
Priyanka Gandhi (Photo: Social Media)
Priyanka Gandhi (Photo: Social Media)
Priyanka Gandhi: गुजरात में गरीब 64 साल बाद हो रहे कांग्रेस के अधिवेशन को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद कुछ राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था और ऐसे में पार्टी खुद को मजबूत बनाने के लिए एक बार फिर मंथन कर रही है। इस अधिवेशन में हिस्सा लेने के लिए देश के कोने-कोने से नेता अहमदाबाद पहुंचे हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत पूरा केंद्रीय नेतृत्व अधिवेशन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचा है मगर कांग्रेस का प्रमुख चेहरा मानी जाने वाली प्रियंका गांधी अधिवेशन से गायब हैं। इसे लेकर सियासी हल्कों और मीडिया में खूब चर्चा भी हो रही है।
वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान भी गायब थीं प्रियंका
कांग्रेस अधिवेशन से पहले पिछले दिनों संसद में वक्फ संशोधन बिल पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई थी। इस चर्चा के बाद बिल को लेकर वोटिंग भी कराई गई थी। लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में यह बिल पारित हो गया था। लोकसभा में इस महत्वपूर्ण बिल पर चर्चा के दौरान मौजूद रहने के लिए कांग्रेस की ओर से सांसदों को व्हिप भी जारी किया गया था मगर इसके बावजूद प्रियंका गांधी सदन में मौजूद नहीं थीं। अब कांग्रेस के अधिवेशन से भी प्रियंका गांधी दूर बनी हुई हैं। प्रियंका गांधी की नामौजूदगी को लेकर सवाल भी उठाए जा रहे हैं।
कार्यसमिति की बैठक में भी नहीं लिया हिस्सा
कांग्रेस अधिवेशन से पहले मंगलवार को कांग्रेस कार्यसमिति की महत्वपूर्ण बैठक भी हुई। इस बैठक के दौरान भाजपा और मोदी सरकार के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ने के लिए पार्टी की रणनीति पर चर्चा की गई। इस बैठक में कार्यसमिति के सदस्यों के अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू,विभिन्न राज्यों के कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इस बैठक में भी मौजूद नहीं थीं।
सवाल उठने पर कांग्रेस ने दी सफाई
कांग्रेस की इस महत्वपूर्ण बैठक से प्रियंका गांधी का गायब रहना चर्चा का विषय बन गया है। बैठक में 158 सदस्यों ने हिस्सा लिया मगर प्रियंका की गैर मौजूदगी मीडिया में चर्चा का विषय बन गई। इस बाबत सवाल पूछे जाने पर पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि बैठक में 35 सदस्य अनुपस्थित थे और किसी एक व्यक्ति को लेकर अलग से चर्चा करना उचित नहीं है।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी इस मुद्दे पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी ने पार्टी से पहले ही अनुरोध किया था कि उन्हें विदेश में पूर्व व्यस्तताओं में शामिल होने के लिए एआईसीसी सत्र और संसद सत्र को छोड़ने की अनुमति दी जाए और पार्टी ने उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया है। इसलिए इस संबंध में सवाल उठाने का कोई मतलब नहीं है।
सरदार पटेल पर इसलिए पारित किया प्रस्ताव
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी की ओर से सरदार वल्लभभाई पटेल के बारे में एक प्रस्ताव पारित किया गया है। सरदार पटेल ने किसान आंदोलन की शुरुआत करने के साथ ही संविधान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सरदार पटेल और देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के बीच संबंधों को दर्शाने के लिए यह प्रस्ताव पारित किया गया है।
देश के इन दोनों दिग्गज नेताओं के बीच अनोखी जुगलबंदी थी और दोनों को आधुनिक भारत का निर्माता माना जाता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अगुवाई में दोनों ने अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। प्रस्ताव में सरदार पटेल और पंडित नेहरू के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बारे में किया जा रहे दावों की निंदा की गई है। कांग्रेस का कहना है कि इस तरह के बयान पूरी तरह झूठे हैं और दोनों नेताओं के संबंधों को लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है।