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    Home » MP Pachmarhi Tour Guide: मध्यप्रदेश की सबसे ऊंची जगह और एकलौता हिल स्टेशन पचमढ़ी, जहाँ चलता सतपुड़ा की रानी का जादू
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    MP Pachmarhi Tour Guide: मध्यप्रदेश की सबसे ऊंची जगह और एकलौता हिल स्टेशन पचमढ़ी, जहाँ चलता सतपुड़ा की रानी का जादू

    Janta YojanaBy Janta YojanaJuly 20, 2025No Comments8 Mins Read
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    MP Beautiful Place Pachmarhi Tour Guide 

    MP Beautiful Place Pachmarhi Tour Guide 

    Pachmarhi Tour Guide: मध्य प्रदेश का दिल कहलाने वाला पचमढ़ी एक ऐसा हिल स्टेशन है, जो प्रकृति की गोद में बसा है। सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच 1067 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह जगह अपनी शांत वादियों, झरनों की कलकल और घने जंगलों के लिए मशहूर है। इसे सतपुड़ा की रानी कहा जाता है, और यह नाम इसके प्राकृतिक सौंदर्य को पूरी तरह बयां करता है। 2009 में यूनेस्को ने पचमढ़ी को बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया, जो इसकी जैव विविधता और पर्यावरणीय महत्व को दर्शाता है। पचमढ़ी की हवा में सुकून है, यहाँ की हरियाली में ताजगी है और यहाँ के नजारे मन को मोह लेते हैं। चाहे आप प्रकृति प्रेमी हों, रोमांच के शौकीन हों या शांति की तलाश में हों, पचमढ़ी हर किसी के लिए कुछ न कुछ खास लेकर आता है। आइए, इस खूबसूरत जगह की सैर करें और इसके हर रंग को करीब से देखें।

    इतिहास की सैर

    पचमढ़ी का इतिहास उतना ही रोमांचक है, जितना इसका प्राकृतिक सौंदर्य। इसका नाम पांच और मढ़ी से मिलकर बना है, जिसका मतलब है पांच गुफाएं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत के पांडवों ने अपने वनवास के दौरान इन गुफाओं में समय बिताया था। इन गुफाओं में प्राचीन शैलचित्र भी मिले हैं, जो इसकी पुरातात्विक महत्व को और बढ़ाते हैं। आधुनिक इतिहास की बात करें तो 1857 में बंगाल लांसर्स के कैप्टन जेम्स फोरसिथ ने इस जगह की खोज की थी। अंग्रेजों ने इसकी ठंडी जलवायु और रणनीतिक स्थिति को देखते हुए इसे छावनी के रूप में विकसित किया। आज भी यहाँ ब्रिटिश काल के चर्च, बंगले और इमारतें देखने को मिलती हैं, जो इसकी औपनिवेशिक विरासत को जीवंत रखती हैं। आजादी के बाद 1967 तक पचमढ़ी मध्य प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी रही, जहाँ मुख्यमंत्री और राज्यपाल के लिए बंगले बनाए गए।

    प्राकृतिक सौंदर्य का खजाना

    पचमढ़ी की सबसे बड़ी खासियत है इसका प्राकृतिक सौंदर्य। सतपुड़ा की पहाड़ियों से घिरा यह हिल स्टेशन घने जंगलों, झरनों और तालाबों से सजा है। यहाँ का मौसम साल भर सुहावना रहता है, सर्दियों में तापमान 4.5 डिग्री तक चला जाता है, जबकि गर्मियों में यह 35 डिग्री से ज्यादा नहीं होता। यहाँ की हरियाली और ठंडी हवाएं शहर की भागदौड़ से थके हुए मन को सुकून देती हैं। धूपगढ़, जो मध्य प्रदेश का सबसे ऊंचा पॉइंट है, यहाँ का मुख्य आकर्षण है। 1352 मीटर की ऊंचाई पर स्थित धूपगढ़ से सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा देखते ही बनता है। सूरज की किरणें जब पहाड़ियों पर पड़ती हैं, तो पूरा दृश्य सुनहरा हो उठता है। यह जगह ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए भी जन्नत है।

    जटाशंकर गुफा: आध्यात्मिकता का केंद्र

    पचमढ़ी का धार्मिक महत्व भी कम नहीं है। जटाशंकर गुफा, जो पचमढ़ी से सिर्फ 1.5 किलोमीटर दूर है, एक प्राकृतिक शिवलिंग का घर है। इस गुफा के ऊपर एक विशाल शिलाखंड बिना किसी सहारे के टिका है, जो देखने में चमत्कारी लगता है। यहाँ का शांत माहौल और प्राकृतिक सुंदरता भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव देती है। पास ही एक चट्टान पर हनुमान जी की मूर्ति भी उकेरी गई है, जो इस जगह को और खास बनाती है। जटाशंकर के रास्ते में एक छोटा सा हनुमान मंदिर भी है, जहाँ स्थानीय लोग और पर्यटक श्रद्धा से मत्था टेकते हैं। गुफा तक पहुंचने का रास्ता थोड़ा पैदल है, लेकिन रास्ते में प्रकृति के नजारे इस थकान को भुला देते हैं।

