इसराइल और ईरान के बीच सैन्य टकराव पर वैश्विक समुदाय ने चिंता जताई है। इसराइल द्वारा ईरान पर किए गए हवाई हमलों ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है। इस घटना पर विश्व के कई देशों और नेताओं ने अपनी प्रतिक्रियाएँ दी हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फॉक्स न्यूज़ से बातचीत में कहा कि उन्हें इसराइल के हमलों की पहले से जानकारी थी और इसमें कोई आश्चर्य नहीं था। हालाँकि, उन्होंने यह साफ़ नहीं किया कि अमेरिका की इस हमले में कोई प्रत्यक्ष भूमिका थी या नहीं। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा, ‘इसराइल ने ईरान के ख़िलाफ़ एकतरफ़ा कार्रवाई की है। हम इन हमलों में शामिल नहीं हैं, और हमारी प्राथमिकता क्षेत्र में अमेरिकी बलों की सुरक्षा है।’ उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान को अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना नहीं बनाना चाहिए।
ब्रिटेन: स्टार्मर ने जताई चिंता
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इसराइल के हमलों को चिंताजनक बताया और सभी पक्षों से तनाव कम करने की अपील की। रॉयटर्स के अनुसार, स्टार्मर ने कहा, ‘यह क्षेत्र पहले से ही अस्थिर है और सभी पक्षों को पीछे हटकर स्थिति को शांत करना चाहिए।’
भारत: कूटनीति और संयम की अपील
भारत ने इसराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त की और दोनों देशों से तनाव कम करने की अपील की। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘हम इसराइल और ईरान के बीच हाल के घटनाक्रमों से गहरी चिंता में हैं। हम स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं, विशेष रूप से परमाणु स्थलों पर हमलों से संबंधित ख़बरों पर।’
सऊदी अरब, कतर, यूएई और ओमान ने की इसराइल की निंदा
सऊदी अरब ने इसराइल के हमलों की कड़ी निंदा की, इसे ईरान की संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन बताया। संयुक्त अरब अमीरात ने भी इसराइल की सैन्य कार्रवाई की निंदा करते हुए क्षेत्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभावों पर गहरी चिंता जताई। क़तर ने इसे ईरान की संप्रभुता और सुरक्षा का साफ़ उल्लंघन क़रार दिया।
ईरान-अमेरिका परमाणु वार्ता में मध्यस्थता कर रहा ओमान ने इस हमले को खतरनाक और लापरवाही भरा बताया और इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार दिया। इसने इसराइल को इस बढ़ते तनाव और इसके परिणामों के लिए जिम्मेदार ठहराया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस खतरनाक दिशा को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।
अन्य देशों की प्रतिक्रियाएँ
ऑस्ट्रेलिया: विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग ने इसराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई और इसे क्षेत्र की स्थिरता के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा, ‘ईरान का परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है। हम सभी पक्षों से संवाद और कूटनीति को प्राथमिकता देने की अपील करते हैं।’
न्यूज़ीलैंड: प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने इसे मध्य पूर्व में एक अवांछित घटनाक्रम बताया और कहा कि क्षेत्र को और सैन्य कार्रवाइयों की ज़रूरत नहीं है।
जापान: मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने कहा कि जापान स्थिति के और बिगड़ने को रोकने के लिए सभी ज़रूरी कूटनीतिक प्रयास कर रहा है और जापानी नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव उपाय करेगा।
संयुक्त राष्ट्र: महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने मध्य पूर्व में किसी भी सैन्य वृद्धि की निंदा की और विशेष रूप से ईरान के परमाणु स्थलों पर इसराइली हमलों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने दोनों पक्षों से अधिकतम संयम बरतने और गहरे संघर्ष से बचने की अपील की।
ईरान: कड़ा जवाब देने की चेतावनी
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह अली खामनेई ने इसराइल के हमलों को ‘शैतानी और खून से लथपथ अपराध’ क़रार देते हुए कड़ा जवाब देने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, ‘इसराइल को इस अपराध के लिए कठोर सजा की उम्मीद करनी चाहिए। इस्लामिक गणराज्य की सशस्त्र सेनाएँ इसे बिना सजा के नहीं छोड़ेंगी।’ ईरानी सांसद अलाद्दीन बोरोजेर्डी ने घोषणा की कि इसराइल के हमलों के बाद अमेरिका के साथ होने वाली छठे दौर की परमाणु वार्ता रद्द कर दी गई है।
आईएईए की प्रतिक्रिया
ईरानी सरकारी मीडिया ने पुष्टि की कि इसराइल के हमले में छह परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हुई। इनके नाम अब्दोलरहीम मिनौचहर, अहमदरेज़ा ज़ोल्फ़ाघरी, सेयद अमीरहोसैन फघीही, मतलाबी, मेहदी तहरांची और फरेदौन अब्बासी हैं। ये सभी ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े थे। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी यानी आईएईए ने कहा कि नातान्ज़ परमाणु स्थल पर हमले के बावजूद वहाँ विकिरण स्तरों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। आईएईए ने यह भी साफ़ किया कि बूशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र को निशाना नहीं बनाया गया।
इसराइल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव मध्य पूर्व में एक बड़े संघर्ष का खतरा पैदा कर रहा है। विश्व समुदाय ने इस स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है और अधिकांश देशों ने संयम और कूटनीति के रास्ते पर जोर दिया है। भारत सहित कई देशों ने दोनों पक्षों से तनाव कम करने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की अपील की है। इस बीच, ईरान ने कड़ा जवाब देने की चेतावनी दी है, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता और बढ़ने की आशंका है।