
Indian Politician Bajrang Manohar Sonawane Wikipedia
Indian Politician Bajrang Manohar Sonawane Wikipedia
Bajrang Manohar Sonawane Wikipedia: महाराष्ट्र की राजनीति में कई दिग्गज चेहरे उभरे हैं, लेकिन बीड से सांसद बजरंग मनोहर सोनवाने ने जिस तरह ज़मीनी जुड़ाव, सामाजिक सरोकार और राजनीतिक सूझबूझ से अपनी पहचान बनाई है, वह उन्हें इस प्रतिभूति पर एक खास स्थान दिलाती है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) से जुड़े सोनवाने न सिर्फ एक सफल जनप्रतिनिधि हैं, बल्कि अपने क्षेत्र और जनता से मजबूत संवाद रखने वाले नेता के रूप में जाने जाते हैं। उनका जीवन सफर एक छोटे से गांव से शुरू होकर संसद तक पहुंचा है, जो नई पीढ़ी को प्रेरित करने वाला है। आइए 6 जुलाई को बजरंग मनोहर सोनवाने के जन्मदिवस के मौके पर जानते हैं इनके राजनैतिक सफर और उससे जुड़ी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से –
जन्म, परिवार और प्रारंभिक जीवन
बजरंग मनोहर सोनवाने का जन्म 6 जुलाई 1970 को महाराष्ट्र के बीड जिले के सारनी गांव में हुआ था। उनके पिता मनोहर भुजंगराव सोनवाने और माता सत्वाशीला मनोहरराव सोनवाने एक साधारण ग्रामीण परिवार से ताल्लुक रखते थे। ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े बजरंग सोनवाने ने बाल्यकाल से ही सामाजिक सरोकारों में गहरी रुचि ली।
उनकी शिक्षा की शुरुआत गांव के स्कूल से हुई और उन्होंने आगे की पढ़ाई डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय से की, जहां से उन्होंने बी.ए. की डिग्री प्राप्त की।
बजरंग सोनवाने का विवाह 7 मई 1998 को सारिका बजरंग सोनावणे से हुआ। यह दंपति तीन बच्चों दो बेटे और एक बेटी के माता-पिता हैं। परिवार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और सामाजिक जिम्मेदारियों के बीच सामंजस्य उनकी निजी जिंदगी का संतुलन दर्शाता है।
व्यवसायिक पृष्ठभूमि से राजनीति तक का सफर
राजनीति में आने से पहले बजरंग सोनवाने एक व्यवसायिक व्यक्ति के रूप में सक्रिय थे। स्थानीय व्यापारिक समुदाय के साथ उनका करीबी संपर्क बना और यहीं से उन्होंने लोगों की समस्याओं को समझने और समाधान की दिशा में काम करने की शुरुआत की। व्यापार जगत में अनुशासन, नेतृत्व और निर्णय लेने की क्षमता ने उन्हें राजनीति के लिए भी तैयार किया।
राजनीतिक यात्रा की शुरुआत
बजरंग सोनवने की राजनीतिक पारी की औपचारिक शुरुआत 13 जनवरी 2020 को हुई, जब वे बीड जिला परिषद के उपाध्यक्ष चुने गए। यह चुनाव बजरंग सोनवने के राजनीतिक जीवन का पहला बड़ा पड़ाव था। इस पद पर रहते हुए उन्होंने ग्रामीण विकास, पेयजल व्यवस्था, सड़क निर्माण और शिक्षा में सुधार जैसे मुद्दों पर प्राथमिकता से काम किया।
उनके कार्यकाल में बीड जिले में कई योजनाओं का सफल क्रियान्वयन हुआ, जिससे उनकी छवि एक सक्रिय और जवाबदेह जनसेवक की बनी।
लोकसभा चुनाव 2024- ऐतिहासिक जीत
बजरंग मनोहर सोनवने की चुनावी सफलता केवल मतों की गिनती भर नहीं है, बल्कि यह जनता के विश्वास और उनके द्वारा किए गए सेवा कार्यों का परिणाम है। उन्होंने सीमित संसाधनों और कठिन प्रतिस्पर्धा के बावजूद जिस तरह राजनीतिक मंच पर अपनी पकड़ बनाई, वह उल्लेखनीय है।
2024 के आम चुनावों में उन्होंने बीड लोकसभा सीट से जीत हासिल की।
यह क्षेत्र मराठवाड़ा क्षेत्र का महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र है, जहां मुकाबला परंपरागत रूप से कांटे का रहता है।
भाजपा और कांग्रेस जैसे मजबूत प्रतिद्वंद्वियों के बीच, बजरंग सोनवने ने स्थानीय मुद्दों, विकास कार्यों और जनता से जुड़ाव के आधार पर प्रचार किया।
