
Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में एक विवादित पोस्टर को लेकर प्रतिक्रिया दी है। यह पोस्टर पार्टी कार्यकर्ता लालचंद गौतम द्वारा जारी किया गया था, जिसमें अखिलेश यादव और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर को एक साथ आधा-आधा चेहरे में दिखाया गया था।
इस पोस्टर पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी आपत्ति जताई थी। विपक्ष के विरोध के बाद समाजवादी पार्टी बैकफुट पर आ गई, और अब खुद अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए बयान जारी किया है। बलिया में अखिलेश यादव ने कहा कि हम लालचंद गौतम को समझाएंगे कि भविष्य में किसी भी नेता या महापुरुष के साथ इस तरह की तस्वीर न बनाएं। लेकिन क्या भारतीय जनता पार्टी भी अपने नेताओं को इस तरह की बातें करने से रोकेगी?
महापुरुषों की गरिमा किसी भी तुलना से बहुत ऊपर
इस बयान के साथ ही अखिलेश यादव ने ट्विटर पर एक संदेश साझा किया जिसमें उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से भावनात्मक अपील की। उन्होंने लिखा कि हम अपने सभी समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रेम, स्नेह और समर्पण के लिए उनका दिल से आभार प्रकट करते हैं। लेकिन हम यह भी अपील करते हैं कि भावना में बहकर किसी भी पार्टी नेता की तुलना किसी दिव्य और पूजनीय महापुरुष से न करें। ट्वीट में लिखा कि उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी सच्चे श्रद्धालु का कर्तव्य यही होना चाहिए कि वह महान व्यक्तित्वों के दिखाए गए रास्ते पर चले, न कि उनकी तुलना वर्तमान नेताओं से करे। महापुरुषों की गरिमा किसी भी तुलना से बहुत ऊपर होती है।
इस पूरे विवाद से सपा ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि पार्टी किसी भी धार्मिक या सामाजिक भावना को आहत करने वाले कदमों का समर्थन नहीं करती। साथ ही, अखिलेश यादव ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए राजनीतिक हमलों में संयम और मर्यादा बनाए रखने की बात भी कही।