हमारे सैनिकों को सही खाना नहीं दिया जाता, बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं दी जाती आदि! और
मोदी को अब अग्निवीर चाहिए! शासन के 11 साल। इसी तरह की प्रतिक्रियाएं बहुत सारे लोगों ने दी है।
सोशल मीडिया पर गुस्सा बढ़ने के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फौरन कार्रवाई की और चार रेलवे अधिकारियों को निलंबित करने की घोषणा की। उन्होंने आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कदम उठाए जाएंगे, ताकि सुरक्षा बलों को सम्मानजनक और सुरक्षित यात्रा सुविधाएं प्रदान की जा सकें। बीएसएफ ने स्पष्ट किया कि जवानों ने कोई हंगामा नहीं किया, बल्कि मुद्दे को आधिकारिक संवाद के जरिए हल किया गया।बीएसएफ के एक कमांडेंट-स्तर के अधिकारी ने मंगलवार को अगरतला स्टेशन मैनेजर को लिखे पत्र में इस देरी को “अक्षम्य” बताया। इसके अलावा, उन्होंने लिखा कि ट्रेन के कोचों की स्थिति इतनी खराब थी कि उन्हें लंबे समय तक इस्तेमाल न किए जाने का संदेह हुआ। निरीक्षण के दौरान कोचों में कॉकरोच, कीड़े, और गंदगी पाई गई, साथ ही शौचालयों में मानव मल तैर रहे थे और पानी की कमी थी। बीएसएफ ने इस मुद्दे को तुरंत रेलवे अधिकारियों के सामने उठाया। किसी ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी डाल दिया।
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में जर्जर कोचों की स्थिति को दिखाया गया, जिसमें टूटी खिड़कियां और अनुपयोगी बर्थ शामिल थे। इस वीडियो ने सुरक्षा बलों के साथ व्यवहार को लेकर ऑनलाइन बहस छेड़ दी। जाने-माने पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने एक्स पर लिखा, “1,200 बीएसएफ जवान, जो अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए थे, को उदयपुर से जम्मू के लिए 26 घंटे की यात्रा के लिए इतनी खराब स्थिति वाली ट्रेन दी गई थी कि जवानों ने इसमें यात्रा करने से इनकार कर दिया।”रेलवे ने सफाई देते हुए कहा कि वायरल वीडियो में दिखाए गए कोच रखरखाव के लिए थे और गलती से बीएसएफ की विशेष ट्रेन में जोड़ दिए गए थे। एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी केके शर्मा ने बताया कि ये कोच यात्रियों के उपयोग के लिए नहीं थे और इन्हें अगरतला में ट्रेन से हटा दिया गया। इसके बाद बीएसएफ के लिए बेहतर स्थिति वाली नई ट्रेन की व्यवस्था की गई।हालांकि एबीपी न्यूज के मुताबिक एक्स पर एक पोस्ट में, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने कहा था: “यह आरोप कि बीएसएफ को यात्रा के लिए इस प्रकार का कोच उपलब्ध कराया गया था, गलत है। कोच आवश्यक रखरखाव, मरम्मत और सफाई के बाद ही यात्रा के लिए उपलब्ध कराए जाते हैं। यह वीडियो एक बिना जांचे गए कोच का है जिसे मरम्मत के लिए भेजा जा रहा था और यह बीएसएफ बलों की यात्रा के लिए नहीं था।” हालांकि नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे के एक्स हैंडल पर अब यह बयान उपलब्ध नहीं है यानी उसे हटा लिया गया है।