Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • अब बनेगी सपा की सरकार! आजम खां-इरफान सोलंकी की रिहाई पर सांसद रुचि वीरा ने कह दी ऐसी बात
    • Mallikarjun Kharge Hospitalised: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में हुये भर्ती
    • भारत का अनोखा द्वीप समूह जानिए सेंट मैरी आइलैंड क्लस्टर के बारे में
    • पूर्वोत्तर भारत का रहस्यमयी तैरता हुआ गाँव – जानिए लोकतक झील के बारे में
    • NDA का मास्टरस्ट्रोक, बिहार चुनाव में पवन सिंह को मिलेंगी दो सीटें! अमित शाह संग सीक्रेट मीटिंग से मची खलबली
    • ये है NDA का ‘गेमचेंजर प्लान’… भाजपा में लौटे पवन सिंह, क्या नया समीकरण ध्वस्त कर देगा महागठबंधन?
    • बर्फ के पहाड़ बन चुके पानी से सोनम वांगचुक के आइस स्तूप प्रोजेक्ट ने कैसे बचाई लद्दाख की नदियां
    • Dussehra 2025: लखनऊ में इन जगहों में रावण दहन होगा सबसे ख़ास, जानिए बच्चों को कहाँ आएगा ज़्यादा मज़ा
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » Dussehra Mela in Jaipur: जयपुर का रावण अनोखा क्यों? दस सिरों में एक गधे का सिर
    Tourism

    Dussehra Mela in Jaipur: जयपुर का रावण अनोखा क्यों? दस सिरों में एक गधे का सिर

    Janta YojanaBy Janta YojanaSeptember 23, 2025No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    Dussehra Celebration in Jaipur Unique Ravana Dahan Information in Hindi(Image Credit-Social Media)

    Dussehra Celebration in Jaipur Unique Ravana Dahan Information in Hindi

    Dussehra Mela in Jaipur:  नवरात्रों के आरंभ के साथ ही अब राम के 14 वषों के वनवास बाद अयोध्या वापसी की तैयारियां भी जोरों पर हैं। मंदिर से लेकर पंडालों में विविध प्रकार की भव्य सजावट इस शुभता की ओर संकेत देती हुई नजर आ रही है। दीपोत्सव के साथ ही रावण दहन हिन्दू धर्म में बेहद बड़ा पर्व माना जाता है। यही वजह है कि इन दिनों पूरे देश में रावण अपने खास आध्यात्मिक महत्व के साथ ही नए रूप और कद-काठी के चलते लोगों के बीच रोमांच का केंद्र बना हुआ है। भारत की खासियत यही है कि यहां हर त्योहार केवल धार्मिक रस्मों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि दिलों को जोड़ने और समाज को एक सूत्र में पिरोने का जरिया बन जाता है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में दशहरे का मेला इस बात की सबसे खूबसूरत मिसाल पेश करता है। आदर्श नगर के दशहरा मैदान में हर साल जलने वाला 105 फीट ऊंचा रावण और 90 फीट का कुम्भकर्ण कोई साधारण कारीगर नहीं, बल्कि मथुरा से आए एक मुस्लिम परिवार के हाथों से तैयार होता है। यह परंपरा आज नहीं, बल्कि पांच पीढ़ियों से चल रही है। आइए जानते हैं इस अनोखी गंगा जमुनी परम्परा के बारे में विस्तार से –

    डेढ़ महीने लगातार दिनरात की मेहनत के बाद कहीं तैयार होता है कुंभकर्ण


    लंबे समय से चली आ रही परम्परा के मुताबिक हर जन्माष्टमी के अगले ही दिन यह मुस्लिम परिवार जयपुर पहुंच जाता है। श्रीराम मंदिर प्रन्यास आदर्श नगर के परिसर में वे अपना डेरा डालते हैं। करीब डेढ़ महीने तक मंदिर ही उनका घर बन जाता है। इसी दौरान बांस, कपड़ा, कागज और रंगों से रावण और कुम्भकर्ण की विशाल काया खड़ी होती है। खास बात यह है कि जब तक वे मंदिर में रहते हैं, पूरा परिवार शाकाहारी जीवन अपनाता है और धार्मिक अनुशासन का पालन करता है।

    पिछली पांच पीढ़ियों से चली आ रही ये परम्परा

    कारीगर चांद बाबू, जिनके परिवार ने पिछली पांच पीढ़ियों से इस परंपरा को जीवित रखा है, गर्व से बताते हैं कि उनके दादा-परदादा ने सबसे पहले 20 फीट का रावण बनाया था। आज वही रावण बढ़कर 105 फीट का हो चुका है। उनका कहना है कि भले ही परिवार का मूल पेशा कपड़े की सिलाई और चांदी की पाजेब बनाना है, लेकिन दशहरे के समय सबकुछ छोड़कर वे जयपुर आते हैं। उनके लिए यह काम सिर्फ आजीविका नहीं, बल्कि आस्था और परंपरा से जुड़ाव के साथ ही समाज से जुड़ने का ज़रिया भी है।