उन्होंने लगभग 2.85 लाख से अधिक मतों के अंतर से यह सीट जीतकर संसद में प्रवेश किया। यह सीट पारंपरिक रूप से चुनौतीपूर्ण मानी जाती रही है, लेकिन सोनवने ने जनता से किए वादों और पिछली भूमिका में किए गए कार्यों के आधार पर विश्वास जीता। उनकी जीत के प्रमुख कारणों में स्थानीय समस्याओं की समझ और समाधान के लिए स्पष्ट दृष्टिकोण, क्षेत्रीय मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकार के साथ समन्वय, युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए ठोस योजनाओं का भरोसा जैसे मुद्दे शामिल हैं।
उन्होंने मार्च 2024 में अजित पवार गुट से शरद पवार के नेतृत्व वाले NCP (SP) में शामिल होने का फैसला किया ।
वर्तमान पद और संसद में सक्रिय भूमिका
18वीं लोकसभा में बजरंग सोनवने की मौजूदगी उल्लेखनीय रही है। वे उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण समिति (26 सितंबर 2024 से),
गृह मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति (21 अक्टूबर 2024 से) संसदीय समितियों के सदस्य हैं। इन समितियों के माध्यम से वे देश के उपभोक्ताओं के हितों, खाद्य सुरक्षा, गृह सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे हैं। उनकी भागीदारी हमेशा तथ्यों, क्षेत्रीय अनुभवों और स्पष्ट दृष्टिकोण पर आधारित रहती है।
विकास और सामाजिक सरोकार
बजरंग सोनवने की राजनीति केवल सत्ता और पदों तक सीमित नहीं रही। उन्होंने अपने क्षेत्र में कई सामाजिक और जन-हितैषी कार्य किए हैं, जिनमें प्रमुख हैं-
किसानों की आर्थिक मदद और तकनीकी प्रशिक्षण। उन्होंने बीड के किसानों के लिए विशेष कृषि शिविरों का आयोजन करवाया जहां नवीन कृषि तकनीकों की जानकारी दी जाती है।
महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना। महिला स्व-सहायता समूहों को प्रोत्साहन देकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने के प्रयास किए।
शिक्षा क्षेत्र में सुधार। उन्होंने कई सरकारी स्कूलों में डिजिटल कक्षाएं शुरू करवाने में मदद की और उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति योजनाएं चलाईं।
युवाओं के लिए करियर मार्गदर्शन शिविर का आयोजन। बेरोजगारी की समस्या को देखते हुए विभिन्न सेक्टरों में कैरियर गाइडेंस और स्किल डेवलपमेंट वर्कशॉप का आयोजन कराया।
जनता से जुड़ाव और संवाद है इनकी ताकत
बजरंग सोनवने की सबसे बड़ी ताकत है, उनका जनता से सीधा संवाद। वे नियमित रूप से अपने निर्वाचन क्षेत्र में जनसंवाद कार्यक्रम करते हैं, जहां आम नागरिक अपनी समस्याएं सीधे रख सकते हैं।
उनकी कार्यशैली में पारदर्शिता, सरलता और समस्या-समाधान की तत्परता स्पष्ट रूप से नजर आती है।
भले ही बजरंग सोनवने का राजनीतिक सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन जिस तरह उन्होंने हर मोर्चे पर खुद को साबित किया है, उससे यह साबित होता है कि वह भविष्य में देश की राजनीति और समाज में समर्पित जनसेवक की भूमिका में मजबूत पहचान कायम करेंगे। अपनी राजनीतिक सफर में उनके प्राथमिक एजेंडे में बीड को जल संकट से मुक्त बनाना, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाना, महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण, शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार, डिजिटल पहुंच जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं। बजरंग मनोहर सोनवने एक ऐसे जननेता हैं जो न सिर्फ विकास की सोच रखते हैं, बल्कि उसे जमीन पर उतारने की क्षमता भी रखते हैं। उनकी सादगी, सेवा भावना और व्यावहारिक दृष्टिकोण जनता के बीच सेतु की तरह स्थापित करने में कारगर साबित हुआ है। राजनीति में जिस तरह की साफ-सुथरी और विकासोन्मुख नेतृत्व की आवश्यकता है, बजरंग सोनवने उसी दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं। आने वाले वर्षों में उनसे बीड की जनता और अधिक प्रभावी और दूरगामी फैसलों की अपेक्षा रखती है।