
Bihar News: बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। इस बार मामला राजद नेता तेजस्वी यादव से जुड़ा है जिन पर दो अलग-अलग वोटर ID रखने का आरोप लगा है। अब इसे लेकर पटना के चुनाव अधिकारी ने तेजस्वी यादव को पत्र भेजकर उनसे उस मतदाता पहचान पत्र को जमा करने को कहा है जिसे उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सार्वजनिक रूप से दिखाया था। यह कदम उस शिकायत के बाद उठाया गया है जिसमें तेजस्वी पर अलग-अलग नंबरों वाले दो वोटर ID कार्ड रखने का आरोप लगाया गया है।
पूर्व उप-मुख्यमंत्री को भेजे गए नोटिस में चुनाव अधिकारी ने लिखा, ऐसा लगता है कि आपके द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिखाया गया मतदाता पहचान पत्र फर्जी है। झूठे सरकारी दस्तावेज बनाना और उनका इस्तेमाल करना कानूनी अपराध है। आपसे अनुरोध है कि आप 16 अगस्त की शाम 5 बजे तक हमारे कार्यालय में यह फर्जी प्रतीत होने वाला मतदाता पहचान पत्र जमा करें।

क्या है पूरा विवाद?
यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब तेजस्वी ने चुनाव आयोग पर एक सनसनीखेज आरोप लगाया कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत प्रकाशित मतदाता सूची के मसौदे में उनका नाम नहीं है।
इसके तुरंत बाद, चुनाव आयोग ने उनके दावों का खंडन किया और कहा कि उनका नाम वास्तव में मतदाता सूची के मसौदे में मौजूद है। अब इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठातेहुये कहा है कि क्या पूर्व उपमुख्यमंत्री के पास एक से ज़्यादा मतदाता पहचान पत्र और EPIC नंबर हैं।
मामले की आगे जाँच करने पर, चुनाव आयोग ने कहा कि उसने पाया कि उनका नाम मतदान केंद्र संख्या 204 (बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पुस्तकालय भवन) के क्रमांक 416 पर EPIC नंबर RAB0456228 के साथ दर्ज है। लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में यादव ने दावा किया था कि उनका ईपीआईसी नंबर RAB2916120 है।
EPIC चुनाव आयोग द्वारा योग्य मतदाताओं को जारी किए जाते हैं और ये पहचान और मतदान की पात्रता, दोनों के प्रमाण के रूप में काम करते हैं। चल रही जाँच से यह पता चलने की उम्मीद है कि दूसरा EPIC नंबर कैसे और क्यों सवालों के घेरे में आया।