित होने के कारण कुछ समस्याओं के बाद काफी अच्छे परिणाम भी मिल सकते हैं। भाग्य का सहयोग मिलने से कर्म करने की स्थिति में आपको अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। कुछ मामलों में अप्रत्याशित रूप से फायदे भी मिल सकते हैं, फिर भी विवाद आदि से बचना होगा। स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना होगा। कुछ सावधानियां को अपनाने की स्थिति में यह युति आपको काफी अच्छे परिणाम दे सकती है।
उपाय: मां दुर्गा की मंदिर में श्रृंगार सामग्री भेंट करना शुभ रहेगा।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में अष्टम तथा लाभ भाव के स्वामी हैं। वहीं, शुक्र ग्रह आपकी कुंडली में सप्तम तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं। इन दोनों ग्रहों की युति आपके पंचम भाव में बन रही है। वैसे तो, बुध ग्रह के गोचर को पंचम भाव में अच्छा नहीं माना जाता है, लेकिन नीचभंग और लक्ष्मी नारायण योग बनने के कारण कुछ कठिनाइयों के बाद बुध आपको अच्छे परिणाम दे सकते हैं।
संतान से संबंधित मामलों में आ रही रुकावटें अचानक से दूर हो सकती हैं। इसके बावजूद भी प्रेम, सगाई, संतान व शिक्षा आदि से जुड़े क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें। गंभीरता और निष्ठापूर्वक काम करने की स्थिति में अच्छे परिणाम की उम्मीद की जा सकेगी। वहीं, व्यापार-व्यवसाय और विदेश से संबंधित मामलों में भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। हालांकि, फिजूलखर्ची से बचने की स्थिति में परिणाम अच्छे रह सकते हैं।
उपाय: गाय को नियमित रूप से हरा चारा खिलाना शुभ रहेगा।
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह आपकी कुंडली में छठे तथा लाभ भाव के स्वामी हैं। वहीं, बुध ग्रह आपकी कुंडली में सप्तम तथा दशम भाव के स्वामी हैं। ये दोनोंं ग्रह आपके चतुर्थ भाव में युति करते हुए नीचभंग तथा लक्ष्मी नारायण योग बना रहे हैं। सामान्य तौर पर यह युति आपको काफी अच्छे परिणाम दे सकती है, विशेषकर घर गृहस्थी से जुड़े मामलों में। आप अपने घर को सजाने-संवारने का काम कर सकते हैं। लग्जरी आइटम खरीदने में भी यह युति आपके लिए मददगार हो सकती है।
भूमि और भवन के सुख को बढ़ाने में भी यह युति सहायक साबित होगी। हालांकि, राहु, केतु और शनि के प्रभाव के चलते पहले से चली आ रही परेशानियां कम होंगी, लेकिन परेशानियों को लेकर लापरवाही नहीं बरतनी है बल्कि सकारात्मक विचारों के साथ उन्हें दूर करने की कोशिश करें। ऐसा करने से आप अपनी समस्याओं से मुक्ति पा सकेंगे।
उपाय: अस्थमा रोगियों की दवा खरीदने में मदद करें।
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मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह आपकी कुंडली में पंचम तथा दशम भाव के स्वामी हैं। वहीं, बुध ग्रह आपकी कुंडली में छठे भाव तथा भाग्य भाव के स्वामी हैं। इन दोनों ग्रहों की युति आपके तीसरे भाव में हो रही है। शुक्र ग्रह के गोचर को वैसे भी तीसरे भाव में काफी अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है, लेकिन बुध ग्रह के गोचर को तीसरे भाव में अच्छे परिणाम देने वाला नहीं कहा गया है।