    पांडव गुफाएं: पौराणिक और पुरातात्विक धरोहर

    पांडव गुफाएं पचमढ़ी की सबसे रहस्यमयी जगहों में से एक हैं। माना जाता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान इन गुफाओं में समय बिताया था। ये गुफाएं बलुआ पत्थर से बनी हैं और मध्यकालीन स्थापत्य कला का शानदार नमूना हैं। गुफाओं में प्राचीन शैलचित्र भी हैं, जो हजारों साल पुराने हैं। ये चित्र उस समय के जीवन, कला और संस्कृति को दर्शाते हैं। गुफाएं ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए भी एक रोमांचक जगह हैं, क्योंकि यहाँ तक पहुंचने के लिए थोड़ा पैदल चलना पड़ता है। गुफाओं के आसपास का शांत माहौल और हरियाली इसे एक यादगार अनुभव बनाते हैं।

    झरनों की मायावी दुनिया

    पचमढ़ी को झरनों का शहर भी कहा जा सकता है। यहाँ के झरने इसकी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। बी फॉल, जिसे जामुना प्रपात भी कहते हैं, एक दांतेदार चट्टान से नीचे गिरता है और इसका दृश्य बेहद मनमोहक है। अप्सरा विहार अपने शांत पूल के लिए जाना जाता है, जहाँ पर्यटक तैराकी का मजा ले सकते हैं। सिल्वर फॉल, जो 350 फीट की ऊंचाई से गिरता है, अपनी चमकती धारा के लिए मशहूर है। इसके अलावा, रजत प्रपात और डचेस फॉल भी पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं। इन झरनों के आसपास की हरियाली और ठंडी हवा मन को तरोताजा कर देती है। यहाँ बैठकर प्रकृति के संगीत को सुनना एक अलग ही अनुभव है।

    सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान: वन्यजीवों का स्वर्ग

    पचमढ़ी सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा है, जो 1981 में स्थापित हुआ और 524 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह उद्यान अपनी जैव विविधता के लिए यूनेस्को बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा है। यहाँ शेर, तेंदुआ, सांभर, चीतल, गौर, भालू और चार सींग वाले हिरन जैसे जानवर देखे जा सकते हैं। पक्षी प्रेमियों के लिए यह जगह स्वर्ग है, क्योंकि यहाँ कई दुर्लभ पक्षी और तितलियां पाई जाती हैं। उद्यान में जीप सफारी और पैदल ट्रेकिंग का मजा लिया जा सकता है। उद्यान के प्रवेश के लिए अनुमति लेनी पड़ती है, लेकिन यहाँ का अनुभव हर पल को यादगार बना देता है। बाइसन लॉज और धूपगढ़ में इंटरप्रिटेशन सेंटर भी हैं, जहाँ आप इस क्षेत्र की जैव विविधता के बारे में और जान सकते हैं।

    धूपगढ़: सूर्योदय और सूर्यास्त का जादू

    धूपगढ़ पचमढ़ी का सबसे ऊंचा पॉइंट है और सूर्योदय-सूर्यास्त देखने के लिए सबसे मशहूर जगह। यहाँ से सतपुड़ा की पहाड़ियां, घाटियां और जंगल एक साथ दिखाई देते हैं। सुबह की पहली किरण और शाम की आखिरी रोशनी यहाँ से देखना एक अविस्मरणीय अनुभव है। धूपगढ़ तक पहुंचने के लिए थोड़ा ट्रेक करना पड़ता है, लेकिन रास्ते में प्रकृति के नजारे इस थकान को भुला देते हैं। यह जगह फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए भी परफेक्ट है। यहाँ से दिखने वाली घाटियों और जंगलों का नजारा ऐसा है, जैसे प्रकृति ने अपने सारे रंग एक साथ बिखेर दिए हों।

    चौरागढ़ मंदिर: आस्था का शिखर

    चौरागढ़ मंदिर पचमढ़ी का एक और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह मंदिर पहाड़ी की चोटी पर है और भगवान शिव को समर्पित है। यहाँ तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, लेकिन ऊपर पहुंचने पर घाटी का मनोरम दृश्य और मंदिर का शांत माहौल सारी थकान मिटा देता है। मंदिर की वास्तुकला और आसपास की हरियाली इसे खास बनाती है। यहाँ से सतपुड़ा की पहाड़ियों का नजारा देखते ही बनता है। स्थानीय लोग और पर्यटक यहाँ आकर आध्यात्मिक सुकून पाते हैं।