    आपसी मेल-जोल और गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल बन चुका है ये मेला

    श्रीराम मंदिर प्रन्यास आदर्श नगर, जयपुर में होने वाले इस आयोजन के संयोजक राजीव मनचंदा का इस बारे में कहना है कि, यह मेला केवल बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक नहीं, बल्कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल भी बन चुका है। मंदिर में इस भव्य आयोजन के प्रति मुस्लिम परिवार का समर्पण यह दिखाता है कि धर्म कभी दीवार नहीं बनाता, बल्कि रिश्तों को मजबूत करता है। कारीगर राजा खान इस मेले के बारे में और भी गहरी बात कहते हैं। उनका कहना है कि, यह मेला केवल रावण जलाने का प्रतीक नहीं बल्कि यह जाति और मजहब की दूरी मिटाने का संदेश भी देता है।

    क्या है गधे का सिर और उससे जुड़ी मान्यता

    आदर्श नगर का रावण अपने रूप से भी खास है। यहां रावण के दस सिरों में से एक सिर गधे का होता है। यह परंपरा मंदसौर से ली गई है। मान्यता है कि यह गधे का सर असल में अहंकार का प्रतीक है, जो इंसान को मूर्खता की ओर धकेलता है। यही वजह है कि यहां आने वाले लोग रावण को सिर्फ देखने नहीं, बल्कि उससे सीखने भी आते हैं।

    इतना ही नहीं, दशहरे से पहले नवविवाहित जोड़े और नवजात शिशु इस रावण से आशीर्वाद लेने आते हैं। उनका विश्वास है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और बच्चे का भविष्य उज्ज्वल रहता है।

    रिमोट कंट्रोल से जलाया जाता है यहां रावण

    पहले रावण दहन परंपरागत तरीके से होता था, लेकिन अब समय के साथ तकनीक जुड़ गई है। 105 फीट ऊंचे रावण और 90 फीट के कुम्भकर्ण को रिमोट कंट्रोल से जलाया जाता है। इससे जहां सुरक्षा पुख्ता होती है, वहीं हजारों की भीड़ को रोमांचक अनुभव भी मिलता है। आतिशबाज़ी और नारों के बीच यह रावण दहन से यह मेला स्थल भक्ति और उत्साह से सराबोर हो उठता है। जयपुर का यह दशहरा महज धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक सौहार्द का उत्सव है। जब मुस्लिम परिवार मंदिर परिसर में रहकर महीनों तक रावण बनाता है और हिंदू समाज उनके योगदान का सम्मान करता है, तो यह भारत की असली पहचान सामने आती है। यहां रावण केवल बुराई का प्रतीक नहीं रहता, बल्कि इंसानियत को जोड़ने वाला पुल बन जाता है। जयपुर राम मंदिर में चली आ रही यह अनोखी परंपरा भारत की उस आत्मा को उजागर करती है, जहां विविधता के बीच एकता सबसे बड़ा उत्सव माना जाता रहा है।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleइंसाफ जिंदाबाद! आजम खान की आजादी पर अखिलेश यादव का X पोस्ट, बोले- दिल से शुक्रिया…
    Next Article Maa Vaishno Devi Temple: नवरात्रों पर देखते ही बनती है ओडिशा के मां वैष्णो देवी मंदिर की महिमा
    Janta Yojana

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    Related Posts

    भारत का अनोखा द्वीप समूह जानिए सेंट मैरी आइलैंड क्लस्टर के बारे में

    September 30, 2025

    पूर्वोत्तर भारत का रहस्यमयी तैरता हुआ गाँव – जानिए लोकतक झील के बारे में

    September 30, 2025

    बर्फ के पहाड़ बन चुके पानी से सोनम वांगचुक के आइस स्तूप प्रोजेक्ट ने कैसे बचाई लद्दाख की नदियां

    September 30, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

    June 22, 2025

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    बिहार नहीं, ये है देश का सबसे कम साक्षर राज्य – जानकर रह जाएंगे हैरान

    September 20, 2025

    दिल्ली विश्वविद्यालय में 9500 सीटें खाली, मॉप-अप राउंड से प्रवेश की अंतिम कोशिश

    September 11, 2025

    RIMC देहरादून में जुलाई 2026 टर्म के लिए एडमिशन शुरू, 15 अक्तूबर तक कर सकते हैं आवेदन

    August 17, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.