दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को राजनीतिक कमेंटेटर अभिजीत अय्यर मित्रा को न्यूज़लॉन्ड्री की महिला पत्रकारों के खिलाफ एक्स पर किए गए अपमानजनक और मानहानि वाले ट्वीट के लिए कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने मित्रा को इन ट्वीट को पांच घंटे के भीतर हटाने का आदेश दिया और कहा कि ऐसी भाषा सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है। मित्रा के वकील ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि वह इन ट्वीट को हटा लेंगे। उन्होंने बाद में ट्वीट हटा लिये।
यह मामला न्यूज़लॉन्ड्री की संपादक मनीषा पांडे और आठ अन्य महिला पत्रकारों द्वारा दायर एक मानहानि के मुकदमे से जुड़ा है। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अभिजीत अय्यर मित्रा ने उनके खिलाफ अपमानजनक, झूठे, दुर्भावनापूर्ण और बेबुनियाद ट्वीट किए। इसमें उन्होंने महिला पत्रकारों के लिए बेहद घटिया गाली वाले शब्द जैसे अपमानजनक शब्दों से संबोधित किया और न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यस्थल को “वेश्यालय” बताया। याचिकाकर्ताओं ने इन ट्वीट को हटाने और 2 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील बानी दीक्षित ने कोर्ट में तर्क दिया कि मित्रा के ट्वीट न केवल मानहानि वाले हैं, बल्कि यह महिला पत्रकारों की गरिमा और उनके पेशेवर सम्मान पर हमला है। उन्होंने कहा कि ये टिप्पणियां आलोचना के दायरे से बाहर हैं और महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक हैं। दूसरी ओर, मित्रा के वकील जय अनंत देहाद्रय ने दावा किया कि न्यूज़लॉन्ड्री एक समाचार संगठन नहीं है, जैसा कि वह दावा करता है, और मित्रा के ट्वीट उनके ‘संदिग्ध आय के स्रोतों’ पर टिप्पणी थे।
जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने मित्रा के ट्वीट में इस्तेमाल की गई भाषा को देखने के बाद उनके वकील से सवाल किया, ‘क्या आप इस तरह की भाषा का बचाव कर सकते हैं? यह समाज में स्वीकार्य है?’ कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि अगर मित्रा ने ट्वीट नहीं हटाए तो वह उनके खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे सकता है। कोर्ट ने साफ़ किया कि इस तरह की भाषा किसी भी सभ्य समाज में बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
मित्रा के वकील ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल ट्वीट को पांच घंटे के भीतर हटा लेंगे। सुनवाई के कुछ ही मिनटों बाद मित्रा ने एक्स पर लिखा, ‘मुझे दिल्ली हाई कोर्ट पर पूरा भरोसा है। उन्होंने मुझे न्यूज़लॉन्ड्री के बारे में मेरे काव्यात्मक ट्वीट्स हटाने के लिए कहा है। मैं कोर्ट के आदेश का पालन कर रहा हूं।’
उन्होंने दावा किया कि मित्रा के ट्वीट का मकसद न्यूज़लॉन्ड्री की महिला पत्रकारों को अपमानित करना और उनकी पेशेवर गरिमा को ठेस पहुंचाना था। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि मित्रा ने न्यूज़लॉन्ड्री के ग्राहकों को भी “वेश्या” जैसे अपमानजनक शब्दों से संबोधित किया, जबकि इन ग्राहकों में डॉक्टर, वकील, जज, शिक्षक, वैज्ञानिक और इंजीनियर जैसे पेशेवर शामिल हैं।
मित्रा लगातार रहे हैं विवादों में
यह पहली बार नहीं है जब अभिजीत अय्यर मित्रा विवादों में घिरे हैं। हाल ही में तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग फर्म सिलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज ने उनके खिलाफ एक कानूनी नोटिस जारी किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मित्रा ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन की बेटी और कंपनी के बारे में झूठी और दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियां कीं। मित्रा खुद को दक्षिणपंथी हिंदुत्व विचारधारा का समर्थक बताते हैं और वह अक्सर अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए चर्चा में रहते हैं।
इस मामले ने पत्रकारिता और सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर एक बड़ी बहस छेड़ दी है। न्यूज़लॉन्ड्री की पत्रकारों ने कोर्ट का रुख करके यह संदेश दिया है कि अपमानजनक और सेक्सिस्ट टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं हैं। एक्स पर कई लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है। एक यूजर ने लिखा, ‘पत्रकारों को कोर्ट केस में पड़ना पड़ता है क्योंकि उनके पास समय और पैसा कम होता है, लेकिन यह घटिया लोगों से निपटने का सही तरीका है।’ एक अन्य यूजर ने कहा कि मित्रा के ट्वीट्स की जितनी निंदा की जाए, कम है और इससे पत्रकारिता के नाम पर नफरत फैलाने वालों को सबक मिलेगा।
दिल्ली हाई कोर्ट ने मित्रा को ट्वीट हटाने का आदेश दिया, और अब इस मामले में अगली सुनवाई होगी। याचिकाकर्ताओं की मांग है कि मित्रा पर स्थायी निषेधाज्ञा लगाई जाए ताकि वह भविष्य में ऐसी टिप्पणियां न करें। साथ ही, 2 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग भी विचाराधीन है।