भारत में कोविड-19 के मामलों में हाल में उछाल आया है। समझा जाता है कि नए कोविड वेरिएंट्स की वजह से कोविड पॉजिटिव केसों में बढ़ोतरी हुई है। जो नए कोविड वेरिएंट्स के मामले आए हैं उनसे स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सरकार की चिंता बढ़ गई है।
देश में ओमिक्रॉन के नए सब-वेरिएंट्स JN.1 के LF.7 और NB.1.8.1 का पता चला है। ये वैरिएंट्स प्रमुख शहरों में तेजी से फैल रहे हैं। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ की हालिया रिपोर्टों के आधार पर सामने आई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, JN.1 का पहला मामला दिसंबर 2023 में केरल के करकुलम, तिरुवनंतपुरम में दर्ज किया गया था। इसके बाद इसके सब-वेरिएंट्स LF.7 और NB.1.8.1 के मामले भारत के कई हिस्सों- मुंबई, इंदौर, भोपाल और अन्य प्रमुख शहरों में आए। INSACOG के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में तमिलनाडु में NB.1.8.1 का एक मामला सामने आया था, और मई में गुजरात में LF.7 के चार मामले दर्ज किए गए। जानकारों का मानना है कि ये वेरिएंट्स अत्यधिक संक्रामक हो सकते हैं, जिसके कारण मामलों में वृद्धि देखी जा रही है।
पिछले कुछ हफ्तों में भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या 93 से बढ़कर 250 से अधिक हो गई है। यह वृद्धि सिंगापुर, हांगकांग, चीन और थाईलैंड जैसे एशियाई देशों में देखी गई कोविड की नई लहर के साथ मेल खाती है, जहां JN.1 और इसके सब-वेरिएंट्स के कारण मामले बढ़ रहे हैं।
लक्षण और जोखिम
नए वेरिएंट्स के लक्षण पिछले ओमिक्रॉन वेरिएंट्स के समान हैं। इनमें बुखार, गले में खराश, स्वाद और गंध का जाना, खांसी, भूख न लगना और शरीर में दर्द शामिल हैं। हालाँकि, जानकारों का कहना है कि ये वेरिएंट्स अधिक संक्रामक हो सकते हैं, जिसके कारण इनका प्रसार तेजी से हो रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को कोविड-19 की निगरानी बढ़ाने और टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट रणनीति को लागू करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने अस्पतालों को ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा है। इसके अलावा, जीनोम सीक्वेंसिंग को बढ़ावा देने के लिए विशेष लैब्स को सक्रिय किया गया है ताकि नए वेरिएंट्स की पहचान और निगरानी की जा सके।
महाराष्ट्र में हाल ही में KP.2 और KP.1 वेरिएंट्स के क्रमशः 290 और 34 मामले सामने आए थे, जिसके बाद विशेषज्ञों ने लोगों से मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की सलाह दी थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि घबराने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना ज़रूरी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में B.1.167 वेरिएंट को अत्यधिक संक्रामक माना है, जो पहले 2021 में भारत में पाया गया था। ओमिक्रॉन का नया सब-वेरिएंट XEC सितंबर 2024 में यूरोप और अमेरिका के 25 राज्यों में पाया गया था। यह भारत में अभी तक व्यापक रूप से नहीं देखा गया है, लेकिन इसकी निगरानी की जा रही है।
सावधानियां और सुझाव
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से मास्क पहनने, भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने और नियमित रूप से हाथ धोने की सलाह दी है। सरकार ने लोगों से कोविड वैक्सीन की बूस्टर डोज लेने और लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट कराने की अपील की है। साथ ही, स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थलों में कोविड प्रोटोकॉल को फिर से लागू करने पर विचार किया जा सकता है।
भारत में कोविड-19 के नए वेरिएंट्स LF.7 और NB.1.8.1 के उभार ने एक बार फिर हेल्थ सिस्टम और आम जनता को सतर्क कर दिया है। हालाँकि, विशेषज्ञों का मानना है कि समय पर सावधानी और उचित निगरानी से स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। सरकार और स्वास्थ्य संगठनों की सक्रियता और जनता का सहयोग इस नई चुनौती से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। लोगों से अपील की गई है कि वे घबराएँ नहीं, लेकिन सावधानी और जिम्मेदारी के साथ इस स्थिति का सामना करें।