UP By Election ( Social-Media- Photo)
UP By Election: उत्तर प्रदेश में विधानसभा की दस सीटों पर उप चुनाव होने वाले हैं। इन सीटों पर भाजपा और समाजवादी पार्टी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। लोकसभा चुनाव में यूपी से भाजपा अपने आशा के अनुरुप प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। वहीं सपा ने प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 37 सीटों पर जीत दर्ज किया था। 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी कन्नौज से चुनाव लड़े थे और जीत कर सांसद बन गए। अखिलेश यादव ने सांसद बनने के बाद करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। अखिलेश यादव 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में इसी सीट से विधायक चुने गए थे। अब करहल सीट पर विधानसभा का उप चुनाव होना है। ऐसे में सबकी नजरें इस हाट सीट पर टिकी हैं कि यहां से कौन अखिलेश यादव की जगह चुनाव लड़ेगा या अखिलेश यादव किसको अपनी सीट सौंपेंगे।माना जा रहा है कि करहल सीट पर अखिलेश यादव अपने भतीजे तेज प्रताप यादव को टिकट देंगे। इस सीट पर उनका नाम सबसे आगे चल रहा है। करहल सीट यादव परिवार सबसे सुरक्षित सीट कही जाती है।
जानिए कौन हैं तेज प्रताप?
तेज प्रताप सिंह यादव ने पूर्व सांसद रह चुके हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2004 में किया। सबसे पहले वे सैफई से क्षेत्र पंचायत सदस्य निर्विरोध चुने गए थे। 2012 में वे सैफई के ब्लाक प्रमुख भी निर्विरोध ही चुने गए थे। तेज प्रताप का जन्म 21 नवंबर 1987 को हुआ था।
स्कूली शिक्षा दिल्ली से लंदन से एमबीए
प्रताप यादव ने दिल्ली के दिल्ली पब्लिक स्कूल से अपनी स्कूली पढ़ाई की है। उन्होंने 2005 में इंटरमीडिएट और 2008 में एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा से बीकॉम किया। वर्ष 2009 में लंदन की लीड्स यूनिवर्सिटी से उन्होंने एमबीए की डिग्री हासिल की।
तेज प्रताप ही संभालते हैं सैफई महोत्सव की जिम्मेदारी
तेज प्रताप यादव मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई रतन सिंह यादव के पोते हैं। उनके पिता रणवीर सिंह यादव सैफई महोत्सव के संस्थापक रहे हैं। 2002 में रणवीर सिंह का निधन हो गया था। उसके बाद तेज प्रताप ने उनकी कमान संभाली थी।
मां ब्लाक प्रमुख
तेज प्रताप यादव की मां मृदुला यादव सैफई की ब्लाक प्रमुख हैं। 2014 में तेज प्रताप मैनपुरी लोकसभा सीट से उपचुनाव में जीत कर पहली बार सांसद बने थे।
लालू की बेटी से हुई है शादी
तेज प्रताप यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं। तेज प्रताप की शादी लालू प्रसाद की बेटी राज लक्ष्मी यादव से वर्ष 2015 में हुई थी।
शादी में पीएम मोदी भी हुए थे शामिल
तेज प्रताप यादव की शादी में उन्हें आशीर्वाद देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी आए थे। इस दौरान एक ही मंच पर मुलायम सिंह और लालू प्रसाद यादव ने नरेन्द्र मोदी का स्वागत भी किया था।
करहल विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास
-करहल विधानसभा सीट साल 1956 के परिसीमन के बाद बनी थी। 1957 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के पहलवान नत्थू सिंह यादव यहां से जीत कर पहले विधायक बने थे।
-उसके करहल से 1962, 1967 और 1969 में स्वतंत्र पाटी, 1974 में भारतीय क्रांति दल और 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर नत्थू सिंह विधायक बने, 1980 में कांग्रेस के शिवमंगल सिंह ने यहां से जीत दर्ज की थी।
-उसके बाद जातिगत हवा के चलते करहल से 1985 से 1996 तक बाबूराम यादव ने चुनाव जीता था।
1993 से है सपा का कब्जा
-बता दें बाबूराम यादव ने तीन चुनाव जनता दल के टिकट पर जीते थे, लेकिन 1993 में वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे।
-उसके बाद वह दो बार विधायक रहे, लेकिन 2002 में उन्हें भाजपा के सोबरन सिंह से हार का स्वाद चखना पड़ा था। हालांकि, कुछ समय बाद सोबरन सिंह सपा में शामिल हो गए और तब से वह कई बार यहां से चुनाव जीते। 2017 में भाजपा की लहर के बाद भी सपा को यहां से भारी वोट मिले थे।
क्या है इस सीट का जातिगत समीकरण?
-अगर करहल विधानसभा में जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां कुल मतदाताओं की संख्या 3,71,241 है।
-इनमें 2,01,394 पुरुष और 1,69,851 महिला और 16 मतदाना अन्य श्रेणी के हैं। कुल मतदाताओं में 40 प्रतिशत मतदाता केवल यादव समुदाय से आते हैं।
-इसी तरह 17 प्रतिशत मतदाता अनुसूचित जाति (एससी), 13 प्रतिशत शाक्य, नौ प्रतिशत ठाकुर, सात प्रतिशत ब्राह्मण, छह प्रतिशत अल्पसंख्यक और अन्य जाति और समुदाय के आठ प्रतिशत मतदाता करहल विधानसभा क्षेत्र में हैं। ऐसे में देखा जाए तो इस सीट पर यादव मतदाता निर्णयक भूमिका में हैं।