अतः नौकरी से संबंधित मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह करना जरूरी होगा। जल्दबाजी में कोई बदलाव करने से बचें। साथ ही, बातचीत का तौर-तरीका भी शुद्ध, स्पष्ट और मधुर रखें। पिता से संबंधित मामलों में भी थोड़ी एक्स्ट्रा केयर करनी होगी। ऐसा करने की स्थिति में लगभग सभी मामलों में अनुकूलता बनी रहेगी, विशेषकर प्रेम, सगाई, शिक्षा आदि से संबंधित मामलों में। सामाजिक मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी और आपके वरिष्ठ आपसे प्रसन्न भी रह सकते हैं।
उपाय: गणेश जी के किसी भी मंत्र का जाप करना शुभ रहेगा।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में पंचम तथा अष्टम भाव के स्वामी हैं। वहीं, शुक्र ग्रह चतुर्थ तथा भाग्य भावों के स्वामी हैं। वर्तमान में दोनों ग्रह आपके दूसरे भाव में युति कर “नीचभंग” योग निर्मित कर रहे हैं। वैसे भी इन दोनों ग्रहों के गोचर को दूसरे भाव में अच्छा माना गया है। ऊपर से लक्ष्मी नारायण योग और नीचभंग योग निर्मित होने के कारण नकारात्मकता दूर होगी और सकारात्मकता का लेवल बढ़ेगा। इसके बावजूद भी शनि, राहु और केतु के प्रभाव को देखते हुए आर्थिक तथा पारिवारिक मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी है, बल्कि इन मामलों को गंभीरता से लेना होगा।
ऐसा करने की स्थिति में आप आर्थिक, पारिवारिक और घर-गृहस्थी से जुड़े मामलों में भी अच्छा कर सकेंगे। पिता और पिता तुल्य व्यक्तियों का सहयोग मिलने के कारण आपके जीवन की राह आसान बन जाएगी। कुछ अप्रत्याशित लाभ भी मिल सकते हैं। संतान और शिक्षा से संबंधित मामलों में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। प्रेम जीवन के लिए भी यह युति अनुकूल परिणाम देने का काम कर सकती है।
उपाय: स्वयं को शुद्ध एवं सात्विक बनाए रखें और मां दुर्गा के मंत्र का जाप करें।
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे तथा आठवें भाव के स्वामी हैं जबकि बुध आपके चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी हैं। इन दोनोंं ग्रहों की युति आपके प्रथम भाव अर्थात लग्न भाव में हो रही है। वैसे तो, बुध के गोचर को प्रथम भाव में अच्छा नहीं माना जाता है, ऊपर से बुध ग्रह नीच के रहेंगे। ये दोनों ही स्थितियां ठीक नहीं कही जाएंगी, लेकिन शुक्र के प्रभाव में होने के चलते और नीचभंग योग एवं लक्ष्मी नारायण योग के कारण बुध की नकारात्मकता शांत होगी।
हालांकि, व्यापार व्यवसाय में सावधानी पूर्वक निर्णय लेने की स्थिति में अच्छे परिणाम मिल सकेंगे। घर-गृहस्थी से संबंधित मामलों में कुछ कठिनाइयों के बाद अनुकूल परिणाम मिलने की संभावनाएं मजबूत होंगी। वहीं, यात्राओं के लिए समय काफी अच्छा रह सकता है। कुछ अप्रत्याशित लाभ भी मिल सकते हैं और आप आमोद-प्रमोद और मनोरंजन का आनंद ले सकेंगे। इन सबके बावजूद भी स्वास्थ्य इत्यादि को लेकर सचेत रहना समझदारी का काम होगा।
उपाय: मांस-मदिरा से दूर रहें और अपने चरित्र को स्वच्छ बनाए रखें। साथ ही, कन्या पूजन करना शुभ रहेगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
वर्ष 2025 में 27 फरवरी 2025 को शुक्र-बुध मीन राशि में युति का निर्माण करेंगे।
ज्योतिष में शुक्र देव को प्रेम, भोग-विलास एवं ऐश्वर्य का कारक माना जाता है।
राशि चक्र में बुध मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं।
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