गुरुवार 15 मई को तड़के फगवाड़ा की लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) के पास हुई हिंसक झड़प में एक 25 वर्षीय सूडानी छात्र की निर्ममतापूर्वक छुरा घोंपकर हत्या कर दी गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। एसएसपी गौरव तूरा ने बताया कि फगवाड़ा पुलिस ने पांच घंटे के भीतर ही हिमाचल प्रदेश के मंडी से सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी यूपी-बिहार के रहने वाले हैं। इसी यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं।
यह घटना सुबह 4 बजे माहेरु गांव के लॉ गेट के पास ग्रीन वैली इलाके में हुई, जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों, खासकर अफ्रीकी देशों के छात्रों का आवासीय केंद्र है। सतनामपुरा पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर और घायल छात्र अहमद मोहम्मद नूर अहमद हुसैन के बयान के अनुसार, वह और मोहम्मद वदा बाला यूसुफ अहमद सुबह की नमाज़ पढ़कर लौट रहे थे, साथ में दो सूडानी छात्राएं भी थीं, तभी उन्हें कुछ भारतीय युवकों ने रोक लिया।
आरोप है कि शराब के नशे में धुत इस ग्रुप ने दोनों अफ्रीकी छात्राओं को परेशान करना शुरू कर दिया और उनके मोबाइल नंबर मांगे। जब मोहम्मद वदा और अहमद ने हस्तक्षेप कर उन्हें छेड़खानी से बचाना चाहा। अहमद के अनुसार, हमलावरों में से दो के पास चाकू थे, जिन्होंने दोनों सूडानी छात्रों को छाती में घोंप दिया।
हमला करने के बाद आरोपी तुरंत फरार हो गए। पीड़ितों की मदद की चीखें सुनकर एक स्थानीय निवासी प्रभात दुबे ने उन्हें जालंधर कैंट स्थित जोहल अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने मोहम्मद वदा को मृत घोषित कर दिया, जबकि अहमद को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया और उनका अभी भी इलाज चल रहा है।
पुलिस ने बीएनएस की धारा 109 (साझा इरादा), 103(1) (हत्या), 190 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) और 191(3) (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया। अस्पताल में ही अहमद ने पुलिस को छह आरोपियों के नाम बताए, जिनमें कर्नाटक के चिकमगलुरु के अब्दुल अहद और कुंवर अमर प्रताप सिंह, आदित्य गर्ग, मोहम्मद शोएब, सुशांक उर्फ “शैगी” और यशवर्धन राजपूत शामिल हैं, जो सभी उत्तर प्रदेश और बिहार के हैं और वर्तमान में फगवाड़ा के पीजी आवासों में रह रहे हैं।
फगवाड़ा पुलिस ने फौरन जांच शुरू की और आरोपियों को हिमाचल प्रदेश के मंडी में ट्रैक करके घटना के कुछ ही घंटों के भीतर सभी छह को गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी गौरव तूरा ने गिरफ्तारी की पुष्टि की और पुलिस टीम की समन्वित और त्वरित कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा, “यह एक जघन्य अपराध था। जैसे ही हमें सूचना मिली, टीमें सक्रिय हो गईं, और हमने आरोपियों का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी निगरानी और स्थानीय खुफिया जानकारी का उपयोग किया। एसपी फगवाड़ा रूपिंदर कौर भट्टी, एसपी (जांच) और उनकी टीमों ने सटीकता के साथ यह ऑपरेशन अंजाम दिया।”
इस घटना ने फगवाड़ा में अफ्रीकी छात्र समुदाय में भय और पीड़ा फैला दी है, जहां कई छात्रों ने विश्वविद्यालय के आसपास के इलाकों में सुरक्षा और नस्लीय उत्पीड़न की घटनाओं पर चिंता जताई है। कई लोगों ने छात्र आवासीय इलाकों में पुलिस की मौजूदगी बढ़ाने, निगरानी व्यवस्था सुधारने और बेहतर सुरक्षा की मांग की है।