    ब्रिटिशकालीन इमारतें

    पचमढ़ी की ब्रिटिशकालीन विरासत भी इसे अनोखा बनाती है। यहाँ के कैथोलिक चर्च और क्राइस्ट चर्च ब्रिटिश वास्तुकला के शानदार नमूने हैं। ये इमारतें उस समय की कहानी कहती हैं, जब अंग्रेज गर्मियों में यहाँ छुट्टियां मनाने आते थे। बाइसन लॉज, जो अब एक संग्रहालय है, ब्रिटिश काल की याद दिलाता है। इन इमारतों की सादगी और सुंदरता पर्यटकों को खूब भाती है। यहाँ की सैर आपको इतिहास के पन्नों में ले जाती है।

    रोमांच और गतिविधियां

    पचमढ़ी सिर्फ शांति और सुंदरता का ठिकाना नहीं है, बल्कि रोमांच के शौकीनों के लिए भी बहुत कुछ है। यहाँ ट्रेकिंग, जीप सफारी, हॉर्स राइड और कैंपिंग का मजा लिया जा सकता है। हांडी खोह एक गहरी घाटी है, जो घने जंगलों से घिरी है और ट्रेकिंग के लिए मशहूर है। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान में जीप सफारी के दौरान वन्यजीवों को करीब से देखने का मौका मिलता है। बूढ़ा तालाब के आसपास पिकनिक मनाने का अपना अलग मजा है। स्थानीय बाजारों में हस्तशिल्प और खाद्य पदार्थों की खरीदारी भी की जा सकती है।

    पचमढ़ी तक कैसे पहुंचें

    पचमढ़ी पहुंचना बेहद आसान है। निकटतम रेलवे स्टेशन पिपरिया है, जो पचमढ़ी से 54 किलोमीटर दूर है। यहाँ से टैक्सी या बस से आसानी से पहुंचा जा सकता है। हवाई मार्ग से भोपाल का राजा भोज एयरपोर्ट सबसे नजदीक है, जो 190 किलोमीटर की दूरी पर है। सड़क मार्ग से पचमढ़ी भोपाल, इंदौर, नागपुर और छिंदवाड़ा से अच्छी तरह जुड़ा है। स्थानीय स्तर पर जीप, स्कूटर या कार किराए पर लेकर घूमा जा सकता है। सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है, जब मौसम ठंडा और सुहावना रहता है।

    कहाँ ठहरें

    पचमढ़ी में ठहरने के लिए कई विकल्प हैं। यहाँ बजट होटल, होम स्टे और सरकारी गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं। मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग के रिसॉर्ट्स और होटल भी आरामदायक और किफायती हैं। बाइसन लॉज और रॉक एंड रिसॉर्ट जैसे स्थान पर्यटकों के बीच खासे लोकप्रिय हैं। यहाँ के कई होटल जंगल और पहाड़ों के नजारे वाली बालकनी के साथ आते हैं, जो आपकी यात्रा को और खास बनाते हैं। स्थानीय खाना, जैसे भुक्का, भाखरी और मालपुआ, भी जरूर आजमाएं।

    स्थानीय संस्कृति और बाजार

    पचमढ़ी की संस्कृति में स्थानीय आदिवासी प्रभाव साफ दिखता है। यहाँ के बाजारों में हस्तशिल्प, बांस की वस्तुएं और स्थानीय मिठाइयां मिलती हैं। पंचारण्य हाट बाजार में स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लिया जा सकता है। यहाँ के लोग सादगी और मेहमाननवाजी के लिए जाने जाते हैं। पर्यटक यहाँ की स्थानीय चाय और महाराष्ट्रीयन खाने का लुत्फ उठा सकते हैं।

    पचमढ़ी, सतपुड़ा की रानी, एक ऐसी जगह है, जो प्रकृति, इतिहास, आध्यात्मिकता और रोमांच का अनोखा मिश्रण है। यहाँ के झरने, गुफाएं, जंगल और मंदिर हर तरह के यात्री को अपनी ओर खींचते हैं। चाहे आप परिवार के साथ पिकनिक मनाने आएं, दोस्तों के साथ ट्रेकिंग करें या अकेले सुकून की तलाश में हों, पचमढ़ी आपको निराश नहीं करेगा। यह जगह न केवल आपकी थकान मिटाती है, बल्कि आपके दिल में अपनी खूबसूरती की छाप छोड़ जाती है।

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