भारतीय सशस्त्र बलों ने रविवार को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की बड़ी सफलता की घोषणा की। सेना ने कहा कि नियंत्रण रेखा यानी एलओसी पर 7 से 10 मई के बीच 35-40 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। इसके साथ ही नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमलों में 1999 के आईसी-814 अपहरण और 2019 के पुलवामा हमले के प्रमुख साजिशकर्ताओं सहित 100 से अधिक आतंकवादियों को खत्म किया गया। इस ऑपरेशन को 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था।
सैन्य संचालन महानिदेशक यानी डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर 6-7 मई की रात को शुरू किया गया। इसमें भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर में मुख्यालय और लश्कर-ए-ताइबा का मुरीदके में शिविर शामिल थे। घई ने कहा कि इन हमलों में मारे गए आतंकवादियों में यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदासिर अहमद जैसे टार्गेट शामिल थे। ये आईसी-814 अपहरण और पुलवामा विस्फोट में शामिल थे।
जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का भाई यूसुफ अजहर 1999 के आईसी-814 अपहरण का मास्टरमाइंड था। अपहरण में ही मसूद अजहर की रिहाई हुई थी। मुदासिर अहमद 2019 के पुलवामा हमले में शामिल था। उस हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा, पठानकोट हमले और 2001 के संसद हमले में भी शामिल अब्दुल रऊफ अजहर बहावलपुर में मारा गया।
एयर मार्शल एके भारती ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने बहावलपुर और मुरीदके के कुख्यात आतंकी प्रशिक्षण शिविरों पर हवा से सतह पर मार करने वाली गाइडेड मिसाइलों के साथ सटीक हमले किए। उन्होंने कहा, ‘हमारा उद्देश्य केवल आतंकवादियों और उनकी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना था, न कि पाकिस्तानी नागरिकों या सैन्य प्रतिष्ठानों को।’
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारी गोलीबारी और ड्रोन हमलों के साथ जवाब दिया। डीजीएमओ घई ने कहा, ‘पाकिस्तान की प्रतिक्रिया में कई नागरिक, बस्तियाँ और धार्मिक स्थल जैसे गुरुद्वारे निशाना बने, जिससे दुखद रूप से जानमाल का नुकसान हुआ।’
जम्मू-कश्मीर के पुंछ, कुपवाड़ा और बारामूला जिलों में पाकिस्तानी मोर्टार गोलीबारी से घरों और दुकानों को नुकसान पहुंचा। पुंछ में एक गुरुद्वारा भी क्षतिग्रस्त हुआ, जिसमें तीन गुरसिखों सहित 10 लोग मारे गए।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पांच भारतीय सैनिक शहीद हुए। डीजीएमओ घई ने कहा, ‘मैं अपने पांच शहीद सहयोगियों और नागरिकों को श्रद्धांजलि देता हूँ, जिन्होंने इस ऑपरेशन में अपनी जान गंवाई।’ जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हुए राइफलमैन सुनील कुमार के अंतिम संस्कार में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हिस्सा लिया और उनकी निस्वार्थ सेवा को याद किया।
पाकिस्तान के उल्लंघन और भारत की चेतावनी
युद्धविराम समझौते के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने शनिवार देर रात ड्रोन, यूएवी और यूसीएवी के साथ हमले शुरू किए। ये जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में नाकाम कर दिए गए। भारतीय सेना ने 50 से अधिक ड्रोनों को तबाह किया, जिसमें एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम और अन्य उन्नत उपकरणों का इस्तेमाल किया गया।
डीजीएमओ घई ने बताया कि उन्होंने अपने पाकिस्तानी समकक्ष को एक और हॉटलाइन संदेश भेजा। इसमें 10 मई के उल्लंघनों को उजागर किया गया और चेतावनी दी कि यदि यह दोहराया गया तो भारत कठोर और दंडात्मक जवाब देगा। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पश्चिमी सीमा के कमांडरों को किसी भी उल्लंघन के लिए ‘काइनेटिक डोमेन’ में जवाबी कार्रवाई के लिए पूर्ण अधिकार दिए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने युद्धविराम की घोषणा का श्रेय लिया और कहा कि वह कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों के साथ काम करेंगे। हालांकि, भारत ने किसी भी बाहरी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया।
भारत में राजनीतिक नेताओं ने ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सशस्त्र बलों के साथ एकजुटता व्यक्त की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और युद्धविराम पर विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग की।
युद्धविराम के बाद कश्मीर के उरी, गुरेज, बांदीपोरा और अन्य सीमावर्ती गाँवों में सामान्य स्थिति धीरे-धीरे बहाल हो रही है। हालांकि, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती जिलों में उच्च सतर्कता बरकरार है।
ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के आतंकी बुनियादी ढांचे और सैन्य-आतंकवादी गठजोड़ को गंभीर झटका दिया है। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने दावा किया कि उनके पास पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल होने के वीडियो सबूत हैं।
हालांकि युद्धविराम लागू है, लेकिन सीमा पर तनाव बना हुआ है। भारतीय डीजीएमओ सोमवार को अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ बातचीत करेंगे ताकि समझौते को लागू किया जा सके। भारतीय सेना ने साफ़ किया कि वह शांति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन किसी भी उल्लंघन का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।