
Paragliding Capital of Himachal (Image Credit-Social Media)
Paragliding Capital of Himachal (Image Credit-Social Media)
Paragliding Capital of Himachal: हरियाली, पहाड़, ताजगी से भरी हवा और खुला आसमान… ऐसी ही कल्पना जब साकार होती है, तो वो जगह किसी सपने से कम नहीं लगती। हिमाचल प्रदेश का ‘बीर’ ऐसा ही एक हसीन गांव है, जहां हर मोड़ पर प्रकृति आपको चौंकाती और हर पल एक नई ऊर्जा से भर देती है। पैराग्लाइडिंग हो या पक्षियों की चहचहाहट में खो जाना बीर गांव एक ऐसी जगह है जहां हर घुमक्कड़ का दिल बसने को तैयार हो जाता है। आइए जानते हैं इस खूबसूरत प्राकृति के बीच बसे बीर गांव की खूबियों के बारे में –
बीर – तिब्बती संस्कृति और प्रकृति का अद्भुत मेल

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले में स्थित बीर, न सिर्फ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है बल्कि इसकी तिब्बती संस्कृति भी यात्रियों को खास अनुभव देती है। यहां बड़ी संख्या में तिब्बती शरणार्थी रहते हैं, जिनके मठ, व्यंजन, हस्तशिल्प और जीवनशैली इस छोटे से गांव को अनोखा रंग देते हैं।
पैराग्लाइडिंग का ग्लोबल हब
बीर को भारत की ‘पैराग्लाइडिंग कैपिटल’ कहा जाता है। यहां का बिलिंग साइट 2,400 मीटर की ऊंचाई से टेक-ऑफ पॉइंट है, जो इसे दुनिया की सर्वश्रेष्ठ पैराग्लाइडिंग लोकेशनों में से एक बनाता है। मार्च से नवंबर तक का समय उड़ान के लिए सर्वोत्तम होता है।
यहां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं भी होती हैं। यहां सैलानी भी प्रशिक्षित पायलट्स के साथ टैंडम फ्लाइट का मजा ले सकते हैं।
उड़ते समय नीचे फैली हरी घाटी, छोटे घर और बर्फ से ढकी चोटियों का नज़ारा एक बार आंखों में बस जाए, तो कभी नहीं भूलता।
सूरज पहाड़ों में समा जाए जैसा अद्भुत सनसेट नजारा
बीर का सूर्यास्त कुछ ऐसा अनुभव है जो आपको ठहरने पर मजबूर कर देता है।
यहां से दिखता है, जैसे सूर्य सीधे पहाड़ की गोद में समा रहा हो। स्थानीय लोग और पर्यटक इस नज़ारे को कैमरे में नहीं, दिल में कैद करने आते हैं। सनसेट पॉइंट पर समय बिताना, चाय की चुस्की लेना और दूर पर्वतों में डूबते सूरज को निहारना, बीर की यात्रा का सबसे शांत और आत्मिक पल हो सकता है। यहां आकर बर्ड वॉचिंग पक्षियों की दुनिया में खो जाने जैसा अहसास देता है।
अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं, तो बीर की पक्षी-विहार यात्रा आपके लिए जन्नत से कम नहीं। यहां 300 से अधिक पक्षी प्रजातियों को देखा जा सकता है, जिनमें प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं।
खासकर सर्दियों में जब प्रवासी पक्षी यहां आते हैं, तब यह स्थान और भी जीवंत हो उठता है।
बर्ड वॉचिंग के लिए दूरबीन और थोड़ा संयम लेकर निकलें। आप पाएंगे कि हर झाड़ी, हर पेड़ पर एक पक्षियों के कलरव के रूप में संगीत बसा हुआ है।
चोकलिंग गोम्पा – आध्यात्मिक शांति का ठिकाना

बीर की गोद में बसा चोकलिंग गोम्पा, एक पवित्र और शांति से भरपूर बौद्ध मठ है। यह मठ नेतेन चोकलिंग रिनपोचे को समर्पित है, जिन्हें बुद्ध का अवतार माना जाता है।
मठ का स्थापत्य बेहद सुंदर है। इसके चारों ओर पहाड़ और हरियाली इसे और आकर्षक बनाते हैं।
मठ के आस-पास आप ट्रैकिंग कर सकते हैं और मन की शांति में खो सकते हैं।
यह जगह दोस्तों या अकेले आत्म-मंथन के लिए उपयुक्त है।
क्या-क्या करें बीर गांव आकर –
इस खूबसूरत प्रकृति के बीच बसे बीर गांव में आकर आप पैराग्लाइडिंग करें और उड़ते हुए धरती को नए नजरिए से देखें। सनसेट पॉइंट पर जाएं और पहाड़ों के पीछे डूबते सूरज को निहारें। बर्ड वॉचिंग करें, खासकर सुबह-सुबह या शाम के समय। आध्यात्म की खोज हो तो चोकलिंग गोम्पा की शांति में खो जाएं।
इसके अलावा पास के अन्य मठों और झीलों की सैर करें, जहां प्रकृति हर कोने में खूबसूरती बिखेरती है।
बीर गांव कैसे पहुंचें?
हवाई मार्ग से-
नज़दीकी हवाई अड्डा गग्गल एयरपोर्ट (कांगड़ा) है, जो बीर से करीब 65 किमी दूर है। वहां से टैक्सी या कैब से बीर आसानी से पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग से- सबसे नजदीकी बड़ा रेलवे स्टेशन पठानकोट है। पठानकोट से आप बस, टैक्सी या साझा गाड़ियों से बीर पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग से-
दिल्ली, चंडीगढ़ या धर्मशाला से बीर के लिए सीधी बस या टैक्सी सुविधा उपलब्ध है।
कब जाएं?

मार्च से जून और सितंबर से नवंबर तक का समय सबसे बेहतर होता है।
मानसून में सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं, लेकिन हरा-भरा दृश्य अपने चरम पर होता है।
अगर आप भीड़-भाड़ से दूर, प्रकृति की गोद में कुछ शांत, साहसी और आध्यात्मिक अनुभव की तलाश में हैं, तो बीर आपके लिए परफेक्ट जगह है। यह न सिर्फ एडवेंचर से भरपूर है बल्कि आत्मा को भीतर तक शांत कर देने वाला अनुभव भी है।