प्रमुख पत्रकार संगठनों ने गुजरात के प्रमुख दैनिक समाचार पत्र ‘गुजरात समाचार’ के मालिक बाहुबली शाह की ईडी द्वारा गिरफ्तारी पर गहरी चिंता जताई है। इन संगठनों ने इस कार्रवाई को प्रेस की आज़ादी और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला करार दिया है।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, इंडियन वीमेंस प्रेस कॉर्प्स, प्रेस एसोसिएशन, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स और वर्किंग न्यूज़ कैमरामैन एसोसिएशन सहित प्रमुख पत्रकार संगठनों ने इसको लेकर साझा बयान जारी किया है। इन पत्रकार संगठनों ने एक बयान में कहा, ‘हम, हस्ताक्षरकर्ता पत्रकार संगठन, गुजरात समाचार के मालिक बाहुबली शाह की ईडी द्वारा गिरफ्तारी पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। यह कार्रवाई प्रेस की स्वतंत्रता और उन लोकतांत्रिक मूल्यों पर एक परेशान करने वाला हमला दिखाती है, जो भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को कायम रखते हैं।’
बयान में गुजरात समाचार को ‘स्वतंत्र पत्रकारिता की लंबी विरासत वाला एक सम्मानित प्रकाशन’ बताया गया। यह गुजरात और उसके बाहर के लोगों की महत्वपूर्ण आवाज़ रहा है। संगठनों ने ईडी की कार्रवाई को राज्य मशीनरी का दुरुपयोग करार देते हुए कहा कि यह मीडिया हाउस को चुप कराने और असहमति की आवाजों को दबाने का प्रयास है।
संगठनों ने चेतावनी दी कि ईडी और संबद्ध एजेंसियों द्वारा मीडिया को बार-बार निशाना बनाना संविधान में निहित लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों को कमजोर करता है और संस्थानों में जनता का भरोसा खत्म करता है। बयान में कहा गया, ‘मीडिया का सत्ता को जवाबदेह ठहराने में महत्वपूर्ण योगदान है, खासकर एक कार्यशील लोकतंत्र में। मीडिया और पत्रकारों को परेशान किया जाना तुरंत बंद करना चाहिए।’
संगठनों ने बाहुबली शाह की तत्काल रिहाई की मांग की, जब तक कि विश्वसनीय सबूत पारदर्शी तरीके से पेश नहीं किए जाते। बयान में कहा गया, ‘हम मांग करते हैं कि बाहुबली शाह को तुरंत रिहा किया जाए, जब तक कि विश्वसनीय सबूत पारदर्शी तरीके से पेश न किए जाएं।’
बाहुबली शाह गुजरात समाचार और जीएसटीवी चैनल को चलाने वाली कंपनी लोक प्रकाशन लिमिटेड के निदेशक हैं। उनको गुरुवार को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था। इससे पहले, 14 मई को आयकर विभाग ने गुजरात समाचार के मुख्यालय, बाहुबली और उनके भाई श्रेयांस शाह के आवासों सहित 24 स्थानों पर छापेमारी की थी। ईडी ने इसके बाद गुरुवार को समाचार पत्र के कार्यालयों और मालिकों के आवासों पर तलाशी अभियान चलाया।
73 वर्षीय बाहुबली शाह को गिरफ्तारी के बाद स्वास्थ्य कारणों से अस्पताल में भर्ती कराया गया और उन्हें उसी दिन स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत मिल गई। हालांकि, इस कार्रवाई ने प्रेस स्वतंत्रता और सरकारी दबाव के मुद्दे पर व्यापक बहस छेड़ दी है।
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने इस गिरफ्तारी को लोकतंत्र की आवाज को दबाने की साजिश बताया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, ‘गुजरात समाचार को चुप कराने की कोशिश सिर्फ एक अखबार पर हमला नहीं, बल्कि पूरे लोकतंत्र की आवाज को दबाने की साजिश है।’ आप नेता अरविंद केजरीवाल ने इसे बीजेपी की हताशा का संकेत बताया और कहा कि वह सच बोलने वाली हर आवाज को चुप करना चाहती है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने भी इस कार्रवाई को स्वतंत्र मीडिया पर सरकारी दबाव का हिस्सा बताया। गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई करार दिया।
बता दें कि 1932 में स्थापित गुजरात समाचार गुजरात का सबसे बड़ा और सबसे पुराना दैनिक समाचार पत्र है जो अपनी निडर और सरकार-विरोधी संपादकीय नीति के लिए जाना जाता है। यह अहमदाबाद और गुजरात के अन्य शहरों के साथ-साथ महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भी प्रकाशित होता है। कांग्रेस ने दावा किया कि हाल के भारत-पाकिस्तान तनाव पर इसकी आलोचनात्मक संपादकीय नीति ने सरकार का गुस्सा भड़काया, जिसके परिणामस्वरूप यह कार्रवाई हुई।